रांचीः बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री और रांची के मेयर डॉ आशा लकड़ा ने हिंसक घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उपद्रवियों खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित कार्रवाई की हैं, वैसी कार्रवाई रांची में भी होनी चाहिए. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार उपद्रवियों को बचाने में लगी है.
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आशा लकड़ा ने कहा कि बिहार के मंत्री नितिन नवीन पर जानलेवा हमला किया गया. उपद्रवियों की ओर से किये गये पत्थरबाजी में कई निर्दोष लोग घायल हो गये. इसके साथ ही दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया. इतना ही नहीं, एसएसपी सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. मेन रोड की दुकानों में लगे सीसीटीवी में उपद्रवियों के चेहरे कैद है. इसके बावजूद अब तक पुलिस ने किसी उपद्रवी को गिरफ्तार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन कर दिया और खानापूर्ति के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के खिलाफ साक्ष्य मौजूद हैं तो एक सप्ताह का इंतजार क्यों? उन्होंने कहा कि एसआईटी राज्य सरकार के अनुकूल रिपोर्ट तैयार करेगी.
मेयर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक इरफान अंसारी घटना में जिसकी मृत्यु हुई है, उसके आश्रित को 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं. क्या राज्य सरकार उपद्रवियों को भी मुआवजा और सरकारी नौकरी देने के पक्षधर है. विधायक के इस बयान से सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति हो रही है और मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुपी साधे हुये है. उन्होंने कहा कि रांची पुलिस प्रशासन चिन्हित उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. राज्य सरकार अपने स्वार्थ के लिए पुलिस प्रशासन को कमजोर नहीं बनाये.