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नाबालिग से नक्सलियों ने किया सामूहिक दुष्कर्म, सदमे से उबरने पर सामने आई सच्चाई

खूंटी में नक्सलियों ने 14 साल की नाबालिग के सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. मामला अक्टूबर 2018 का ही है, पर घटना के बाद नाबालिग बोलने की स्थिति में नहीं थी, उसका इलाज चल रहा था. अब जाकर पीड़िता के बयान पर मामला दर्ज हुआ है.

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Published : Jun 20, 2019, 7:43 AM IST

रांची: खूंटी में नक्सलियों ने 14 साल की नाबालिग के सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. पीड़िता के बयान पर खूंटी के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. नाबालिग के साथ पिछले साल अक्टूबर में ही दुष्कर्म की घटना हुई थी, लेकिन वारदात के बाद मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण नाबालिग का बयान दर्ज नहीं हो पाया था.

बाल कल्याण समिति में थी भर्ती
नाबालिग की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बाल कल्याण समिति खूंटी की अभिरक्षा में रखा गया था. लगातार इलाज के बाद नाबालिग बयान देने की स्थिति में आई, तब जाकर बाल कल्याण समिति ने ही नाबालिग का बयान लिया. इसके बाद इसकी जानकारी एएचटीयू थाने के साथ-साथ खूंटी डीसी-एसपी और एडीजी स्पेशल ब्रांच और सीआईडी एडीजी को दी गई है.

क्या है मामला
पीड़िता ने खूंटी बाल कल्याण समिति को दिए बयान में बताया है कि अक्टूबर 2018 को गांव का ही सामुएल पूर्ति उसके घर आया. तब वह घर में अकेली थी, सामुएल के साथ जंगल से आए 12 हथियारबंद नक्सली भी थे. सभी ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया. नाबालिग ने अपने बयान में कहा है कि घटना के बाद से ही उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी. सामुएल पूर्ति ने उसके साथ मारपीट की थी, साथ ही डराया धमकाया भी था.

ये भी पढ़ें- 'वन नेशन वन इलेक्शन' के पक्ष में सुदेश महतो, ETV BHARAT से की खास बातचीत

इलाज के बाद सीडब्लूसी ने रखवाया
नाबालिग ने अपने बयान में बताया है कि घटना के बाद किसी तरह भागकर वह खूंटी पहुंची. खूंटी में पुलिस वालों ने उसे बरामद किया. इसके बाद चाइल्ड लाइन को सौंप दिया, लेकिन तबीयत काफी खराब होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल से छूटने के बाद नाबालिग को आशा किरण में रखा गया था. बाल कल्याण समिति ने पीड़िता को मुआवजा देने और पुनर्वासित करने की मांग भी खूंटी डीसी और बाल संरक्षण पदाधिकारी से की है.

रांची: खूंटी में नक्सलियों ने 14 साल की नाबालिग के सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. पीड़िता के बयान पर खूंटी के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. नाबालिग के साथ पिछले साल अक्टूबर में ही दुष्कर्म की घटना हुई थी, लेकिन वारदात के बाद मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण नाबालिग का बयान दर्ज नहीं हो पाया था.

बाल कल्याण समिति में थी भर्ती
नाबालिग की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बाल कल्याण समिति खूंटी की अभिरक्षा में रखा गया था. लगातार इलाज के बाद नाबालिग बयान देने की स्थिति में आई, तब जाकर बाल कल्याण समिति ने ही नाबालिग का बयान लिया. इसके बाद इसकी जानकारी एएचटीयू थाने के साथ-साथ खूंटी डीसी-एसपी और एडीजी स्पेशल ब्रांच और सीआईडी एडीजी को दी गई है.

क्या है मामला
पीड़िता ने खूंटी बाल कल्याण समिति को दिए बयान में बताया है कि अक्टूबर 2018 को गांव का ही सामुएल पूर्ति उसके घर आया. तब वह घर में अकेली थी, सामुएल के साथ जंगल से आए 12 हथियारबंद नक्सली भी थे. सभी ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया. नाबालिग ने अपने बयान में कहा है कि घटना के बाद से ही उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी. सामुएल पूर्ति ने उसके साथ मारपीट की थी, साथ ही डराया धमकाया भी था.

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इलाज के बाद सीडब्लूसी ने रखवाया
नाबालिग ने अपने बयान में बताया है कि घटना के बाद किसी तरह भागकर वह खूंटी पहुंची. खूंटी में पुलिस वालों ने उसे बरामद किया. इसके बाद चाइल्ड लाइन को सौंप दिया, लेकिन तबीयत काफी खराब होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल से छूटने के बाद नाबालिग को आशा किरण में रखा गया था. बाल कल्याण समिति ने पीड़िता को मुआवजा देने और पुनर्वासित करने की मांग भी खूंटी डीसी और बाल संरक्षण पदाधिकारी से की है.

Intro:नाबालिग से नक्सलियों ने किया सामूहिक दुष्कर्म, सदमे से उबरने पर सामने आई सच्चाई एफआईआर दर्ज

रांची।
खूंटी में नक्सलियों के द्वारा 14 साल की नाबालिग के सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता के बयान पर खूंटी के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। नाबालिग के साथ पिछले साल अक्तूबर में ही दुष्कर्म की घटना हुई थी, लेकिन वारदात के बाद मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण नाबालिग का बयान दर्ज नहीं हो पाया था।

बाल कल्याण समिति में थी भर्ती

नाबालिग की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बाल कल्याण समिति खूंटी की अभिरक्षा में रखा गया था। लगातार इलाज के बाद नाबालिग बयान देने की स्थिति में आयी, तब जाकर बाल कल्याण समिति ने ही नाबालिग का बयान लिया, इसके बाद इसकी जानकारी एएचटीयू थाने के साथ साथ खूंटी डीसी- एसपी व एडीजी स्पेशल ब्रांच और सीआईडी एडीजी को दी गई है।

क्या है मामला
पीड़िता खूंटी जिला के मुरहू की रहने वाली है। पीड़िता ने खूंटी बाल कल्याण समिति को दिए बयान में बताया है कि अक्तूबर 2018 को गांव का ही सामुएल पूर्ति उसके घर आया। तब वह घर में अकेली थी, सामुएल के साथ जंगल से आए 12 हथियारबंद नक्सली भी थे। सभी ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। नाबालिग ने अपने बयान में कहा है कि घटना के बाद से ही उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। सामुएल पूर्ति ने उसके साथ मारपीट की थी, साथ ही डराया धमकाया भी था।

इलाज के बाद सीडब्लूसी ने रखवाया

नाबालिग ने अपने बयान में बताया है कि घटना के बाद किसी तरह भागकर वह खूंटी पहुंची। खूंटी में पुलिस वालों ने उसे बरामद किया, इसके बाद चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। लेकिन तबीयत काफी खराब होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल से छूटने के बाद नाबालिग को आशा किरण में रखा गया था। बाल कल्याण समिति ने पीड़िता को मुआवना देने और पुनर्वासित करने की मांग भी खूंटी डीसी और बाल संरक्षण पदाधिकारी से की है।Body:1Conclusion:2
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