रांची: रांची रेल मंडल के लगभग 16 ट्रेन ड्राइवर यानी कि लोको पायलटों ने ऑफिशियल वर्क करने के लिए लेजर ऑपरेशन करा लिया है. हालांकि इनके खिलाफ मेजर चार्जशीट दायर कर दिया गया है और जांच टीम गठित की गई है.
16 ट्रेन ड्राइवरों ने करा लिया लेजर ऑपरेशन
रांची रेल मंडल में इन दिनों कुछ अच्छा नहीं चल रहा है.16 ट्रेन ड्राइवर गुपचुप तरीके से ऑफिशियल वर्क करने के लिए लेजर ऑपरेशन करा कर अपनी आंखों की रोशनी कम करा लिए हैं. ताकि उन्हें विभाग द्वारा ट्रेन परिचालन से हटा दिया जाए और वह ऑफिशियल वर्क कर सकें. ऐसे कुल 16 ट्रेन ड्राइवर हैं जो कि मालगाड़ी का परिचालन करते थे.
जांच टीम गठित
करीब 7 वर्षों से ये लोको पायलट माल गाड़ी चला रहे थे. मेडिकल टीम ने इन्हें हरी झंडी भी दे दी और आंख की रोशनी कम होने का रिपोर्ट भी बना दिया. इन ट्रेन ड्राइवर को ट्रेन परिचालन से हटाकर ग्राउंड वर्क में रखा गया है. हालांकि जब विभाग को यह पता चला कि यह लोग गुपचुप तरीके से आंख की रोशनी कम कर ऑफिशियल वर्क करना चाहते हैं, तब इनके खिलाफ इंक्वायरी गठित कर मेजर चार्जशीट दे दिया गया है.
हो सकती है विभागीय कार्रवाई
इस मामले को लेकर सीपीआरओ नीरज कुमार ने कहा कि इन ट्रेन ड्राइवर को फिलहाल ट्रेन परिचालन से हटा दिया गया है. इनसे अब ग्राउंड का काम लिया जा रहा है. हालांकि इन पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है. मामला अभी जांच के घेरे में है.
राजधानी एक्सप्रेस में छेड़खानी के मामले पर भी नया मोड़
इधर, राजधानी एक्सप्रेस-20840 की B-9 छेड़खानी मामले में एक नया तथ्य भी सामने आया है. राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेन में पैसेंजर को सुरक्षित यात्रा के लिए तमाम बोगियों में स्वर्ण जयंती योजना के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. लेकिन घटना के दिन B-9 के सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े थे. अगर सीसीटीवी काम कर रहा होता तो यह घटना नहीं घटती.
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इस मामले पर भी जांच की जाएगी
वहीं दूसरी और यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं जानबूझकर तो सीसीटीवी में छेड़छाड़ नहीं किया गया. हालांकि इस मामले में सीपीआरओ नीरज कुमार का कहना है कि मैकेनिकल विभाग इसकी मॉनिटरिंग करता है. इसे तत्काल दुरुस्त कराया जाएगा और इस मामले पर भी जांच की जाएगी.