रांची: झारखंड में चुनाव के बाद भी राजनीतिक हलचल लगातार जारी है. पिछले दिनों बाबूलाल मरांडी और उनकी पार्टी जेवीएम का भाजपा में विलय होने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार लगातार गर्म है. भारतीय जनता पार्टी का जेवीएम में विलय होने को लेकर जेवीएम के अंदर के नेताओं में विरोध है, तो वहीं अन्य पार्टियों के नेता भी लगातार बाबूलाल मरांडी के इस फैसले पर उन पर हमला करते नजर आ रहे हैं.
'कुर्सी की लालच'
इसी को लेकर भाकपा माले के बगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के भाजपा से अलग होने का कारण सिर्फ और सिर्फ कुर्सी का लालच था. इस लिए बाबूलाल मरांडी ने भाजपा का दामन छोड़ा था. उन्होंने कहा कि आज बाबूलाल मरांडी फिर से कुर्सी की लालच में भाजपा में शामिल हो रहे हैं, जो सार्वजनिक है.
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'सीएम बनने की है उन्हें चाहत'
बाबूलाल मरांडी और भाजपा पर निशाना साधते हुए विनोद सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी कभी भी किसी सिद्धांतिक और नैतिक विचार के साथ भाजपा से अलग नहीं हुए थे. वह सिर्फ मुख्यमंत्री बनने की चाहत में अपनी पार्टी का गठन किया था और आज फिर मुख्यमंत्री बनने की चाहत में ही अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर रहे हैं.
'सिद्धांतों-परंपराओं पर बाबूलाल ने सवाल खड़ा कर दिया'
विधायक विनोद सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के भाजपा में जाने के बाद उनकी मुख्यमंत्री बनने की चाहत और जनता को ठगने की मनसा की पुष्टि हो गई है, जो निश्चित रूप से राजनीतिक सिद्धांतों और परंपराओं पर बाबूलाल मरांडी ने सवाल खड़ा कर दिया है.
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17 फरवरी को कार्यक्रम
बता दें कि बाबूलाल मरांडी सहित जेवीएम के भाजपा में विधिवत विलय होने कि प्रस्ताव पारित कर दी गई है. इसको लेकर भाजपा 17 फरवरी को कार्यक्रम का आयोजन भी करेगी.