ETV Bharat / city

भाजपा नेता के बयान पर मंत्री बादल पत्रलेख का पलटवार, बोले-कमियां गिनाने के साथ उदारता भी दिखाएं

रांची में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के वैक्सीन के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेताओं पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. मंत्री ने कहा कि जनता विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की उम्मीद करती है.

minister badal patralekh retaliated BJP state president
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख
author img

By

Published : May 27, 2021, 8:36 AM IST

रांची: झारखंड सरकार में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के वैक्सीन बयान पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि मात्र 4.63 वैक्सीन ही वेस्ट हुई है, जो दर्शाता है कि झूठ ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी भाजपा अगर सरकार की कमियां गिनाती है तो श्रेय देने में भी उदारता दिखाए.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख

ये भी पढ़ें-झारखंड में वैक्सीन की बर्बादी पर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने, पढ़ें किसने क्या कहा

जनता को विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की उम्मीद

उन्होंने कहा कि विपक्ष की हमेशा एक भूमिका होती है और खासकर संकट के समय में राज्य की जनता सकारात्मक सहयोग की उम्मीद करती है. राज्य की जनता यह जानना चाहती हैं कि जिस केंद्र में आपकी सरकार है. आपदा से निपटने में झारखंड की जनता के लिए ईमानदारी पूर्वक प्रयास किया है ? क्या अपने केंद्रीय नेतृत्व से झारखंड के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए संकट में सहयोग के लिए ध्यान आकृष्ट कराया है?

बादल पत्रलेख ने कहा कि देश में वैक्सीनेशन की कमी है और जिस रफ्तार से वैक्सीनेशन चल रहा है. 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं को वैक्सीनेट करने में लगभग 5 वर्ष के समय लगेंगे. राज्य की जनता यह जानना चाहती है कि वैक्सीनेशन को लेकर क्या प्रदेश के भाजपा नेताओं ने कभी केंद्र पर दबाव बनाया है.

भाजपा नेताओं की किसान हित में सक्रियता नहीं

उन्होंने कहा कि महीने भर से पलामू, गढ़वा और चतरा के किसान भारतीय खाद्य निगम के कारण खुले आसमान के नीचे दंश झेल रहे हैं. 6 मई को झारखंड सरकार के सचिव ने केंद्रीय विभागीय सचिव को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन कोई असर अब तक नहीं हुआ है. मानसून प्रवेश कर चुका है. चक्रवात का प्रकोप है, लेकिन क्या प्रदेश के नेताओं ने किसानों के हितों के लिए कोई सक्रियता दिखाई जवाब होगा नहीं.

कृषि मंत्री ने कहा कोविड के दौरान झारखंड हाई कोर्ट, इलाहाबाद, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जो एक विश्वसनीय और निर्विवाद संस्था है ऑक्सीजन की सप्लाई, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर दवाइयों की कमी, कृषि काले कानून को लेकर कई तल्ख टिप्पणियां की हैं, जो रोशनी दिखाने के लिए काफी है. यहां तक कि ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को कमेटी बनानी पड़ती है जो लोकप्रिय चुनी हुई सरकार और उनके नुमाइंदों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

रांची: झारखंड सरकार में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के वैक्सीन बयान पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि मात्र 4.63 वैक्सीन ही वेस्ट हुई है, जो दर्शाता है कि झूठ ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी भाजपा अगर सरकार की कमियां गिनाती है तो श्रेय देने में भी उदारता दिखाए.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख

ये भी पढ़ें-झारखंड में वैक्सीन की बर्बादी पर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने, पढ़ें किसने क्या कहा

जनता को विपक्ष से सकारात्मक सहयोग की उम्मीद

उन्होंने कहा कि विपक्ष की हमेशा एक भूमिका होती है और खासकर संकट के समय में राज्य की जनता सकारात्मक सहयोग की उम्मीद करती है. राज्य की जनता यह जानना चाहती हैं कि जिस केंद्र में आपकी सरकार है. आपदा से निपटने में झारखंड की जनता के लिए ईमानदारी पूर्वक प्रयास किया है ? क्या अपने केंद्रीय नेतृत्व से झारखंड के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए संकट में सहयोग के लिए ध्यान आकृष्ट कराया है?

बादल पत्रलेख ने कहा कि देश में वैक्सीनेशन की कमी है और जिस रफ्तार से वैक्सीनेशन चल रहा है. 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं को वैक्सीनेट करने में लगभग 5 वर्ष के समय लगेंगे. राज्य की जनता यह जानना चाहती है कि वैक्सीनेशन को लेकर क्या प्रदेश के भाजपा नेताओं ने कभी केंद्र पर दबाव बनाया है.

भाजपा नेताओं की किसान हित में सक्रियता नहीं

उन्होंने कहा कि महीने भर से पलामू, गढ़वा और चतरा के किसान भारतीय खाद्य निगम के कारण खुले आसमान के नीचे दंश झेल रहे हैं. 6 मई को झारखंड सरकार के सचिव ने केंद्रीय विभागीय सचिव को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन कोई असर अब तक नहीं हुआ है. मानसून प्रवेश कर चुका है. चक्रवात का प्रकोप है, लेकिन क्या प्रदेश के नेताओं ने किसानों के हितों के लिए कोई सक्रियता दिखाई जवाब होगा नहीं.

कृषि मंत्री ने कहा कोविड के दौरान झारखंड हाई कोर्ट, इलाहाबाद, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जो एक विश्वसनीय और निर्विवाद संस्था है ऑक्सीजन की सप्लाई, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर दवाइयों की कमी, कृषि काले कानून को लेकर कई तल्ख टिप्पणियां की हैं, जो रोशनी दिखाने के लिए काफी है. यहां तक कि ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को कमेटी बनानी पड़ती है जो लोकप्रिय चुनी हुई सरकार और उनके नुमाइंदों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.