ETV Bharat / city

ऑक्सीमीटर पर आंख मूंदकर न करें भरोसा, गलत रीडिंग से अटक सकती है सांस

कोरोना से जूझ रहे मरीजों के लिए ऑक्सीमीटर जरूरी उपकरण है. ऑक्सीमीटर की बढ़ती मांग से बाजार में इसकी कमी हो गई है. इसके साथ ही घटिया ऑक्सीमीटर भी बेची जा रही है. ऑक्सीमीटर सही न हो तो रीडिंग गलत आएगी और आप स्थिति का सही अंदाजा नहीं लगा सकेंगे. ऐसी स्थिति जानलेवा भी हो सकती है.

How To Use Pulse Oximeter
ऑक्सीमीटर
author img

By

Published : Apr 24, 2021, 8:44 PM IST

रांचीः कोरोना संक्रमण के शिकार मरीजों में ऑक्सीजन की कमी से उनकी स्थिति बिगड़ रही है. ऑक्सीजन का स्तर जांचने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आप इस पर आंख मूंद कर भरोसा न करें और लगातार डॉक्टर की निगरानी में रहें. दरअसल बाजार में घटिया ऑक्सीमीटर भी धड़ल्ले से बेची जा रही है, जो गलत रीडिंग दे सकती है. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर मानक से कम होने की गलत रीडिंग पर आप घबराहट के शिकार बन सकते हैं.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने कोविड सर्किट का किया उद्घाटन, जरूरत पड़े तो 104 पर करें कॉल

रांची के निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. शनिवार सुबह उनके ऑक्सीजन का स्तर 94 था, लेकिन इसके बाद अचानक ऑक्सीमीटर में रीडिंग 82 बताने लगा. इससे मरीज अवाक रह गया, घबराहट होने लगी और दम फूलने लगा. मरीज ने नर्स को किसी और ऑक्सीमीटर से चेक करने के लिए कहा तो ऑक्सीजन का स्तर 94 आया.

How To Use Pulse Oximeter
ऑक्सीमीटर

क्या कहते हैं डॉक्टर

निजी अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बताया कि कई बार पुराने या निम्न स्तर के ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग देते हैं. ऐसे में इस पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं किया जा सकता है. कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षण वाले मरीजों को डॉक्टर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह देते हैं. लेकिन ऐसे मरीजों के ऑक्सीजन स्तर पर लगातार नजर बनाए रखना पड़ता है. घर में ऑक्सीजन का स्तर मापने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. एक सामान्य व्यक्ति के शरीर नें ऑक्सीजन का स्तर 95 से ज्यादा होता है. अगर मरीज का ऑक्सीजन स्तर 90 या इससे नीचे आए तो तुरंत डॉक्टर को बताएं और अस्पताल में भर्ती की व्यवस्था करें.

ये भी पढ़ें: सदर में संवेदनहीनता! डॉक्टर से कहता रहा बेटा- पापा को देख लीजिए, तड़प-तड़पकर गई जान

पल्स ऑक्सीमीटर क्या है

पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा उपकरण है, जो कपड़े की क्लिप के जैसा दिखता है. यह डिजिटल उपकरण शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की जांच करता है. एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से ज्यादा होता है. ऑक्सीजन स्तर मापने के लिए ऑक्सीमीटर के बीच हाथ की उंगली रखते हैं. इसके बाद उपकरण का फोटो इलेक्ट्रिक हिस्सा ऑक्सीजन सैचुरेशन और हार्ट बीट को चेक कर रीडिंग बताता है.

ये भी पढ़ें: धनबादः सदर अस्पताल में रविवार से शुरू होगा ICU वार्ड, ऑक्सीजन की पहली खेप पहुंची

खतरनाक हो सकता है निम्न स्तर का ऑक्सीमीटर

ऑक्सीमीटर कोरोना से लड़ने में एक कारगर हथियार है लेकिन निम्न स्तर का ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग की वजह से आपको मुसीबत में डाल सकता है. लिहाजा सिर्फ ऑक्सीमीटर के भरोसे न रहें और डॉक्टर से परामर्श लेते रहें.

रांचीः कोरोना संक्रमण के शिकार मरीजों में ऑक्सीजन की कमी से उनकी स्थिति बिगड़ रही है. ऑक्सीजन का स्तर जांचने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आप इस पर आंख मूंद कर भरोसा न करें और लगातार डॉक्टर की निगरानी में रहें. दरअसल बाजार में घटिया ऑक्सीमीटर भी धड़ल्ले से बेची जा रही है, जो गलत रीडिंग दे सकती है. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर मानक से कम होने की गलत रीडिंग पर आप घबराहट के शिकार बन सकते हैं.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने कोविड सर्किट का किया उद्घाटन, जरूरत पड़े तो 104 पर करें कॉल

रांची के निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. शनिवार सुबह उनके ऑक्सीजन का स्तर 94 था, लेकिन इसके बाद अचानक ऑक्सीमीटर में रीडिंग 82 बताने लगा. इससे मरीज अवाक रह गया, घबराहट होने लगी और दम फूलने लगा. मरीज ने नर्स को किसी और ऑक्सीमीटर से चेक करने के लिए कहा तो ऑक्सीजन का स्तर 94 आया.

How To Use Pulse Oximeter
ऑक्सीमीटर

क्या कहते हैं डॉक्टर

निजी अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बताया कि कई बार पुराने या निम्न स्तर के ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग देते हैं. ऐसे में इस पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं किया जा सकता है. कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षण वाले मरीजों को डॉक्टर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह देते हैं. लेकिन ऐसे मरीजों के ऑक्सीजन स्तर पर लगातार नजर बनाए रखना पड़ता है. घर में ऑक्सीजन का स्तर मापने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. एक सामान्य व्यक्ति के शरीर नें ऑक्सीजन का स्तर 95 से ज्यादा होता है. अगर मरीज का ऑक्सीजन स्तर 90 या इससे नीचे आए तो तुरंत डॉक्टर को बताएं और अस्पताल में भर्ती की व्यवस्था करें.

ये भी पढ़ें: सदर में संवेदनहीनता! डॉक्टर से कहता रहा बेटा- पापा को देख लीजिए, तड़प-तड़पकर गई जान

पल्स ऑक्सीमीटर क्या है

पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा उपकरण है, जो कपड़े की क्लिप के जैसा दिखता है. यह डिजिटल उपकरण शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की जांच करता है. एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 95 से ज्यादा होता है. ऑक्सीजन स्तर मापने के लिए ऑक्सीमीटर के बीच हाथ की उंगली रखते हैं. इसके बाद उपकरण का फोटो इलेक्ट्रिक हिस्सा ऑक्सीजन सैचुरेशन और हार्ट बीट को चेक कर रीडिंग बताता है.

ये भी पढ़ें: धनबादः सदर अस्पताल में रविवार से शुरू होगा ICU वार्ड, ऑक्सीजन की पहली खेप पहुंची

खतरनाक हो सकता है निम्न स्तर का ऑक्सीमीटर

ऑक्सीमीटर कोरोना से लड़ने में एक कारगर हथियार है लेकिन निम्न स्तर का ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग की वजह से आपको मुसीबत में डाल सकता है. लिहाजा सिर्फ ऑक्सीमीटर के भरोसे न रहें और डॉक्टर से परामर्श लेते रहें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.