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भयावह! लॉकडाउन में अपनों के ही शिकार हुए मासूम, दुष्कर्म के ज्यादा आरोपी रिश्तेदार

झारखंड में लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म की वारदात हुईं. इसमें अधिकांश आरोपी उनके परिचित ही निकले. बता दें कि रांची में लॉकडाउन की अवधि में 22 नाबालिगों को दरिंदों ने अपना शिकार बनाया.

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Published : Jun 30, 2020, 8:33 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 10:55 PM IST

रांची: झारखंड में बेटियां अपनों से ही सुरक्षित नहीं हैं. मासूम बेटियों को सबसे ज्यादा खतरा अपनों से ही है. लॉकडाउन के दौरान मिले दुष्कर्म के आंकड़े बेहद चौकानेवाले और गंभीर हैं. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया और अधिकतर आरोपी उनके परिचित ही निकले.

देखें पूरी खबर

भयावह हैं आंकड़े

पूरे देश भर में लॉकडाउन के दौरान झारखंड में भी लॉकडाउन थी. लेकिन इसके बावजूद अप्रैल 20 महीने में झारखंड के अलग-अलग थानों में 104 दुष्कर्म की वारदातें दर्ज हुईं. वहीं 23 मार्च से लेकर 21 मई के बीच झारखंड के अलग-अलग जिलों में दुष्कर्म की कुल 155 वारदात दर्ज की गई है. इन वारदातों में 17 गैंगरेप की वारदात भी शामिल हैं. सबसे खौफनाक बात यह है कि रांची में लॉकडाउन की अवधि में 22 नाबालिगों को दरिंदों ने अपना शिकार बनाया. झारखंड पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार, लॉकडाउन से ठीक पहले यानी जनवरी महीने में दुष्कर्म के 151 मामले सामने आए थे. फरवरी महीने में 142 और मार्च महीने में 150 मामले दर्ज किए गए थे. अगर साल 2019 में झारखंड भर में दुष्कर्म के मामलों की बात करें तो यह आंकड़ा 1742 था. यानी झारखंड में 24 घंटे में 4 से अधिक दुष्कर्म की वारदातें सामने आती रहीं. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों की माने तो नाबालिग से दुष्कर्म के अधिकतर आरोपी उनके सगे-संबंधी ही निकले हैं.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन ने हूल के नायक सिदो-कान्हू को दी श्रद्धांजलि, कहा- शहीदों का बलिदान करेगा प्रेरित

कहां कितनी वारदात

  • रांची- 22, गढ़वा-23, हजारीबाग- 18, चतरा-14, पलामू- 22
  • लातेहार- 5, कोडरमा- 2, सिमडेगा-2, धनबाद- 16
  • गुमला- रेप-1, गैंगरेप- 2, देवघर- 5, गैंगरेप- 2
  • गिरिडीह-3, गैंगरेप- 2, गोड्डा-4, गैंगरेप-1, साहिबगंज-3, गैंगरेप-2
  • पूर्वी सिंहभूम-6, गैंगरेप-1, बोकारो- 2, सरायकेला-खरसावां- 3

रांची में 38 दिनों में 22 नाबालिग हुईं हवस का शिकार
पूर्ण रूप से लॉकडाउन होने के बावजूद राजधानी में दुष्कर्म के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. जबकि इस दौरान पुलिस हर जगह मुस्तैद थी. सीडब्ल्यूसी के आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान 23 मार्च से 21 मई के बीच रांची के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 22 नाबालिग लड़कियों के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया गया. इनमें से 70% लड़कियों की उम्र 10 साल से नीचे की है. सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा कुमारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा अपनों ने ही मासूमों को अपना शिकार बनाया.

