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रांची में परेशान हैं कुपोषित बच्चों की मां, डरा रहा है कोरोना संक्रमण का खतरा

झारखंड में कोरोना संक्रमण रोजाना अपने पिछले रिकार्ड को तोड़ रहा है. ऐसें में आम लोगों के साथ डॉक्टर भी संक्रमित हो रहे हैं. डोरंडा सामुदायिक केंद्र के प्रभारी डॉ मीता सिन्हा और एक अन्य डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने के बाद रांची में कुपोषित बच्चे की मां परेशान हैं. एमटीसी (Mal Nutrition Treatment Center) में इलाज करवा रही बच्चों की मां को कोरोना संक्रमण का खतरा डरा रहा है.

corona infection in Jharkhand
झारखंड में कोरोना
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Published : Jan 9, 2022, 7:33 PM IST

Updated : Jan 9, 2022, 8:30 PM IST

रांची: झारखंड में हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रही है. राजधानी रांची सहित राज्य भर में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. हालत ये है कि अब मरीजों की सेवा करनेवाले डॉक्टर्स भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. रांची सदर अस्पताल और डोरंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मिलाकर 20 डॉक्टर अब तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.

ये भी पढे़ं- 'अभी और फैलेगा कोरोना संक्रमण', कब थमेगा, जानें हेल्थ एक्सपर्ट की राय

कुपोषित बच्चों की मां की चिंता बढ़ी

डोरंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ मीता सिन्हा और एक अन्य डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने के बाद सामुदायिक केंद्र के पहले तल्ले पर चलने वाला एमटीसी (Mal Nutrition Treatment Center) यानि कुपोषण उपचार केंद्र की 13 माताओं की चिंता बढ़ गई है. अस्पताल के प्रभारी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें यह डर सताने लगा है कहीं कुपोषण के चलते पहले से ही कमजोर उनका लाडला कोरोना की तीसरी लहर का शिकार न हो जाए.

देखें वीडियो

क्या कह रही हैं बच्चों की मां
जब से डोरंडा सामुदायिक केंद्र प्रभारी पॉजिटिव मिली है तब से डोरंडा एमटीसी (Mal Nutrition Treatment Center) में कुपोषण के इलाज के लिए आई 13 कुपोषित बच्चों की मां सहमी हुई हैं. इन माताओं कहा कि क्या करें. एक तरफ कोरोना का डर है तो दूसरी ओर कुपोषण से बच्चे को मुक्त कर स्वस्थ करने की कोशिश. दिलवंती,मनीषा ,करमी जैसी माताएं एमटीसी (Mal Nutrition Treatment Center) सेंटर में रहकर अपने बच्चों का इलाज तो करा रही हैं.

संक्रमण के बाद सैनिटाइज नहीं हुआ केंद्र

डोरंडा सामुदायिक केंद्र के प्रभारी सहित 2 डाक्टरों के संक्रमित हो जाने के बावजूद न तो पूरे अस्पताल परिसर को सेनेटाइज कराया गया है और न ही संक्रमण रोकने के कोई अन्य उपाय किये गए हैं. कुपोषण उपचार केंद्र में कुपोषित बच्चों के माताओं में कोरोना संक्रमण फैलने के डर को तो नर्सें सही मानती हैं पर यह भी कहती हैं कि स्थानीय स्तर पर उन लोगों ने पहले तल्ले को सेनेटाइज करने की कोशिश की है.
घर वापस लौट सकती हैं महिलाएं
कोरोना के दूसरी लहर के दौरान एमटीसी सेंटर में कुपोषित बच्चों का इलाज कराने आयी 9 महिलाएं अपने अपने बच्चों को बिना इलाज पूरा कराएं घर वापस लौट गई थी. इस बार भी इनमें डोरंडा अस्पताल को ठीक से सेनेटाइज नहीं करने पर कोरोना का खौफ व्याप्त हो गया है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि इस बार भी ये महिलाएं बिना इलाज पूरा किए ही वापस लौट सकती हैं.

रांची: झारखंड में हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रही है. राजधानी रांची सहित राज्य भर में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. हालत ये है कि अब मरीजों की सेवा करनेवाले डॉक्टर्स भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. रांची सदर अस्पताल और डोरंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मिलाकर 20 डॉक्टर अब तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.

ये भी पढे़ं- 'अभी और फैलेगा कोरोना संक्रमण', कब थमेगा, जानें हेल्थ एक्सपर्ट की राय

कुपोषित बच्चों की मां की चिंता बढ़ी

डोरंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ मीता सिन्हा और एक अन्य डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने के बाद सामुदायिक केंद्र के पहले तल्ले पर चलने वाला एमटीसी (Mal Nutrition Treatment Center) यानि कुपोषण उपचार केंद्र की 13 माताओं की चिंता बढ़ गई है. अस्पताल के प्रभारी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें यह डर सताने लगा है कहीं कुपोषण के चलते पहले से ही कमजोर उनका लाडला कोरोना की तीसरी लहर का शिकार न हो जाए.

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क्या कह रही हैं बच्चों की मां
जब से डोरंडा सामुदायिक केंद्र प्रभारी पॉजिटिव मिली है तब से डोरंडा एमटीसी (Mal Nutrition Treatment Center) में कुपोषण के इलाज के लिए आई 13 कुपोषित बच्चों की मां सहमी हुई हैं. इन माताओं कहा कि क्या करें. एक तरफ कोरोना का डर है तो दूसरी ओर कुपोषण से बच्चे को मुक्त कर स्वस्थ करने की कोशिश. दिलवंती,मनीषा ,करमी जैसी माताएं एमटीसी (Mal Nutrition Treatment Center) सेंटर में रहकर अपने बच्चों का इलाज तो करा रही हैं.

संक्रमण के बाद सैनिटाइज नहीं हुआ केंद्र

डोरंडा सामुदायिक केंद्र के प्रभारी सहित 2 डाक्टरों के संक्रमित हो जाने के बावजूद न तो पूरे अस्पताल परिसर को सेनेटाइज कराया गया है और न ही संक्रमण रोकने के कोई अन्य उपाय किये गए हैं. कुपोषण उपचार केंद्र में कुपोषित बच्चों के माताओं में कोरोना संक्रमण फैलने के डर को तो नर्सें सही मानती हैं पर यह भी कहती हैं कि स्थानीय स्तर पर उन लोगों ने पहले तल्ले को सेनेटाइज करने की कोशिश की है.
घर वापस लौट सकती हैं महिलाएं
कोरोना के दूसरी लहर के दौरान एमटीसी सेंटर में कुपोषित बच्चों का इलाज कराने आयी 9 महिलाएं अपने अपने बच्चों को बिना इलाज पूरा कराएं घर वापस लौट गई थी. इस बार भी इनमें डोरंडा अस्पताल को ठीक से सेनेटाइज नहीं करने पर कोरोना का खौफ व्याप्त हो गया है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि इस बार भी ये महिलाएं बिना इलाज पूरा किए ही वापस लौट सकती हैं.

Last Updated : Jan 9, 2022, 8:30 PM IST
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