रांची: झारखंड में गांवों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए के लिए प्रवासी मजदूरों को चिन्हित करने और क्वॉरेंटाइन करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस की भी होगी. सूचना के अनुसार शुक्रवार से लेकर अगले दो सप्ताह तक कई स्पेशल ट्रेन रांची आएंगी, जिनमें बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर यात्रा कर रहे हैं. मजदूरों को चिन्हित करने उनकी जांच और फिर उन्हें 7 दिन तक क्वॉरेंटाइन करने की जिम्मेदारी को लेकर रांची पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. रांची पुलिस, रेल पुलिस की मदद से पूरी प्लानिंग के तहत काम कर रही है.
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क्या है राज्य सरकार का आदेश
राज्य सरकार के गृह, कारा और आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रवासी मजदूरों को सात दिनों के लिए संस्थागत क्वॉरेंटाइन करने और सातवें दिन रैपिड जांच के बाद नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही घर भेजने का आदेश दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिला प्रशासन के अधिकारियों को प्रवासियों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी गई है.
प्रवासी मजदूरों को चिन्हित करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों, मुखिया और थानों की भूमिका भी तय की जाएगी. पंचायत प्रतिनिधियों पर जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह किसी प्रवासी के गांव में आने पर बीडीओ को सूचित करना होगा. जिला प्रशासन की ओर से पंचायत भवनों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं.
पुलिस की है पूरी तैयारी
प्रवासी मजदूरों के आने की सूचना पर रांची पुलिस भी पूरी तरह से अलर्ट है. हटिया स्टेशन पर विशेष एहतियात बरती जा रही है. रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि हटिया स्टेशन पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा अलग-अलग जिलों में जाने वाली बसों की निगरानी के लिए भी पुलिस बलों को अलर्ट किया गया है. रांची में पंचायत भवन से लेकर खेलगांव तक क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है.
ट्रेन आने के समय विशेष निगरानी
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जो ट्रेन रांची पहुंचेगी, उसमें लगभग 1,000 से अधिक प्रवासी मजदूर के साथ-साथ दूसरे लोग भी शामिल हैं. ऐसे में स्टेशन के बाहर बृहद रूप से बैरिकेडिंग की गई है, ताकि भगदड़ न मचे.