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रिम्सः MBBS के छात्रों ने ओपीडी को किया बाधित, एनएमसी बिल का कर रहे विरोध - एमबीबीएस के छात्र ने बाधित किया ओपीडी

एनएमसी बिल को लेकर मेडिकल छात्रों ने सोमवार को रिम्स में विरोध प्रदर्शन किया. इसमें फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर तक के छात्र शामिल हुए. वहीं छात्रों की अपील को मानते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद करने का आवाहन किया.

रिम्स के बाहर विरोध प्रदर्शन
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Published : Aug 5, 2019, 4:29 PM IST

रांची: छात्रों ने रविवार को बैठक कर निर्णय लिया था कि एनएमसी बिल का विरोध करते हुए सोमवार को रिम्स में ओपीडी बाधित कर दिया जाएगा. जिसमें उनका साथ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और रिम्स टीचर्स एसोसिएशन देंगे. वहीं, सोमवार को मेडिकल छात्रो नें विरोध प्रदर्शन कर ओपीडी सेवा बंद करवा दी. जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर


रिम्स में हजारों की संख्या में प्रतिदिन मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. ओपीडी सेवाएं बाधित होने की वजह से राज्य के दूरदराज इलाकों से आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्र प्रत्येक वार्ड में जाकर ओपीडी सेवाएं बाधित करा रहे हैं. बताया गया कि पिछले बुधवार को भी रिम्स समेत राज्य भर के निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद थी. जिसके कारण हजारों मरीजों को बिना इलाज कराए ही घर लौटना पड़ा था.


ओपीडी सेवा में बैठे वरिष्ठ डॉ एलबी मांझी बताते हैं कि एनएमसी बिल को लेकर जो छात्रों में आक्रोश है, उसको लेकर निश्चित रूप से विचार होना चाहिए. क्योंकि मेडिकल छात्रों द्वारा किया जा रहा लगातार विरोध मरीजों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.

ये भी देखें- राजधानी में भगवान भी नहीं है सुरक्षित, चोरों ने किया महावीर संघ दुर्गा मंदिर में हाथ साफ


गौरतलब है कि एनएमसी बिल के तहत तीन लाख से ज्यादा लोगों को मेडिकल लाइसेंस देकर सभी तरह की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है. जिसका डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं.

रांची: छात्रों ने रविवार को बैठक कर निर्णय लिया था कि एनएमसी बिल का विरोध करते हुए सोमवार को रिम्स में ओपीडी बाधित कर दिया जाएगा. जिसमें उनका साथ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और रिम्स टीचर्स एसोसिएशन देंगे. वहीं, सोमवार को मेडिकल छात्रो नें विरोध प्रदर्शन कर ओपीडी सेवा बंद करवा दी. जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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रिम्स में हजारों की संख्या में प्रतिदिन मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. ओपीडी सेवाएं बाधित होने की वजह से राज्य के दूरदराज इलाकों से आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्र प्रत्येक वार्ड में जाकर ओपीडी सेवाएं बाधित करा रहे हैं. बताया गया कि पिछले बुधवार को भी रिम्स समेत राज्य भर के निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद थी. जिसके कारण हजारों मरीजों को बिना इलाज कराए ही घर लौटना पड़ा था.


ओपीडी सेवा में बैठे वरिष्ठ डॉ एलबी मांझी बताते हैं कि एनएमसी बिल को लेकर जो छात्रों में आक्रोश है, उसको लेकर निश्चित रूप से विचार होना चाहिए. क्योंकि मेडिकल छात्रों द्वारा किया जा रहा लगातार विरोध मरीजों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.

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गौरतलब है कि एनएमसी बिल के तहत तीन लाख से ज्यादा लोगों को मेडिकल लाइसेंस देकर सभी तरह की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है. जिसका डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं.

Intro:एनएमसी बिल को लेकर मेडिकल छात्र आज अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इस विरोध में फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर तक के छात्र शामिल रहेंगे।

छात्रों ने रविवार को बैठक कर निर्णय लिया है कि एनएमसी बिल का विरोध करते हुए सोमवार को रिम्स में ओपीडी बाधित कर दिया है।जिसमें उनका साथ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और रिम्स टीचर्स एसोसिएशन दे रहे हैं।

वहीं छात्रों की अपील को मानते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद करने का आवाहन किया है।

ओपीडी सेवा में बैठे वरिष्ठ डॉ एलबी मांझी बताते हैं कि एनएमसी बिल को लेकर जो छात्रों में आक्रोश है, उसको लेकर निश्चित रूप से विचार होनी चाहिए क्योंकि मेडिकल छात्रों द्वारा किया जा रहा है लगातार विरोध मरीजों के परेशानी का कारण बना हुआ है। हम लोग ओपीडी सेवा देने के लिए बैठे हुए लेकिन उसके बावजूद भी मरीजों को इलाज मेडिकल छात्रों द्वारा इलाज कराने के लिए नहीं आने दिया जा रहा है, ऐसे में मरीजों को खासा परेशानी हो रही है।



Body:रिम्स अस्पताल में राज्य के दूरदराज इलाके से आए मरीज इलाज कराने के लिए खासा परेशान दिख रहे हैं और डॉक्टरों से ओपीडी सेवा करने की अपील कर रहे हैं,वही दूसरी तरफ जूनियर डॉक्टर एवं मेडिकल छात्र प्रत्येक वार्ड में जाकर ओपीडी सेवाएं बाधित करा रहे हैं।

रिम्स में पूरे राज्य से हजारों की संख्या में प्रतिदिन मरीज आते हैं और अपना इलाज करवाते हैं लेकिन ओपीडी सेवाएं बाधित होने की वजह से राज्य के दूरदराज इलाकों से आए मरीजों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।

आपको बता दें कि पिछले बुधवार को भी रिम्स समेत राज्य भर के निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद था इस दौरान हजारों मरीज को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा था।




Conclusion:गौरतलब है कि एनएमसी बिल के तहत तीन लाख से ज्यादा मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी तरह की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है जिसका डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं।

बाईट- मरीज़
बाईट-मरीज़
बाईट-डॉ एलबी मांझी।
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