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रांची मेयर ने लिया स्वच्छता का जायजाः कहा- नगर आयुक्त के भरोसे शहर की समस्या का समाधान नहीं हो सकता: मेयर आशा लकड़ा

मेयर आशा लकड़ा ने राजधानी के कई वार्डों में साफ-सफाई का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कई तालाबों का निरीक्षण किया. इसके साथ ही साफ-सफाई को लेकर अधिरकारियों को निर्देश दिया.

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साफ-सफाई
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Published : Jun 13, 2021, 9:40 AM IST

रांची: मानसून शुरू होने से पहले शनिवार को मेयर आशा लकड़ा ने शहर के कई वार्ड का जायजा लिया. मेयर ने राजधानी के वार्ड नंबर 9, 21, 22, 23 और 24 में नालियों की साफ-सफाई का निरीक्षण किया. इस दौरान रांची नगर निगम के एक भी अधिकारी मेयर के साथ उपस्थित नहीं रहे. जबकि मेयर की ओर से शुक्रवार को ही संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहने की सूचना दे दी गई थी.

ये भी पढ़ें- रांची: मेयर ने वेंडर मार्केट और नो वेंडिंग जोन का किया निरीक्षण, दिए कई निर्देश

अधिकारियों को दिया निर्देश

मेयर ने बताया कि बारिश में जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए लगातार बड़े और छोटे नालों की सफाई की जा रही है. इसके साथ ही बड़े नालों के क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त करने के लिए अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है.

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निरीक्षण करने पहुंचीं मेयर


मेयर ने किया तालाब का निरिक्षण
मेयर ने कहा कि अल्बर्ट एक्का चौक से 53 वार्ड लगभग 12 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है. शहर की आबादी भी लगभग 20 लाख है. धीरे-धीरे एक-एक वार्ड में पहुंचने की कोशिश की जा रही है. इस क्रम में मेयर ने जोड़ा तालाब के अधूरे कार्यों का भी निरीक्षण किया. हालांकि अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें जोड़ा तालाब के अधूरे कार्यों से संबंधित कारणों की जानकारी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों से बात कर तालाब के आधे-अधूरे कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने का कार्य किया जाएगा.


मंदिर और आश्रम में गंदगी का ढेर
वार्ड 21 के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि मंदिर और आंचल शिशु आश्रम के पास गंदगी के ढेर है. जिसे साफ करने का निर्देश जोनल सुपरवाइजर को दिया गया है. इसके बाद मेयर बड़ा तालाब का निरीक्षण किया. उन्होंने तालाब के आधे-अधूरे सुंदरीकरण कार्य पर आपत्ति जताई और कहा कि रांची नगर निगम ने अपने स्तर से तालाब में भरे पड़े जलकुंभी को निकाल दिया है. लेकिन बड़ा तालाब के सुंदरीकरण का कार्य कर रही एजेंसी ने पानी में भरे पड़े गाद की सफाई नहीं की.

ये भी पढ़ें- रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा को मिली पीएचडी की डिग्री, वीसी ने दी शुभकामनाएं


टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई पूरी
वर्तमान में पहाड़ी टोला समेत शहर के कई हिस्सों से गंदा पानी बड़ा तालाब में ही गिराया जा रहा है. नालों से तालाब में गिराए जा रहे गंदा पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना तैयार कर टेंडर भी निकल गया. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. शिड्यूल्ड रेट रिवाइज्ड होने के कारण 14वें वित्त आयोग की कई योजनाएं लंबित हैं. पूर्व में विभिन्न योजनाओं के लिए निकाले गए टेंडर को रद्द कर नए शिड्यूल रेट के अनुसार टेंडर निकालने की तैयारी की जा रही है.

नए पुल का कराया जाएगा निर्माण
मेयर ने वार्ड 23 और 24 को जोड़ने वाले जर्जर पुल का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि जुडको ने हरमू नदी को बर्बाद कर दिया. जर्जर पुल के पास से गाद को निकाल कर पुल के पास ही छोड़ दिया है. जिसकी सफाई रांची नगर निगम के सफाईकर्मियों से कराई जा रही है. जर्जर पुल का भी नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा.


नगर आयुक्त को नहीं है चिंता
मेयर ने यह भी कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार को शहरवासियों को हो रही परेशानी की कोई चिंता नहीं है. जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए वे अब तक बड़े और छोटे नालों की सफाई के लिए लगातार दो बार महा अभियान चला चुके हैं. लेकिन नालों का सफाई कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है. नगर आयुक्त सफाई से संबंधित कार्यों का निरीक्षण भी करते हैं लेकिन उन्हें शहर के किसी भी क्षेत्र में गंदगी नजर नहीं आती है.

नगर आयुक्त का आचरण है निंदनीय

शहर की मेयर साफ-सफाई का निरीक्षण करने निकलती है तो पूर्व में सूचित किए जाने के बाद भी रांची नगर निगम के एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते. नगर आयुक्त का यह आचरण निंदनीय है. वे ना तो स्वयं इस शहर के लिए विकास संबंधी कार्य करना चाहते हैं और ना ही निगम के अन्य अधिकारियों को कार्य करने दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में रविवार को पूर्ण लॉकडाउन, शनिवार को रांची की सड़क पर पुलिस का फ्लैग मार्च

नगर निगम में अधिकारियों की नियुक्ति

मेयर ने कहा कि जिस अधिकारी को रांची नगर निगम की जिम्मेदारी देने के बाद राज्य सरकार ने दो अन्य विभागों का प्रभार दे दिया है. वो शहर की 20 लाख आबादी की समस्या का समाधान कैसे करेंगे. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि रांची नगर निगम में ऊर्जावान और पब्लिक फ्रेंडली अधिकारी की नियुक्ति की जाएं. वर्तमान नगर आयुक्त के भरोसे शहर की 20 लाख आबादी की समस्या का समाधान नहीं हो सकता.

