रांचीः मुश्किल समय को भी मां आशा बना देती है. मां की दी हुई हर सीख किसी वरदान से कम नहीं होती. अगर आप किसी दुख विकट परिस्थिति में हो तो आंखें बंद कर अपनी मां को एक बार पुकार ले तो कहा जाता है मां, सात-समुंदर पार ही क्यों न रहती हो. आपकी आवाज वह मन से ही सुन लेती है. मां का मन घबराता है. वह जान जाती हैं कि उनके बच्चे पर कोई विपदा है या कोई दुख आन पड़ी है.
मां शब्द ही एक ऐसा शब्द है जिसमें पूरा ब्रह्मांड समाया रहता है और आज पूरा विश्व मदर्स डे मना रहा है. इस कड़ी में झारखंड की राजधानी रांची में भी लोग अपनी मां को बधाई देकर इस दिन को उन्हें याद दिला रहा है. इस कड़ी में हमारी टीम ने भी कुछ ऐसे ही लोगों से बातें की जो अलग-अलग तरीके से मां शब्द को पुकारता हो.
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हमारे देश में कई भाषाएं और परंपरा है. ऐसे में हर विशेष धर्म, स्थान के लोग अपने तरीके और अपनी भावना के अनुसार अपनी मां को पुकारते हैं. मां का होना अपने आप में पूरे संसार का होना है. मां की मौजूदगी में ही खुशियों का ठिकाना है.