रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड में ड्रॉपआउट बच्चों को मुख्यधारा के साथ जोड़ने की पहल की जा रही है. सीएम के इस पहल से झारखंड में शिक्षा स्तर बढ़ने की उम्मीद है.
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने का लक्ष्य
सरकारी स्कूलों के बच्चों द्वारा जल्दी ड्रापआउट होने की समस्या को दूर करने और निजी स्कूलों की तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से आच्छादित करने के लक्ष्य को भेदने में विभाग जुटा हुआ है. इसी कड़ी में राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराने एवं भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए हैप्पी करिकुलम लागू किया गया है.
झारखंड में मॉडल स्कूल का निर्माण
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिलास्तर पर 80 मॉडल स्कूलों की आधारभूत संरचना पूरी हो रही है. दिसंबर 2022 तक मॉडल स्कूल का निर्माण पूर्ण हो जाएगा. शेष 325 मॉडल स्कूलों की आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए जल्द निविदा की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. बच्चों को अंग्रेजी बोलने की क्षमता विकसित करने के लिये इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाएं और एनसीआरटी, एनईआईपी का सहयोग प्राप्त किया जायेगा. स्कूलों में लैंग्वेज लैब की स्थापना के साथ स्पोकेन इंग्लिश कोर्स तैयार कर विद्यालयों में संचालित किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है.
शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
मॉडल स्कूल के सपने को साकार करने के लिए प्रिंसिपल और शिक्षकों को चिह्नित कर लिया गया है. इन सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे वे बच्चों को पूरी निष्ठा से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें. इसके अलावे स्कूल संचालन का नेतृत्व करने वाले प्रधानाध्यापकों में में अध्यापन क्षमता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिये आईआईएम रांची द्वारा प्रशिक्षण की आवश्यकता का आकलन किया गया है. आईआईएम द्वारा इन्हें शिक्षा से संबंधित विभिन्न तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा. राज्य सरकार प्रिंसिपल और शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए संस्थान के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए तकनीकी निविदा की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी हैं.