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2020-21 के लिए पोशाक की राशि जारी नहीं करेगी विभाग, शिक्षा पदाधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट

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Published : Sep 1, 2020, 10:33 PM IST

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2019- 20 का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट आने के बाद 2020-21 के लिए राशि जारी करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिया गया है.

Literacy Department
रांंची युनिवर्सिटी

रांची: स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2019- 20 का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट आने के बाद ही 2020-21 के लिए राशि जारी करने का निर्णय लिया है. दरअसल, विभिन्न सरकारी स्कूलों में पोशाक जूता मोजा और स्वेटर की राशि को लेकर अब तक सर्टिफिकेट नहीं मिला है. इस वजह से संबंधित विभाग को राशि जारी करने से फिलहाल स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने मना कर दिया है.

इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया काफी धीमी है. अब तक शत-प्रतिशत नामांकन स्कूलों में नहीं हो सका है प्राथमिक से लेकर हाईस्कूल तक के नामांकन प्रभावित हुए हैं और इसे देखते हुए फिलहाल विभाग की ओर से स्कूलों में नामांकन के आधार पर पोशाक स्वेटर और जूता मोजा की राशि देने से इस साल समस्या आ रही है.

झारखंड के स्कूलों से पिछले साल बच्चों को दी गई पोशाक जूता, मोजा, स्वेटर की राशि का अब तक सर्टिफिकेशन नहीं हुआ है. संबंधित विभाग की ओर से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को शैक्षणिक सत्र 2019-20 का यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट भी अब तक जारी नहीं किया गया है. इसीलिए फिलहाल विभाग ने सत्र 2020-21 के लिए राशि फिलहाल जारी नहीं करने का निर्णय लिया है.

इस संबंध में विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिया गया है. पहली पांचवी तक के बच्चों को 600 रुपये और छठी से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को 700 रुपए पोशाक के लिए दिए जाते हैं और नामांकन के आधार पर विद्यार्थियों को राशि रिलीज की जाती है.

घंटी आधारित शिक्षकों ने नियमित करने की उठाई मांग

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जैसे विद्यालयों में पठन-पाठन का काम करने वाले झारखंड अंशकालीन शिक्षकों ने सेवा सत्र सुधार और नियमितीकरण की मांग राज्य सरकार से की है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री समेत राज्य के तमाम विधायकों को भी मांग पत्र सौंपा गया है.

इसके अलावा संघ की ओर से राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को भी अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया है. गौरतलब है कि राज्य के 203 कस्तूरबा और 66 झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में घंटी के आधार पर शिक्षक शिक्षिकाओं को मानदेय दिया जाता है. 2016 के बाद अब तक इनके मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है और लगातार इस मामले को लेकर शिक्षक आंदोलनरत हैं.

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को ऑनलाइन नामांकन में हो रही है परेशानी

रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले यूजी एकेडमिक सेशन 2020 -23 में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हालांकि इस बार प्रथम सूची के आधार पर लिए जा रहे नामांकन में काफी कम संख्या में आवेदन आए हैं. इस वर्ष सिर्फ ऑनलाइन फॉर्म भरे जाने का विकल्प है. इस वजह से भी अभ्यर्थियों की कमी देखी जा रही है. वहीं, कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थी इस बार नामांकन कम लिए है. जानकारी के मुताबिक इन अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नामांकन लिए जाने में लगातार परेशानी आ रही है और इस वजह से पहली सूची के आधार पर सीटें भरना आरयू के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है.

ऑफलाइन फाइनल परीक्षा को लेकर कुलपति ने कॉलेजों का किया निरीक्षण

यूजीसी के निर्देशानुसार उच्च शिक्षा विभाग के साथ राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति कामिनी कुमार और कुलपति रमेश कुमार पांडे ने आरयू के यूजी फाइनल परीक्षा के आयोजन को लेकर राजधानी रांची के गोसनर कॉलेज, जेएन कॉलेज, योगदा सत्संग कॉलेज और डोरोंडा कॉलेज का दौरा कर वहां परीक्षा के आयोजन संबंधी तैयारियों का जायजा लिया है.

बता दें कि कोविड-19 के तहत गाइडलाइन का पूरी तरह पालन हो इस दिशा में प्राचार्यों को विशेष निर्देश दिया गया है. परीक्षा आयोजन को लेकर पूरी गतिविधियों से संबंधित एक रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को जिला प्रशासन को सौंपना है. इसी के तहत कुलपति रमेश कुमार पांडे इन कॉलेजों का निरीक्षण फाइनल परीक्षा को लेकर कर रहे हैं.

