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जीतराम हत्याकांडः जमीन और जोरू की अदावत में मारे गए भाजपा नेता, जानिए रंजिश की पूरी दास्तां - रांची में हत्या

भाजपा नेता जीतराम मुंडा हत्याकांड में नया खुलासा सामने आया है. पुलिसिया जांच में ये बात सामने आई है कि मनोज मुंडा से जमीन और जीतराम की पत्नी को लेकर अदावत थी. बदला लेने के लिए मनोज ने यूपी के शूटर्स को जीतराम की सुपारी दे दी.

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जीतराम हत्याकांड
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Published : Oct 9, 2021, 9:36 PM IST

रांचीः जमीन और जोरू की लड़ाई में भाजपा नेता जीतराम मुंडा मारे गए, पांच लाख में यूपी के शूटर से सौदा तय हुआ था. भाजपा नेता जीतराम मुंडा हत्याकांड में ये नया खुलासा हुआ है. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि साल 2014 से ही भाजपा नेता जीतराम मुंडा और मनोज मुंडा के बीच अदावत चल रही थी.

इसे भी पढ़ें- फरार मनोज मुंडा पर एक लाख का इनाम घोषित, भाजपा नेता जीतराम मुंडा हत्याकांड का है आरोपी, पोस्टर जारी

इस पुरानी दुश्मनी की वजह से दोनों एक-दूसरे के खून के प्यासे थे. इस दुश्मनी की वजह जमीन और जोरू दोनों थे. मनोज मुंडा ने पहले लोकल शूटर्स को जीतराम मुंडा को मारने की सुपारी दी थी. लेकिन जब वो सफल नहीं हो पाए तब मनोज ने यूपी के शूटर्स को जीतराम को ठिकाने लगाने का जिम्मा दिया. वो लोग वारदात के एक महीने पहले से ही जीतराम की रेकी कर रहे थे. आखिरकार उत्तर प्रदेश के शूटर्स की मदद लेकर मनोज मुंडा ने 22 सितंबर को जीतराम मुंडा की हत्या करवा दी.


जिस लड़की से मनोज करना चाहता था शादी, उससे जीतराम ने कर लिया विवाह
भाजपा नेता जीतराम हत्याकांड की साजिश मनोज मुंडा ने रची थी. इसके लिए उसने भाड़े के हत्यारों का सहारा लिया था. शुक्रवार को जब पुलिस के दबाव में मनोज मुंडा न्यायालय में आत्मसमर्पण करने आ रहा था तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद मनोज ने जीतराम मुंडा से अपनी दुश्मनी का खुलासा किया.

मनोज ने पुलिस को बताया है कि साल 2014 में गायत्री नाम की लड़की के साथ उसकी शादी ठीक हुई थी. लेकिन इसी बीच जीतराम ने गायत्री के परिवार वालों को अपने पक्ष में कर लिया और उससे शादी कर ली. इस मामले को लेकर उस समय भी जीतराम और मनोज में मारपीट हुई थी. 2014 में मनोज की शादी भी धनबाद में एक सीसीएल कर्मचारी की बेटी से हो गई. लेकिन छह महीने बाद ही मनोज मुंडा की पत्नी मौत बिजली का करेंट लगने से हो गई थी. बाद में पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि मनोज ने ही अपनी पत्नी की जान ले ली है. उस मामले में जीतराम मुंडा की गवाही पर ही मनोज मुंडा को जेल हुई थी. उसके बाद से ही मनोज जीतराम की जान के पीछे पड़ गया.

इसे भी पढ़ें- मनोज ने कांट्रैक्ट किलर के साथ मिलकर रची थी भाजपा नेता की हत्या की साजिश, शूटर को दिए थे 5 हजार रुपये एडवांस


दो बार जीतराम मुंडा पर हमला करवा चुका था मनोज
जेल से निकलने के बाद मनोज जीतराम का खून का प्यासा हो गया. वो दो बार पहले भी जीतराम की हत्या का प्रयास कर चुका था. एक बार उसने उस पर गोली भी चलाई थी लेकिन वह पकड़ा गया और पुलिस ने उसे फिर जेल भेज दिया.

जेल से निकलने पर जमीन का काम करने लगा
जेल से निकलने के बाद मनोज मुंडा ओरमांझी इलाके में जमीन के कारोबार में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करने लगा. लेकिन विवाद तब बढ़ गया जब जिस जमीन की डील मनोज कर रहा था उसी जमीन को लेकर जीतराम मुंडा भी एक्टिव हो गया. मनोज को लगा कि एक बार फिर जीतराम उसके रास्ते में रोड़ा बनेगा. इसी वजह से यूपी के शूटर्स को सुपारी देकर जीतराम की हत्या करवा दी.

