रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर लगातार सरकार से 15 से 20 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन करने की मांग कर रही है. लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. वहीं दूसरी तरफ नगर निगम और नगर विकास विभाग के बीच लगातार तकरार जारी है. इसे लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि सरकार अंधी-बहरी हो गई है. जेएमएम और कांग्रेस अपना पेट भरने में लगी हुई है. उन्हें जनता के विकास और सुरक्षा से कुछ लेना देना नहीं है.
संपूर्ण लॉकडाउन की मांग
संपूर्ण लॉकडाउन की मांग को लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि राजधानी में कोरोना की वजह से मृत्यू दर देश के पैमाने पर सबसे ज्यादा हो गया है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 15 से 20 दिनों तक संपूर्ण लॉकडाउन किया जाए तो रांची की जनता सुरक्षित हो सकती है और कोरोना के संक्रमण के चेन को तोड़ा जा सकता है.
सेनेटाइजेशन का काम भी है धीमा
कोरोना काल की शुरुआत में जिस तरह से सेनेटाइजेशन का काम हो रहा था. वर्तमान में सेनेटाइजेशन की गति धीमी हुई है. इसे लेकर उन्होंने कहा कि सरकार से लगातार शहर के 53 वार्डों में बेहतर तरीके से सेनेटाइजेशन के लिए पैसों की डिमांड की गई ताकि लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके लेकिन सरकार बहरी हो गई है. सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई है. अगर मदद की जाती तो वर्तमान में कोरोना संक्रमण के जो हालात बने हुए हैं, उसमें कमी होती.
नगर निगम और नगर विकास विभाग में तकरार
वहीं, नगर निगम और नगर विकास विभाग लगातार आमने-सामने हैं. इसे लेकर मेयर ने कहा कि नगर विकास विभाग का काम नगर निगम को शक्ति देना है लेकिन नगर विकास विभाग निगम की शक्तियों को छीनने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से अंधी हो गई है. नगर विकास विभाग की नई एजेंसी के लिए टेंडर निकाला गया. जबकि नगर निगम को टेंडर निकालना चाहिए था या फिर नगर निगम से भी बात की जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में प्रभाव पड़ेगा तो इसके लिए नगर विकास विभाग के सचिव जिम्मेवार होंगे.
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सरकार जनता के लिए नहीं कर रही कोई काम
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि रांची नगर निगम के साथ-साथ अन्य नगर निगम में भी बीजेपी के लोग हैं. रांची राज्य का आईना है. यहां अच्छा काम हो रहा है लेकिन जैसे ही बीजेपी की सरकार बदली है और कांग्रेस की सरकार आई है. यह सिर्फ अपना पेट भरना चाहते है. यह नहीं चाहते कि रांची का विकास हो और यहां की जनता के लिए कुछ काम हो सके. यही वजह है कि सरकार लगातार हस्तक्षेप कर रही है और जब भी नगर निगम की तरफ से कुछ डिमांड की जाती है तो इस पर सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसी निकम्मी सरकार का भरोसा नहीं किया जा सकता है. नगर विकास विभाग के सचिव मुख्यमंत्री की तरह बात कर रहे हैं और हस्तक्षेप कर रहे है, यह कहीं ना कहीं गलत है.