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विधायक समरी लाल ने जाति प्रमाण पत्र मामले को HC में दी चुनौती, कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने सर्टिफिकेट पाया था गलत

कांके विधायक समरी लाल के जाति प्रमाण को कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने गलत पाया है. अब समरी लाल ने इसे झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिए जाने को गलत ठहराया है.

MLA Samri Lal challenged caste certificate case
MLA Samri Lal challenged caste certificate case
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Published : Apr 6, 2022, 6:56 PM IST

Updated : Apr 6, 2022, 7:01 PM IST

रांची: राजधानी रांची के कांके विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक समरी लाल ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने विधायक के जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया है. इस आदेश को विधायक ने रिट याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि कमेटी का उनकी जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया जाना उचित नहीं है. कमेटी ने न्याय की अनदेखी की है. इसलिए इस आदेश को रद्द कर दिया जाए.

ये भी पढ़ें: कांके विधायक समरी लाल का जाति प्रमाण पत्र रद्द, खतरे में विधायकी

प्रार्थी के अधिवक्ता के मुताबिक याचिका में कहा गया है कि बिना किसी ठोस आधार के समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को अवैध करार दिया गया है. जो नैसर्गिक न्याय नही है. प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा है कि 1956 में एकीकृत बिहार में उस जाति को एसटी में शामिल किया गया था. जिस जाति से वे आते हैं. लेकिन 1 अप्रैल को स्टेट स्क्रूटनी कमेटी ने बिना किसी गवाह और ठोस साक्ष्य के उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया जो गलत है. इसके साथ ही अपनी याचिका ने उन्होंने यह भी कहा है कि जिस व्यक्ति का जाति प्रमाण पत्र जांच प्रतिवेदन के आधार पर हुआ है, उसकी जाति प्रणाम पत्र की जांच स्क्रूटनी कामिटी नहीं कर सकती.

आदित्य रमन, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट


भारतीय जनता पार्टी के विधायक समरी लाल के विधानसभा की सदस्यता को पहले में भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. विधायक के चुनाव को चुनौती देते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है. चुनाव की नॉमिनेशन में तथ्य छिपाने का आरोप लगाया गया है. विधायक समरी लाल के उपर पहले से ही झारखंड हाईकोर्ट में एक मामला लंबित है.

रांची: राजधानी रांची के कांके विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक समरी लाल ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने विधायक के जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया है. इस आदेश को विधायक ने रिट याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि कमेटी का उनकी जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया जाना उचित नहीं है. कमेटी ने न्याय की अनदेखी की है. इसलिए इस आदेश को रद्द कर दिया जाए.

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प्रार्थी के अधिवक्ता के मुताबिक याचिका में कहा गया है कि बिना किसी ठोस आधार के समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को अवैध करार दिया गया है. जो नैसर्गिक न्याय नही है. प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा है कि 1956 में एकीकृत बिहार में उस जाति को एसटी में शामिल किया गया था. जिस जाति से वे आते हैं. लेकिन 1 अप्रैल को स्टेट स्क्रूटनी कमेटी ने बिना किसी गवाह और ठोस साक्ष्य के उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया जो गलत है. इसके साथ ही अपनी याचिका ने उन्होंने यह भी कहा है कि जिस व्यक्ति का जाति प्रमाण पत्र जांच प्रतिवेदन के आधार पर हुआ है, उसकी जाति प्रणाम पत्र की जांच स्क्रूटनी कामिटी नहीं कर सकती.

आदित्य रमन, अधिवक्ता, झारखंड हाईकोर्ट


भारतीय जनता पार्टी के विधायक समरी लाल के विधानसभा की सदस्यता को पहले में भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. विधायक के चुनाव को चुनौती देते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है. चुनाव की नॉमिनेशन में तथ्य छिपाने का आरोप लगाया गया है. विधायक समरी लाल के उपर पहले से ही झारखंड हाईकोर्ट में एक मामला लंबित है.

Last Updated : Apr 6, 2022, 7:01 PM IST
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