यूपी से गिरफ्तार हो चुके हैं शूटर
रांची पुलिस ने भाजपा नेता के हत्या मामले में शूटर डब्लू यादव को यूपी के गाजीपुर से और रांची के इरबा से कार्तिक मुंडा को गिरफ्तार कर लिया है. अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि जेल से छूटने के बाद मनोज मुंडा दिल्ली फरार हो गया था. वहां उसकी मुलाकात गाजीपुर के कॉन्ट्रैक्ट किलर बाबू साहेब से हुई. उसके साथ बैठकर उसने जीतराम मुंडा की हत्या की प्लानिंग की. बाबू साहेब 19 सितंबर को मनोज के साथ रांची आ गया, उसके घर पर ही रहने लगा.

इसी क्रम में बाबू साहेब ने गाजीपुर के शूटर डब्लू यादव से संपर्क किया. उसने उससे कहा कि एक व्यक्ति की हत्या करनी है, इसके एवज में उसे अच्छी रकम मिलेगी. उसने पांच हजार रुपए उसके भाई के खाते में डाल दिया. इसके बाद डब्लू बस से रांची पहुंचा, कार्तिक उसे 21 सितंबर की सुबह बस स्टैंड से लेकर ओरमांझी स्थित घर लाया. मनोज, बाबू साहेब और डब्लू ने पूरी प्लानिंग की.

इसे भी पढ़ें- रांची में बीजेपी नेता जीतराम मुंडा की हत्या, दोस्त को भी अपराधियों ने मारी गोली

इसके बाद ओरमांझी चौक पर आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम में डब्लू को कार से कार्यक्रम स्थल ले जाया गया. जहां पर जीतराम की पहचान करवायी गई. 22 सितंबर की शाम पुतला दहन कार्यक्रम से लौटकर जीतराम अपने दोस्त भाजपा नेता राजकुमार के साथ ओरमांझी के पालू स्थित आर्यन होटल में बैठकर चाय पी रहा था. इसकी जानकारी मिलने के बाद एक बाइक में डब्लू यादव और बाबू साहेब होटल के दूसरे छोर स्थित सड़क किनारे बाइक से पहुंचा. वहीं दूसरी बाइक से मनोज और रतन बेदिया भी वहां पर पहुंचे. डब्लू पिस्टल लेकर सड़क पार कर होटल में गया और जीतराम को पीछे से गोली मार दी.

हत्या के बाद लाका पाहन ने दी थी शरण
भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या के बाद मनोज मुंडा पीएलएफआई के एरिया कमांडर लाका पाहन के पास जाकर शरण ली थी. लाका को जब यह खबर मिली कि मनोज मुंडा के ऊपर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया गया है. तब उसी ने उसे सुझाव दिया कि वह जाकर आत्मसमर्पण कर दे नहीं तो अगर पुलिस की दबिश तेज हुई तो वो लोग भी मुसीबत में फंस सकते हैं. आखिरकार शुक्रवार को जब मनोज आत्मसमर्पण करने के लिए कोर्ट पहुंचा तभी उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

रांचीः जमीन और जोरू की लड़ाई में भाजपा नेता जीतराम मुंडा मारे गए, पांच लाख में यूपी के शूटर से सौदा तय हुआ था. भाजपा नेता जीतराम मुंडा हत्याकांड में ये नया खुलासा हुआ है. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि साल 2014 से ही भाजपा नेता जीतराम मुंडा और मनोज मुंडा के बीच अदावत चल रही थी.

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इस पुरानी दुश्मनी की वजह से दोनों एक-दूसरे के खून के प्यासे थे. इस दुश्मनी की वजह जमीन और जोरू दोनों थे. मनोज मुंडा ने पहले लोकल शूटर्स को जीतराम मुंडा को मारने की सुपारी दी थी. लेकिन जब वो सफल नहीं हो पाए तब मनोज ने यूपी के शूटर्स को जीतराम को ठिकाने लगाने का जिम्मा दिया. वो लोग वारदात के एक महीने पहले से ही जीतराम की रेकी कर रहे थे. आखिरकार उत्तर प्रदेश के शूटर्स की मदद लेकर मनोज मुंडा ने 22 सितंबर को जीतराम मुंडा की हत्या करवा दी.


जिस लड़की से मनोज करना चाहता था शादी, उससे जीतराम ने कर लिया विवाह
भाजपा नेता जीतराम हत्याकांड की साजिश मनोज मुंडा ने रची थी. इसके लिए उसने भाड़े के हत्यारों का सहारा लिया था. शुक्रवार को जब पुलिस के दबाव में मनोज मुंडा न्यायालय में आत्मसमर्पण करने आ रहा था तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद मनोज ने जीतराम मुंडा से अपनी दुश्मनी का खुलासा किया.

