रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री प्रश्नकाल में कई मामले उठाए गए. CM हेमंत सोरेन ने कोरोना वायरस को लेकर कहा कि राज्य सरकार इस महामारी को लेकर गंभीर है. वहीं, विधायक अमर बाउरी ने भूख से एक व्यक्ति हुई मौत के मामले को सामने रखा. सदन में उपस्थित अमित मंडल ने ओबीसी रिजर्वेशन का मामला भी उठाया गया.
कोरोना को लेकर सरकार स्थिति करेगी स्पष्ट
मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस के नाम पर राजनीति की जा रही है. झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री प्रश्नकाल में बाबूलाल मरांडी के उठाए गए सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह इस मामले में राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते लेकिन इसे लेकर राज्य सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने कई कार्यक्रम फिलहाल टाल दिए हैं. उनमें सरकार आपके द्वार भी शामिल है. उन्होंने कहा कि गोष्ठी और बैठकों को भी बंद कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विदेश से गए लोग विभिन्न रास्तों से वापस लौट रहे, उन सभी यात्रियों को ट्रैक किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 150 लोग ट्रैक किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस बाबत प्रशासनिक कार्यवाही की जा रही है और एसेंबली के फर्स्ट हाफ के बाद अधिकारियों के साथ एक बैठक होगी. उन्होंने कहा कि हाउस को कोरोना को लेकर सरकार की तैयारियों के बारे में इनफॉर्म किया जाएगा.
सदन में उठा भूखल घासी की मौत का मामला
झारखंड विधानसभा में सोमवार को बोकारो जिले में 6 मार्च को कथित तौर पर भूख से एक व्यक्ति हुई मौत के मामले को बीजेपी विधायक अमर बाउरी ने उठाया. उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान ध्यानाकर्षण की शुरुआत होते ही खड़े होकर कहा कि भूखल घासी की मौत के बाद सरकार के कुछ अधिकारी परिजन के पास जाकर उन्हें अपना स्टैंड बदलने का दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि परिजनों को कथित तौर पर 25000 रुपये का प्रलोभन भी दिया गया है ताकि वह जांच समिति के सामने यह कहे कि घासी की मौत भूख से नहीं बल्कि बीमारी से हुई थी. उन्होंने कहा कि इस मामले में पीड़ित परिवार के लिए कम से कम 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि की घोषणा की जानी चाहिए.
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अमित मंडल ने उठाया ओबीसी रिजर्वेशन का मामला
मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी के अमित मंडल ने ओबीसी के लिए 27% आरक्षण की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को विधानसभा से एक प्रस्ताव केंद्र को इस बाबत भेजना चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री सोरेन ने स्पष्ट किया कि एसईसीसी डाटा केंद्र सरकार के पास मौजूद है लेकिन उसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से इस बाबत मांग की जाएगी. वहीं, दशरथ गागराई भाषा अकैडमी को लेकर अपनी मांग रखी जबकि आजसू के लंबोदर महतो ने सीएसटी एक्ट के अनुपाल की मांग भी सरकार के समक्ष रखी. इस पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सरकार इस मामले में गंभीर है.