रांची: झारखंड विकास मोर्चा द्वारा बंधु तिर्की को पार्टी से निष्कासित किए जाने के मामले पर पार्टी के विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने मंगलवार को कहा है कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है. उन्होंने पार्टी के विलय की चर्चाओं को लेकर कहा कि जिन विषयों को लेकर पार्टी द्वारा लड़ाई शुरू की गई थी वह अधूरा रह जाएगा. बस इसकी चिंता है.
दरअसल, निष्कासन के बाद बंधु तिर्की प्रदीप यादव से मिलने उनके आवास गए थे, जहां बंधु तिर्की के निष्कासन को लेकर प्रदीप यादव ने कहा कि वह निर्दोष हैं. उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है. उन्होंने झारखंड के हित के लिए लड़ाई लड़ी है और झारखंड की बेहतरी के लिए आवाज उठाते रहे हैं. उनकी छवि एक लड़ाकू नेता के रूप में रही है.
इसके साथ ही पार्टी के बीजेपी में विलय की ओर बढ़ते कदम को लेकर कहा कि 2006 में जो लड़ाई प्रदेश के आदिवासी मूल झारखंडियों के हित में, दलित पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हित में, जल जंगल जमीन बचाने के हित में, यहां की खनिज संपदा बचाने के हित में प्रारंभ की गई थी. अब लगता है कि वह अधूरा दिखाई पड़ रहा है. क्योंकि पार्टी का गठन इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया गया थास, लेकिन अब आगे विचार करने की जरूरत है कि इस लड़ाई को कैसे आगे बढ़ाया जाए और कैसे मुकाम तक पहुंचाया जाए.
ये भी पढ़ें: बच्चे 'तीर-धनुष' लेकर जाते हैं स्कूल, मास्टर साहब के हाथ में होता है टांगी
वहीं, बंधु तिर्की ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता जरूर दिखा दिया है, लेकिन कानूनी तौर पर वह झारखंड विकास मोर्चा के सिंबल से चुनाव लड़े थे और अब निष्कासित हुए हैं. मेंबरशिप पर कोई खतरा नहीं है और सदन के मेंबर रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह सदस्य भी रहेंगे. उन्होंने कहा कि निष्कासन के बाद भी बाबूलाल मरांडी का रास्ता आसान नहीं हुआ है. पार्टी में 3 विधायक हैं तो 3 ही रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि जो लोग बाबूलाल मरांडी को सुझाव दे रहे हैं, उन्हें थोड़ा परहेज करना चाहिए.