रांची: मानसून शुरू होने से पहले शनिवार को मेयर आशा लकड़ा ने शहर के कई वार्ड का जायजा लिया. मेयर ने राजधानी के वार्ड नंबर 9, 21, 22, 23 और 24 में नालियों की साफ-सफाई का निरीक्षण किया. इस दौरान रांची नगर निगम के एक भी अधिकारी मेयर के साथ उपस्थित नहीं रहे. जबकि मेयर की ओर से शुक्रवार को ही संबंधित अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहने की सूचना दे दी गई थी.

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अधिकारियों को दिया निर्देश

मेयर ने बताया कि बारिश में जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए लगातार बड़े और छोटे नालों की सफाई की जा रही है. इसके साथ ही बड़े नालों के क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त करने के लिए अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है.

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निरीक्षण करने पहुंचीं मेयर


मेयर ने किया तालाब का निरिक्षण
मेयर ने कहा कि अल्बर्ट एक्का चौक से 53 वार्ड लगभग 12 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है. शहर की आबादी भी लगभग 20 लाख है. धीरे-धीरे एक-एक वार्ड में पहुंचने की कोशिश की जा रही है. इस क्रम में मेयर ने जोड़ा तालाब के अधूरे कार्यों का भी निरीक्षण किया. हालांकि अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें जोड़ा तालाब के अधूरे कार्यों से संबंधित कारणों की जानकारी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों से बात कर तालाब के आधे-अधूरे कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने का कार्य किया जाएगा.


मंदिर और आश्रम में गंदगी का ढेर
वार्ड 21 के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि मंदिर और आंचल शिशु आश्रम के पास गंदगी के ढेर है. जिसे साफ करने का निर्देश जोनल सुपरवाइजर को दिया गया है. इसके बाद मेयर बड़ा तालाब का निरीक्षण किया. उन्होंने तालाब के आधे-अधूरे सुंदरीकरण कार्य पर आपत्ति जताई और कहा कि रांची नगर निगम ने अपने स्तर से तालाब में भरे पड़े जलकुंभी को निकाल दिया है. लेकिन बड़ा तालाब के सुंदरीकरण का कार्य कर रही एजेंसी ने पानी में भरे पड़े गाद की सफाई नहीं की.

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टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई पूरी
वर्तमान में पहाड़ी टोला समेत शहर के कई हिस्सों से गंदा पानी बड़ा तालाब में ही गिराया जा रहा है. नालों से तालाब में गिराए जा रहे गंदा पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना तैयार कर टेंडर भी निकल गया. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. शिड्यूल्ड रेट रिवाइज्ड होने के कारण 14वें वित्त आयोग की कई योजनाएं लंबित हैं. पूर्व में विभिन्न योजनाओं के लिए निकाले गए टेंडर को रद्द कर नए शिड्यूल रेट के अनुसार टेंडर निकालने की तैयारी की जा रही है.

नए पुल का कराया जाएगा निर्माण
मेयर ने वार्ड 23 और 24 को जोड़ने वाले जर्जर पुल का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि जुडको ने हरमू नदी को बर्बाद कर दिया. जर्जर पुल के पास से गाद को निकाल कर पुल के पास ही छोड़ दिया है. जिसकी सफाई रांची नगर निगम के सफाईकर्मियों से कराई जा रही है. जर्जर पुल का भी नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा.


नगर आयुक्त को नहीं है चिंता
मेयर ने यह भी कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार को शहरवासियों को हो रही परेशानी की कोई चिंता नहीं है. जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए वे अब तक बड़े और छोटे नालों की सफाई के लिए लगातार दो बार महा अभियान चला चुके हैं. लेकिन नालों का सफाई कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है. नगर आयुक्त सफाई से संबंधित कार्यों का निरीक्षण भी करते हैं लेकिन उन्हें शहर के किसी भी क्षेत्र में गंदगी नजर नहीं आती है.

नगर आयुक्त का आचरण है निंदनीय

शहर की मेयर साफ-सफाई का निरीक्षण करने निकलती है तो पूर्व में सूचित किए जाने के बाद भी रांची नगर निगम के एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते. नगर आयुक्त का यह आचरण निंदनीय है. वे ना तो स्वयं इस शहर के लिए विकास संबंधी कार्य करना चाहते हैं और ना ही निगम के अन्य अधिकारियों को कार्य करने दे रहे हैं.

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नगर निगम में अधिकारियों की नियुक्ति

मेयर ने कहा कि जिस अधिकारी को रांची नगर निगम की जिम्मेदारी देने के बाद राज्य सरकार ने दो अन्य विभागों का प्रभार दे दिया है. वो शहर की 20 लाख आबादी की समस्या का समाधान कैसे करेंगे. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि रांची नगर निगम में ऊर्जावान और पब्लिक फ्रेंडली अधिकारी की नियुक्ति की जाएं. वर्तमान नगर आयुक्त के भरोसे शहर की 20 लाख आबादी की समस्या का समाधान नहीं हो सकता.

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