रांची: छठी जेपीएससी के विरोध में आंदोलन का नाम थमने का नाम नहीं ले रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी आंदोलनकारी अभ्यर्थियों ने रांची के मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा के पास भूख हड़ताल की शुरुआत की है. हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए तीन ही अभ्यर्थियों ने इस आंदोलन की शुरुआत की है.
चार साल पुराना विवाद
बता दें कि छठी जेपीएससी को लेकर चार साल पुराना विवाद है. विज्ञापन निकलने के साथ-साथ पीटी परीक्षा, मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार और अब तमाम गतिविधियों को संपन्न कराते हुए छठी जेपीएससी के फाइनल रिजल्ट का भी विरोध लगातार किया जा रहा है. जेपीएससी के आंदोलनकारी अभ्यर्थियों ने जेपीएससी पर विज्ञापन में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इन अभ्यर्थियों का तर्क है कि विज्ञापन में ही गड़बड़ी है. इसी वजह से फाइनल रिजल्ट में लगातार गलतियां सामने आ रही हैं और अब आने वाले सातवीं-आठवीं और नौवीं संयुक्त जेपीएससी परीक्षा भी बिना किसी धांधली की नहीं होगी. क्योंकि छठी जेपीएससी को ही भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा दिया गया है.
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हेमंत सरकार से मांग
छात्रों की मांग है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नेता प्रतिपक्ष रहते हुए जो वादे किए थे उस वादे को निभाएं और छठी सिविल सेवा परीक्षा की याचना वापस लें. संयुक्त परीक्षा छठी, सातवीं, आठवीं, 9वीं चार महीने के अंदर प्रीमियम सेवा के साथ लागू करें.
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बापू वाटिका के पास आमरण अनशन की शुरुआत
हालांकि, रिजल्ट जारी हुए करीब 20 दिन बीतने को हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस आंदोलन को लेकर अब तक कोई बयान नहीं आया है. इसी से आक्रोशित होकर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए आंदोलनकारी अभ्यर्थियों में से तीन अभ्यर्थियों ने बापू वाटिका के पास आमरण अनशन की शुरुआत की है.