रांची: स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2019- 20 का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट आने के बाद ही 2020-21 के लिए राशि जारी करने का निर्णय लिया है. दरअसल, विभिन्न सरकारी स्कूलों में पोशाक जूता मोजा और स्वेटर की राशि को लेकर अब तक सर्टिफिकेट नहीं मिला है. इस वजह से संबंधित विभाग को राशि जारी करने से फिलहाल स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने मना कर दिया है.

इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया काफी धीमी है. अब तक शत-प्रतिशत नामांकन स्कूलों में नहीं हो सका है प्राथमिक से लेकर हाईस्कूल तक के नामांकन प्रभावित हुए हैं और इसे देखते हुए फिलहाल विभाग की ओर से स्कूलों में नामांकन के आधार पर पोशाक स्वेटर और जूता मोजा की राशि देने से इस साल समस्या आ रही है.

झारखंड के स्कूलों से पिछले साल बच्चों को दी गई पोशाक जूता, मोजा, स्वेटर की राशि का अब तक सर्टिफिकेशन नहीं हुआ है. संबंधित विभाग की ओर से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को शैक्षणिक सत्र 2019-20 का यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट भी अब तक जारी नहीं किया गया है. इसीलिए फिलहाल विभाग ने सत्र 2020-21 के लिए राशि फिलहाल जारी नहीं करने का निर्णय लिया है.

इस संबंध में विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिया गया है. पहली पांचवी तक के बच्चों को 600 रुपये और छठी से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को 700 रुपए पोशाक के लिए दिए जाते हैं और नामांकन के आधार पर विद्यार्थियों को राशि रिलीज की जाती है.

घंटी आधारित शिक्षकों ने नियमित करने की उठाई मांग

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जैसे विद्यालयों में पठन-पाठन का काम करने वाले झारखंड अंशकालीन शिक्षकों ने सेवा सत्र सुधार और नियमितीकरण की मांग राज्य सरकार से की है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री समेत राज्य के तमाम विधायकों को भी मांग पत्र सौंपा गया है.

इसके अलावा संघ की ओर से राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को भी अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया है. गौरतलब है कि राज्य के 203 कस्तूरबा और 66 झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में घंटी के आधार पर शिक्षक शिक्षिकाओं को मानदेय दिया जाता है. 2016 के बाद अब तक इनके मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है और लगातार इस मामले को लेकर शिक्षक आंदोलनरत हैं.

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को ऑनलाइन नामांकन में हो रही है परेशानी

रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले यूजी एकेडमिक सेशन 2020 -23 में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हालांकि इस बार प्रथम सूची के आधार पर लिए जा रहे नामांकन में काफी कम संख्या में आवेदन आए हैं. इस वर्ष सिर्फ ऑनलाइन फॉर्म भरे जाने का विकल्प है. इस वजह से भी अभ्यर्थियों की कमी देखी जा रही है. वहीं, कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थी इस बार नामांकन कम लिए है. जानकारी के मुताबिक इन अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नामांकन लिए जाने में लगातार परेशानी आ रही है और इस वजह से पहली सूची के आधार पर सीटें भरना आरयू के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है.

ऑफलाइन फाइनल परीक्षा को लेकर कुलपति ने कॉलेजों का किया निरीक्षण

यूजीसी के निर्देशानुसार उच्च शिक्षा विभाग के साथ राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति कामिनी कुमार और कुलपति रमेश कुमार पांडे ने आरयू के यूजी फाइनल परीक्षा के आयोजन को लेकर राजधानी रांची के गोसनर कॉलेज, जेएन कॉलेज, योगदा सत्संग कॉलेज और डोरोंडा कॉलेज का दौरा कर वहां परीक्षा के आयोजन संबंधी तैयारियों का जायजा लिया है.

बता दें कि कोविड-19 के तहत गाइडलाइन का पूरी तरह पालन हो इस दिशा में प्राचार्यों को विशेष निर्देश दिया गया है. परीक्षा आयोजन को लेकर पूरी गतिविधियों से संबंधित एक रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को जिला प्रशासन को सौंपना है. इसी के तहत कुलपति रमेश कुमार पांडे इन कॉलेजों का निरीक्षण फाइनल परीक्षा को लेकर कर रहे हैं.

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