रांचीः झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने सोमवार को कहा है कि कोरोना (Corona) संक्रमण के कारण झारखंड में राजस्व संग्रहण का काम कम हो गया है. ऐसे में केंद्र सरकार से आग्रह है कि डीवीसी (DVC) के बकाया के रूप में आरबीआई (RBI) के माध्यम से राज्य सरकार के खाते से एकमुश्त राशि की कटौती ना करें.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास राजस्व संग्रहण (Revenue Collection) के कई साधन हैं, लेकिन राज्यों के पास सीमित संसाधनों के माध्यम से राजस्व संग्रहण (Revenue Collection) हो पाता है. वहीं कोरोना (Corona) काल में उद्योग धंधे, व्यावसायिक प्रतिष्ठान से लेकर आम लोगों की भी मुश्किलें बढ़ी हैं जिसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. इसलिए केंद्र सरकार फिलहाल बकाया वसूली के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे.
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है कि राज्य सरकार किश्तों में बकाया राशि भुगतान करने को तैयार है और हरसंभव बकाया राशि के भुगतान भी किये जा रहे हैं. जबकि एकमुश्त राशि की कटौती हो जाने से कई अन्य विकास योजनाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र को 1100 करोड़ सितंबर में और 1100 करोड़ रुपए दिसंबर में काटना है. यह राशि भी वो लेकर ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार 5 साल तक सोई रही और बकाए का भुगतान नहीं किया. अब वर्तमान सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
बता दें कि जनवरी में अब केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दामोदर घाटी निगम का बकाया वसूलने के लिए राज्य के खाते से 714 करोड़ रुपये काट लिए थे. इससे पहले अक्टूबर 2020 में डीवीसी का बकाया वसूलने के लिए राज्य सरकार के खाते से 1400 करोड़ रुपये काट लिए गए थे, जिसको लेकर राज्य सरकार ने कड़ा विरोध भी जताया था.