रांची: प्रदेश में खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले के मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पत्थलगड़ी समस्या नहीं, बल्कि आदिवासियों की एक परंपरा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह इस मामले में भ्रम फैलाया जा रहा है वह सही नहीं है.
'पत्थलगड़ी अलग-अलग तरीके से परिभाषित की गई है'
रामेश्वर उरांव ने कहा कि वह खुद एक आदिवासी हैं और वह उस समुदाय के मन मिजाज को को अच्छे से जानते हैं. चाईबासा में हुए नृशंस हत्याकांड को पत्थलगड़ी से जोड़े जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उरांव ने कहा कि उस घटना के साथ पत्थलगड़ी शब्द का प्रयोग करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण परिवेश में पत्थलगड़ी अलग-अलग तरीके से परिभाषित की गई है.
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'गुजरात के नर्मदा में सिखाया जानेवाला कानून नहीं चलेगा'
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गुजरात के नर्मदा जिले में आदिवासी जिस थ्योरी को लेकर चल रहे हैं, वह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी थ्योरी पर कोई नहीं चलेगा. वह खुद उसके समर्थक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार और केंद्र सरकार देखें कि आदिवासियों के बीच में भ्रम कहां से पैदा हो रहा है.
'इस मामले को केंद्र और गुजरात सरकार देखें'
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. गुदड़ी के इलाके में आधार कार्ड जलाने और राशन कार्ड जलाने की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि गुजरात में दी जाने वाली ऐसी ट्रेनिंग बंद हो. रामेश्वर उरांव ने कहा कि खूंटी में जब पत्थलगड़ी की घटनाएं हो रही थी तब उन्होंने उस इलाके का दौरा किया था. गृह सचिव को बाकायदा लिखा भी था कि वह इस मामले में गुजरात सरकार से बात करें.
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आईपीएस अधिकारी भी रह चुके हैं रामेश्वर
बता दें कि मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री रामेश्वर उरांव आईपीएस अधिकारी भी रह चुके हैं. साथ ही वर्तमान में वह झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं.