रांची: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. 22 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सेशन में कुल 5 कार्य दिवस होंगे. 26 जुलाई तक चलने वाले मॉनसून सेशन को लेकर प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साफ तौर पर कहा कि अनावृष्टि की वजह से सूखे की स्थिति को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाएगा. इसके साथ ही पलायन और अन्य स्थानीय मुद्दे भी इस सत्र में मजबूती से रखे जाएंगे.
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार नहीं चाहती है कि सत्र नियमित रूप से चले. यही वजह है कि हर बार सेशन छोटी अवधि का रखा जाता है, भट्टाचार्य ने कहा कि मॉब लिंचिंग और किसानों की समस्या को लेकर विपक्ष एकजुट होकर आवाज उठाएगा.वहीं सत्ताधारी बीजेपी ने विपक्ष पर सदन में कार्यवाही के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि चूंकि यह मौजूदा सरकार का अंतिम मानसून सत्र होगा इसलिए सरकार राज्य के विकास से जुड़ी चीजों को उठाएगी और सदन में पेश किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- रांची में खून से लथपथ मिला युवक का शव, पत्थर से कूच कर की गई है हत्या
विपक्ष की भूमिका पर जनता की नजर
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा हर बार विपक्ष डिबेट से भागता आ रहा है. इस बार भी वैसी स्थिति की संभावनाएं बन रही हैं. उन्होंने कहा कि जनता विपक्ष की इस भूमिका को अच्छे से देख रही है और इसका सही समय पर जवाब भी देगी.
5 दिन के कार्य दिवस में होंगे ये काम
झारखंड विधान सभा सचिवालय की तरफ से जारी किए गए मॉनसून सेशन के शेड्यूल के अनुसार 22 से 26 जुलाई तक मॉनसून सेशन चलेगा। जिसमें पहले दिन ही वित्त वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरण को हाउस में रखा जाएगा। जबकि 23 जुलाई को उस पर डिबेट होगा और वोटिंग भी होना है। वही 23 जुलाई से लेकर 26 जुलाई तक चार दिनों तक प्रश्नकाल का समय भी तय है। इस दौरान राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य भी होने की संभावना है।