रांची: प्रदेश के खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने किसानों से धान खरीद और उसके भुगतान में देरी को लेकर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है. गुरुवार को विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि जिन जिलों में धान बेचने वाले किसानों का भुगतान लंबित है, उसे हर हाल में 10 जून तक क्लियर कर देना है.
'कोई सफाई मान्य नहीं'
मंत्री ने कहा कि 10 जून के बाद किसी तरह की कोई सफाई मान्य नहीं होगी. उन्होंने कहा कि धान खरीद पर किसानों को राज्य सरकार बोनस देती है. केंद्र की तरफ से बोनस दिया जाता है, लेकिन वो किसानों को नहीं पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा चिंता की और क्या बात हो सकती है कि आदेश निकलने के हफ्ते भर के अंदर किसानों का पेमेंट नहीं हो पाता है.
7185 किसानों का भुगतान लंबित
विभागीय सूत्रों के अनुसार, अब तक 2, 28000 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है और लगभग 433 करोड़ों रुपए का भुगतान हुआ है. अब तक 34268 किसानों से धान की खरीद की गई है और 7185 किसानों का भुगतान लंबित है.
'पहले से धान की खरीद कुछ अधिक हुई'
सरयू राय ने कहा कि ऐसे में फिर पेमेंट के लिए एक हफ्ते की समय सीमा रखने का कोई मतलब नहीं है. यह प्रक्रिया एक हफ्ते में कैसे पूरी होगी इसपर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि अभी कुल औसत के अनुसार राज्य में 20% किसानों को धान बेचने की कीमत नहीं मिली है. ऐसे में फिर अगले साल क्या इंसेंटिव होगा यह भी देखना होगा. इस बार पहले से धान की खरीद कुछ अधिक हुई है और अगले साल और भी अधिक हो इसपर फोकस होना चाहिए.
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ऑफलाइन दुकानों का सत्यापन करने का निर्देश
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अधिकारी अपनी क्षमता बढ़ाएं और समस्याओं के कारण गिनाने की जगह समाधान निकालें. विभाग में जितने भी पुराने भुगतान लंबित पड़े हैं सबको क्लियर किया जाएगा. बैठक में खाद्य विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने सभी जिला आपूर्ति पदाधिकारियों को जल्द ही भुगतान देने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना का लक्ष्य जून माह तक पूरा कर लिया जाए. इसके अलावे बैठक में ऑफलाइन दुकानों का सत्यापन और निगरानी समितियों के गठन जल्द से जल्द करने के निर्देश भी सचिव ने दिए हैं.