रांची: झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ के हड़ताल को अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी है. 26 और 27 अगस्त को पूरे देश के मनरेगाकर्मी दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे. महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव चितानंद कश्यप ने इस बाबत प्रधानमंत्री को भी पत्र भेजा है.
इधर अपनी मांगों को लेकर 27 जुलाई से हड़ताल कर रहे झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ ने कहा कि एक साजिश के तहत गबन का झूठा आरोप लगाकर संघ के अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडे और धनबाद के जिला अध्यक्ष मुकेश राम को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है. झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ के महासचिव मोहम्मद इम्तियाज ने बताया कि 10 अगस्त को विभागीय मंत्री के साथ वार्ता में अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई थी. राज्य भर के मनरेगा कर्मियों ने हड़ताल को स्थगित करते हुए काम पर लौटने का मन बना लिया था लेकिन विभागीय अधिकारियों के आदेश पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष और धनबाद के जिला अध्यक्ष को बदले की भावना से कार्रवाई की गई.
हड़ताल पर डटे रहेंगे मनरेगा कर्मी
मंगलवार को डिजिटल माध्यम से बैठक कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि जब तक बर्खास्त कर्मियों की सेवा वापसी नहीं होती है, तब तक राज्य भर के मनरेगाकर्मी हड़ताल पर डटे रहेंगे और आंदोलन को उग्र करते हुए मुख्यमंत्री को सामूहिक इस्तीफा सौंपेंगे. मनरेगा कर्मियों ने मनरेगा कमिश्नर पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पिछले पांच सालों से मनरेगा कमिश्नर के पद पर बने हुए हैं और मनरेगा को मनमाने ढंग से चलाना चाहते हैं. हड़ताल के पहले ही दिन से इन्होंने आंदोलन को कुचलने का काम किया है.
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मनरेगा कमिश्नर की उपस्थिति में नहीं होगी वार्ता
मनरेगा कर्मियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि मनरेगा कमिश्नर की उपस्थिति में कोई वार्ता नहीं किया जाएगा. संघ ने निर्णय लिया है कि बर्खास्त साथियों की वापसी होने से पहले राज्य का कोई भी मनरेगा कर्मी हड़ताल से वापस नहीं होगा. संघ ने बताया कि विभागीय मंत्री के साथ वार्ता के दौरान यह भी आश्वासन दिया गया था कि हड़ताल के दौरान जितने भी कार्रवाई हुए हैं उसे वापस लिया जाएगा लेकिन अधिकारियों ने मंत्री की बातों को हल्के में लेते हुए अनसुना कर दिया.