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रांचीः कोरोना के खिलाफ जंग में पूरा देश एकजुट, जनता कर्फ्यू का व्यापक असर

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Published : Mar 22, 2020, 10:17 AM IST

देशभर में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर देखा जा रहा है. हर भारतीय को इस वायरस से लड़ने के लिए साथ देना होगा, तभी जाकर हम कोरोना को हराने में कामयाब होंगे. इसे लेकर झारखंड में भी जनका कर्फ्यू का व्यापक असर देखा गया.

Mass impact of public curfew in jharakhand
जनता कर्फ्यू का व्यापक असर

रांची: कोरोना के खिलाफ 22 मार्च यानी रविवार को सुबह 7:00 बजे से जंग का आगाज हो चुका है. झारखंड के तमाम शहर बंद हैं. रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर जैसी प्रमुख शहरों में सुबह 7:00 बजे से ही जनता कर्फ्यू का जबरदस्त असर दिख रहा है. अभी तो शुरुआत है इस जंग को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आगे कई त्याग करने पड़ सकते हैं.

बेरहम है यह कोरोना

आज हमारे बीच एक ऐसा वायरस आ गया है जिसने हम इंसानों को लाचार बना दिया है. चुनौती बहुत बड़ी हैं क्योंकि, हमारा सामना एक ऐसे दुश्मन से हो रहा है जो दिखता भी नहीं है. यह इतना बेरहम है कि नहीं चाहता कि हम एक दूसरे से गले मिले, एक दूसरे से हाथ मिलाए, एक दूसरे के साथ बैठकर खाएं, एक दूसरे के सुख-दुख बांटे, एक दूसरे के साथ घूमे फिरे, एक दूसरे के साथ खरीदारी करें. इस दुश्मन को इंसानों का प्रेम अच्छा नहीं लगता. यह नहीं चाहता कि हम मिलजुल कर पूजा-इबादत करें.

ये भी पढ़ें- जनता कर्फ्यूः कोरोना के खिलाफ जंग में रांची भी साथ, सड़कों पर पसरा सन्नाटा

इस दुश्मन का नाम है कोरोना, यह हमारी लापरवाही का फायदा उठाकर हमारे देश में घुस आया है. अब अपना राज कायम करना चाहता है. यह नहीं दिखने वाला ऐसा मायावी राक्षस है जिसे बच्चे और बुजुर्ग पसंद नहीं हैं. इसने अब तक हमारे कई बुजुर्गों की सांसे तोड़ दी है और कई लोगों के फेफड़ों में घर बना चुका है. इतना बेरहम है कि हमारे किसी अपने के सीने में समा कर उसके अपनों को खत्म करना चाहता है. इसका पैंतरा हम समझ चुके हैं, लेकिन इसे मारने का हथियार हम भारतीयों के पास नहीं है. इसको इसी की सोच से एक कदम आगे जाकर मारा जा सकता है. यह बहुत बड़ी चुनौती है और इस जंग में हम सबको मिलकर लड़ना होगा. बार-बार हाथ धोना होगा, भीड़ में जाने से बचना होगा, खांसी-छींक-बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टर के पास जाना होगा. हम अगर ऐसा करेंगे तो यह वायरस हमारे हर गली मोड़ पर दम तोड़ता जाएगा.

कोरोना ले रहा है इंसानियत की परीक्षा

सच यह है कि हम इंसानियत भूल बैठे हैं. हम पर लालच हावी हो चुका है. भौतिक सुख और पैसे के गुलाम हो चुके हैं हम. एक दूसरे को छलने का कोई मौका नहीं छोड़ते. इसने हम इंसानों को एक दूसरे से अलग कर दिया है. अब हमें एक दूसरे से दूर रहकर एक दूसरे का ख्याल रखना होगा. कोरोना के खिलाफ इस जंग को जीतने के लिए हर भारतीय को सहयोग करना पड़ेगा.

रांची: कोरोना के खिलाफ 22 मार्च यानी रविवार को सुबह 7:00 बजे से जंग का आगाज हो चुका है. झारखंड के तमाम शहर बंद हैं. रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर जैसी प्रमुख शहरों में सुबह 7:00 बजे से ही जनता कर्फ्यू का जबरदस्त असर दिख रहा है. अभी तो शुरुआत है इस जंग को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आगे कई त्याग करने पड़ सकते हैं.

बेरहम है यह कोरोना

आज हमारे बीच एक ऐसा वायरस आ गया है जिसने हम इंसानों को लाचार बना दिया है. चुनौती बहुत बड़ी हैं क्योंकि, हमारा सामना एक ऐसे दुश्मन से हो रहा है जो दिखता भी नहीं है. यह इतना बेरहम है कि नहीं चाहता कि हम एक दूसरे से गले मिले, एक दूसरे से हाथ मिलाए, एक दूसरे के साथ बैठकर खाएं, एक दूसरे के सुख-दुख बांटे, एक दूसरे के साथ घूमे फिरे, एक दूसरे के साथ खरीदारी करें. इस दुश्मन को इंसानों का प्रेम अच्छा नहीं लगता. यह नहीं चाहता कि हम मिलजुल कर पूजा-इबादत करें.

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इस दुश्मन का नाम है कोरोना, यह हमारी लापरवाही का फायदा उठाकर हमारे देश में घुस आया है. अब अपना राज कायम करना चाहता है. यह नहीं दिखने वाला ऐसा मायावी राक्षस है जिसे बच्चे और बुजुर्ग पसंद नहीं हैं. इसने अब तक हमारे कई बुजुर्गों की सांसे तोड़ दी है और कई लोगों के फेफड़ों में घर बना चुका है. इतना बेरहम है कि हमारे किसी अपने के सीने में समा कर उसके अपनों को खत्म करना चाहता है. इसका पैंतरा हम समझ चुके हैं, लेकिन इसे मारने का हथियार हम भारतीयों के पास नहीं है. इसको इसी की सोच से एक कदम आगे जाकर मारा जा सकता है. यह बहुत बड़ी चुनौती है और इस जंग में हम सबको मिलकर लड़ना होगा. बार-बार हाथ धोना होगा, भीड़ में जाने से बचना होगा, खांसी-छींक-बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टर के पास जाना होगा. हम अगर ऐसा करेंगे तो यह वायरस हमारे हर गली मोड़ पर दम तोड़ता जाएगा.

कोरोना ले रहा है इंसानियत की परीक्षा

सच यह है कि हम इंसानियत भूल बैठे हैं. हम पर लालच हावी हो चुका है. भौतिक सुख और पैसे के गुलाम हो चुके हैं हम. एक दूसरे को छलने का कोई मौका नहीं छोड़ते. इसने हम इंसानों को एक दूसरे से अलग कर दिया है. अब हमें एक दूसरे से दूर रहकर एक दूसरे का ख्याल रखना होगा. कोरोना के खिलाफ इस जंग को जीतने के लिए हर भारतीय को सहयोग करना पड़ेगा.

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