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राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा का राजभवन के सामने महाधरना, जातीय जनगणना और निकाय चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्ट की मांग

झारखंड में ओबीसी को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण, ट्रिपल टेस्ट और जातीय जनगणना को लेकर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने राजभवन के सामने धरना दिया.

Mahadharna of National OBC Front
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Published : Jun 30, 2022, 4:12 PM IST

Updated : Jun 30, 2022, 4:36 PM IST

रांची: राजभवन के सामने राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने धरना दिया. उनकी मांग है कि झारखंड में नौकरियों में ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर जनसंख्या के अनुपात किया जाए, निकाय चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्ट की कार्रवाई पूरी हो और ओबीसी का इम्पीरिकल डेटा रिपोर्ट बनाने का फैसला कैबिनेट से पास करे और राज्य में जातीय जनगणना कराई जाए. राजभवन के सामने धरना दे रहे राष्ट्रीय राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के सदस्यों ने सरकार से जल्द ही ओबीसी के हित में फैसला लेने की मांग की.

ये भी पढ़ें: ईसाई से सरना धर्म में वापसीः एक परिवार के तीन सदस्यों का शुद्धिकरण कर पहान ने किया स्वागत


राजभवन के सामने धरने पर बैठे ओबीसी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान सरकार द्वारा ओबीसी का ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट तैयार नहीं की गई थी. इसकी वजह से राज्य की आबादी का सबसे बड़ा ओबीसी समाज को पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सका. उन्होंने कहा कि राज्य में 52 से 55 प्रतिशत तक ओबीसी हैं लेकिन राज्य की सरकारी नौकरियों में ओबीसी के युवाओं को सिर्फ 14% ही आरक्षण मिलता है. यह ओबीसी समाज के युवाओं की हकमारी है.

राजेश गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा

महाधरना के माध्यम से मांग की जा रही है कि हेमंत सोरेन की सरकार भारत सरकार से जाति आधारित जनगणना की मांग करें. अलग केंद्र सरकार नहीं मानती हैं तो फिर राज्य की सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराए. राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की झारखंड इकाई ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि अगर राज्य सरकार झारखंड में ओबीसी के हितों का अनादर करती है और उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो मोर्चा व्यापक आंदोलन राज्य में शुरू करेगा.

ये होता है ट्रिपल टेस्ट

  • किसी भी राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के रूप में पिछड़ेपन की प्रकृति और इसके मायने समझने के लिए एक आयोग की स्थापना.
  • आयोग की सिफारिशों के अनुसार स्थानीय निकाय में आवश्यक आरक्षण के अनुपात को निर्दिष्ट किया जाएगा ताकि अधिकता का भ्रम ना हो.
  • किसी भी मामले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण कुल सीटों का 50% से अधिक ना हो.

रांची: राजभवन के सामने राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने धरना दिया. उनकी मांग है कि झारखंड में नौकरियों में ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर जनसंख्या के अनुपात किया जाए, निकाय चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्ट की कार्रवाई पूरी हो और ओबीसी का इम्पीरिकल डेटा रिपोर्ट बनाने का फैसला कैबिनेट से पास करे और राज्य में जातीय जनगणना कराई जाए. राजभवन के सामने धरना दे रहे राष्ट्रीय राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के सदस्यों ने सरकार से जल्द ही ओबीसी के हित में फैसला लेने की मांग की.

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राजभवन के सामने धरने पर बैठे ओबीसी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान सरकार द्वारा ओबीसी का ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट तैयार नहीं की गई थी. इसकी वजह से राज्य की आबादी का सबसे बड़ा ओबीसी समाज को पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सका. उन्होंने कहा कि राज्य में 52 से 55 प्रतिशत तक ओबीसी हैं लेकिन राज्य की सरकारी नौकरियों में ओबीसी के युवाओं को सिर्फ 14% ही आरक्षण मिलता है. यह ओबीसी समाज के युवाओं की हकमारी है.

राजेश गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा

महाधरना के माध्यम से मांग की जा रही है कि हेमंत सोरेन की सरकार भारत सरकार से जाति आधारित जनगणना की मांग करें. अलग केंद्र सरकार नहीं मानती हैं तो फिर राज्य की सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराए. राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की झारखंड इकाई ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि अगर राज्य सरकार झारखंड में ओबीसी के हितों का अनादर करती है और उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो मोर्चा व्यापक आंदोलन राज्य में शुरू करेगा.

ये होता है ट्रिपल टेस्ट

  • किसी भी राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के रूप में पिछड़ेपन की प्रकृति और इसके मायने समझने के लिए एक आयोग की स्थापना.
  • आयोग की सिफारिशों के अनुसार स्थानीय निकाय में आवश्यक आरक्षण के अनुपात को निर्दिष्ट किया जाएगा ताकि अधिकता का भ्रम ना हो.
  • किसी भी मामले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण कुल सीटों का 50% से अधिक ना हो.
Last Updated : Jun 30, 2022, 4:36 PM IST
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