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झारखंड में अनोखी पहल, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी दूर करने की तैयारी, दो विभागों के बीच एमओयू

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Published : Aug 3, 2021, 7:54 PM IST

झारखंड से गरीबी दूर करने और आजीविका के नए रास्ते खोलने के लिए ग्रामीण विकास विभाग की झारखंड स्टेट लाइवलीहुड सोसाइटी और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत शहरी विकास एवं आवास विकास विभाग के बीच एमओयू (MoU) हुआ है. राज्य को गरीबी मुक्त करने के लिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की यह एक अच्छी पहल है.

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गरीबी मुक्त होगा झारखंड

रांची: शहरी और ग्रामीण इलाकों की गरीबी दूर करने और आजीविका के नए रास्ते खोलने के लिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के दो विभागों ने अनोखी पहल की है. इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग की झारखंड स्टेट लाइवलीहुड सोसाइटी और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत शहरी विकास एवं आवास विकास विभाग के बीच एमओयू (MoU) हुआ है.

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ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने कहा कि गरीबी खत्म करने की दिशा में यह एक अभिनव शुरुआत है. ऐसा पहली बार होगा जब ग्रामीण विकास और शहरी विकास विभाग मिलकर कार्य करेंगे, ताकि हर शहरी और ग्रामीण जरूरतमंद परिवार तक आजीविका का लाभ प्रभावी तरीके से पहुंचे. राज्य के शहरी गरीबों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड सोसाइटी अब राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन को नॉलेज पार्टनर के तौर पर सहयोग प्रदान करेगी.

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बैठक करते अधिकारी

शहरी विकास विभाग के सचिव ने जेएसएलपीएस की तारीफ की

वहीं इस मौके पर शहरी विकास विभाग के सचिव विनय चौबे ने जेएसएलपीएस की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि कोविड आपदा के दौरान मुख्यमंत्री दीदी किचन का संचालन जेएसएलपीएस ने प्रभावी तरीके से किया था. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के समूहों में उत्पादन की कमी नहीं है, लेकिन उत्पादों के विपणन के लिए दिक्कतें आती हैं. शहरी क्षेत्रों मे विपणन के कई अवसर हैं. इन दोनों क्षेत्रों के समावेशन से इस मुश्किलों को दूर किया जा सकता है, साथ ही बाजारों से जोड़कर आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोग प्रदान किया जा सकता है.

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जेएसएलपीएस 11 वर्षों से कर रही ग्रामीण आजीविका प्रोत्साहन के लिए काम

एमओयू को लेकर जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय ने कहा की जेएसएलपीएस के लिए यह एक अच्छा अवसर है. एनयूएलएम का सहयोग कर हम और प्रभावी तरीके से अपने कार्यों को साबित कर पाएंगे. जेएसएलपीएस पिछले 11 वर्षों से ग्रामीण आजीविका प्रोत्साहन के लिए काम कर रही है. हजारों की संख्या में स्वयं सहायता समूह तैयार किए गए हैं. लिहाजा शहरी स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने में यह अनुभव मील का पत्थर साबित होगा. दोनों विभागों के बीच समन्वय से समुदाय को संगठित करने के उद्देश्य की पूर्ति हो सकेगी. राज्य मिशन प्रबंधकों, शहर मिशन प्रबंधकों और सामुदायिक आयोजकों और सीआरपी को ट्रेंड किया जाएगा. इस कड़ी में पहला 6 दिवसीय प्रशिक्षण की शुरूआत की गई है.

रांची: शहरी और ग्रामीण इलाकों की गरीबी दूर करने और आजीविका के नए रास्ते खोलने के लिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के दो विभागों ने अनोखी पहल की है. इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग की झारखंड स्टेट लाइवलीहुड सोसाइटी और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत शहरी विकास एवं आवास विकास विभाग के बीच एमओयू (MoU) हुआ है.

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ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने कहा कि गरीबी खत्म करने की दिशा में यह एक अभिनव शुरुआत है. ऐसा पहली बार होगा जब ग्रामीण विकास और शहरी विकास विभाग मिलकर कार्य करेंगे, ताकि हर शहरी और ग्रामीण जरूरतमंद परिवार तक आजीविका का लाभ प्रभावी तरीके से पहुंचे. राज्य के शहरी गरीबों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड सोसाइटी अब राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन को नॉलेज पार्टनर के तौर पर सहयोग प्रदान करेगी.

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शहरी विकास विभाग के सचिव ने जेएसएलपीएस की तारीफ की

वहीं इस मौके पर शहरी विकास विभाग के सचिव विनय चौबे ने जेएसएलपीएस की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि कोविड आपदा के दौरान मुख्यमंत्री दीदी किचन का संचालन जेएसएलपीएस ने प्रभावी तरीके से किया था. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के समूहों में उत्पादन की कमी नहीं है, लेकिन उत्पादों के विपणन के लिए दिक्कतें आती हैं. शहरी क्षेत्रों मे विपणन के कई अवसर हैं. इन दोनों क्षेत्रों के समावेशन से इस मुश्किलों को दूर किया जा सकता है, साथ ही बाजारों से जोड़कर आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोग प्रदान किया जा सकता है.

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जेएसएलपीएस 11 वर्षों से कर रही ग्रामीण आजीविका प्रोत्साहन के लिए काम

एमओयू को लेकर जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय ने कहा की जेएसएलपीएस के लिए यह एक अच्छा अवसर है. एनयूएलएम का सहयोग कर हम और प्रभावी तरीके से अपने कार्यों को साबित कर पाएंगे. जेएसएलपीएस पिछले 11 वर्षों से ग्रामीण आजीविका प्रोत्साहन के लिए काम कर रही है. हजारों की संख्या में स्वयं सहायता समूह तैयार किए गए हैं. लिहाजा शहरी स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने में यह अनुभव मील का पत्थर साबित होगा. दोनों विभागों के बीच समन्वय से समुदाय को संगठित करने के उद्देश्य की पूर्ति हो सकेगी. राज्य मिशन प्रबंधकों, शहर मिशन प्रबंधकों और सामुदायिक आयोजकों और सीआरपी को ट्रेंड किया जाएगा. इस कड़ी में पहला 6 दिवसीय प्रशिक्षण की शुरूआत की गई है.

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