मनोज ने पुलिस को बताया है कि साल 2014 में गायत्री नाम की लड़की के साथ उसकी शादी ठीक हुई थी. लेकिन इसी बीच जीतराम ने गायत्री के परिवार वालों को अपने पक्ष में कर लिया और उससे शादी कर ली. इस मामले को लेकर उस समय भी जीतराम और मनोज में मारपीट हुई थी. 2014 में मनोज की शादी भी धनबाद में एक सीसीएल कर्मचारी की बेटी से हो गई. लेकिन छह महीने बाद ही मनोज मुंडा की पत्नी मौत बिजली का करेंट लगने से हो गई थी. बाद में पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि मनोज ने ही अपनी पत्नी की जान ले ली है. उस मामले में जीतराम मुंडा की गवाही पर ही मनोज मुंडा को जेल हुई थी. उसके बाद से ही मनोज जीतराम की जान के पीछे पड़ गया.

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दो बार जीतराम मुंडा पर हमला करवा चुका था मनोज
जेल से निकलने के बाद मनोज जीतराम का खून का प्यासा हो गया. वो दो बार पहले भी जीतराम की हत्या का प्रयास कर चुका था. एक बार उसने उस पर गोली भी चलाई थी लेकिन वह पकड़ा गया और पुलिस ने उसे फिर जेल भेज दिया.

जेल से निकलने पर जमीन का काम करने लगा
जेल से निकलने के बाद मनोज मुंडा ओरमांझी इलाके में जमीन के कारोबार में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश करने लगा. लेकिन विवाद तब बढ़ गया जब जिस जमीन की डील मनोज कर रहा था उसी जमीन को लेकर जीतराम मुंडा भी एक्टिव हो गया. मनोज को लगा कि एक बार फिर जीतराम उसके रास्ते में रोड़ा बनेगा. इसी वजह से यूपी के शूटर्स को सुपारी देकर जीतराम की हत्या करवा दी.

यूपी से गिरफ्तार हो चुके हैं शूटर
रांची पुलिस ने भाजपा नेता के हत्या मामले में शूटर डब्लू यादव को यूपी के गाजीपुर से और रांची के इरबा से कार्तिक मुंडा को गिरफ्तार कर लिया है. अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि जेल से छूटने के बाद मनोज मुंडा दिल्ली फरार हो गया था. वहां उसकी मुलाकात गाजीपुर के कॉन्ट्रैक्ट किलर बाबू साहेब से हुई. उसके साथ बैठकर उसने जीतराम मुंडा की हत्या की प्लानिंग की. बाबू साहेब 19 सितंबर को मनोज के साथ रांची आ गया, उसके घर पर ही रहने लगा.

इसी क्रम में बाबू साहेब ने गाजीपुर के शूटर डब्लू यादव से संपर्क किया. उसने उससे कहा कि एक व्यक्ति की हत्या करनी है, इसके एवज में उसे अच्छी रकम मिलेगी. उसने पांच हजार रुपए उसके भाई के खाते में डाल दिया. इसके बाद डब्लू बस से रांची पहुंचा, कार्तिक उसे 21 सितंबर की सुबह बस स्टैंड से लेकर ओरमांझी स्थित घर लाया. मनोज, बाबू साहेब और डब्लू ने पूरी प्लानिंग की.

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इसके बाद ओरमांझी चौक पर आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम में डब्लू को कार से कार्यक्रम स्थल ले जाया गया. जहां पर जीतराम की पहचान करवायी गई. 22 सितंबर की शाम पुतला दहन कार्यक्रम से लौटकर जीतराम अपने दोस्त भाजपा नेता राजकुमार के साथ ओरमांझी के पालू स्थित आर्यन होटल में बैठकर चाय पी रहा था. इसकी जानकारी मिलने के बाद एक बाइक में डब्लू यादव और बाबू साहेब होटल के दूसरे छोर स्थित सड़क किनारे बाइक से पहुंचा. वहीं दूसरी बाइक से मनोज और रतन बेदिया भी वहां पर पहुंचे. डब्लू पिस्टल लेकर सड़क पार कर होटल में गया और जीतराम को पीछे से गोली मार दी.

हत्या के बाद लाका पाहन ने दी थी शरण
भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या के बाद मनोज मुंडा पीएलएफआई के एरिया कमांडर लाका पाहन के पास जाकर शरण ली थी. लाका को जब यह खबर मिली कि मनोज मुंडा के ऊपर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया गया है. तब उसी ने उसे सुझाव दिया कि वह जाकर आत्मसमर्पण कर दे नहीं तो अगर पुलिस की दबिश तेज हुई तो वो लोग भी मुसीबत में फंस सकते हैं. आखिरकार शुक्रवार को जब मनोज आत्मसमर्पण करने के लिए कोर्ट पहुंचा तभी उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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