ये भी पढ़ें- भारत में चीनी ऐप बैन, रांचीवासियों ने सरकार का किया समर्थन


पुलिस के अनुसार
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार, दुष्कर्म की वारदात लॉकडाउन के दौरान बढ़ी हैं. इस दौरान जो भी दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं उनमें से अधिकतर मामलों में रिश्तेदार और पड़ोसी ही आरोपी निकले हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच में यह खुलासा भी हुआ है कि उन्होंने मासूमों को बहला-फुसलाकर उनके साथ गलत किया. इन मामलों में आरोपी भी पकड़े गए हैं.

रांची: झारखंड में बेटियां अपनों से ही सुरक्षित नहीं हैं. मासूम बेटियों को सबसे ज्यादा खतरा अपनों से ही है. लॉकडाउन के दौरान मिले दुष्कर्म के आंकड़े बेहद चौकानेवाले और गंभीर हैं. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया और अधिकतर आरोपी उनके परिचित ही निकले.

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भयावह हैं आंकड़े

पूरे देश भर में लॉकडाउन के दौरान झारखंड में भी लॉकडाउन थी. लेकिन इसके बावजूद अप्रैल 20 महीने में झारखंड के अलग-अलग थानों में 104 दुष्कर्म की वारदातें दर्ज हुईं. वहीं 23 मार्च से लेकर 21 मई के बीच झारखंड के अलग-अलग जिलों में दुष्कर्म की कुल 155 वारदात दर्ज की गई है. इन वारदातों में 17 गैंगरेप की वारदात भी शामिल हैं. सबसे खौफनाक बात यह है कि रांची में लॉकडाउन की अवधि में 22 नाबालिगों को दरिंदों ने अपना शिकार बनाया. झारखंड पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार, लॉकडाउन से ठीक पहले यानी जनवरी महीने में दुष्कर्म के 151 मामले सामने आए थे. फरवरी महीने में 142 और मार्च महीने में 150 मामले दर्ज किए गए थे. अगर साल 2019 में झारखंड भर में दुष्कर्म के मामलों की बात करें तो यह आंकड़ा 1742 था. यानी झारखंड में 24 घंटे में 4 से अधिक दुष्कर्म की वारदातें सामने आती रहीं. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों की माने तो नाबालिग से दुष्कर्म के अधिकतर आरोपी उनके सगे-संबंधी ही निकले हैं.

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कहां कितनी वारदात

  • रांची- 22, गढ़वा-23, हजारीबाग- 18, चतरा-14, पलामू- 22
  • लातेहार- 5, कोडरमा- 2, सिमडेगा-2, धनबाद- 16
  • गुमला- रेप-1, गैंगरेप- 2, देवघर- 5, गैंगरेप- 2
  • गिरिडीह-3, गैंगरेप- 2, गोड्डा-4, गैंगरेप-1, साहिबगंज-3, गैंगरेप-2
  • पूर्वी सिंहभूम-6, गैंगरेप-1, बोकारो- 2, सरायकेला-खरसावां- 3

रांची में 38 दिनों में 22 नाबालिग हुईं हवस का शिकार
पूर्ण रूप से लॉकडाउन होने के बावजूद राजधानी में दुष्कर्म के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. जबकि इस दौरान पुलिस हर जगह मुस्तैद थी. सीडब्ल्यूसी के आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान 23 मार्च से 21 मई के बीच रांची के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 22 नाबालिग लड़कियों के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया गया. इनमें से 70% लड़कियों की उम्र 10 साल से नीचे की है. सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा कुमारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा अपनों ने ही मासूमों को अपना शिकार बनाया.

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पुलिस के अनुसार
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार, दुष्कर्म की वारदात लॉकडाउन के दौरान बढ़ी हैं. इस दौरान जो भी दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं उनमें से अधिकतर मामलों में रिश्तेदार और पड़ोसी ही आरोपी निकले हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच में यह खुलासा भी हुआ है कि उन्होंने मासूमों को बहला-फुसलाकर उनके साथ गलत किया. इन मामलों में आरोपी भी पकड़े गए हैं.

Last Updated : Jun 30, 2020, 10:55 PM IST
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