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108 एंबुलेंस में नहीं काम करती कई जीवन रक्षक मशीनें! ऑडिट में सामने आयी गड़बड़ियां

मरीजों के लिए किसी भी नाजुक स्थिति में निटपने के लिए एंबुलेंस सेवा कारगर साबित होता है. इसलिए अत्याधुनिक मशीनों से एंबुलेंस को लैस किया जाता है. लेकिन राजधानी रांची के 108 एंबुलेंस में जीवन रक्षक मशीनें खराब हैं. ऐसा क्यों कहा जा रहा है, जानिए ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से.

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Published : Oct 15, 2021, 5:42 PM IST

Updated : Oct 15, 2021, 6:02 PM IST

रांचीः दिल का दौरा पड़ा हो या फिर एक्सीडेंट के बाद ट्रॉमा वाली स्थिति में मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की जरूरत पड़ती है. इसे विशेषज्ञ गोल्डन ऑवर और अस्पताल पहुंचने तक एंबुलेंस में ही मरीजों को कई जीवन रक्षक उपकरण की सहायता को जरूरी बताते हैं. एंबुलेंस मरीज को अस्पताल पहुंचाने का साधन मात्र नहीं होता बल्कि वह अस्पताल की भूमिका में भी तब तक होता है जबतक मरीज अस्पताल ना पहुंच जाए. अगर हम आपको बताएं कि रांची में 108 एंबुलेंस में लगी मशीनें काम नहीं करता है तो आप क्या कहेंगे?

इसे भी पढ़ें- खटिया पर स्वास्थ्य व्यवस्था! 108 एंबुलेंस के इनकार के बाद गर्भवती को खाट से उठाकर लाए ग्रामीण

पिछले दिनों राजधानी रांची में NHM के तहत चलाई जा रही 108 एंबुलेंस का ऑडिट विभागीय आदेश के बाद कराया गया. हालांकि अभी इस ऑडिट रिपोर्ट को औपचारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि कई ऐसे 108 एंबुलेंस मिले हैं जिसमें लगे जीवन रक्षक उपकरण काम ही नहीं करते. आलम ऐसा है कि ट्रॉमा के समय जिस सक्शन मशीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह भी खराब पाया गया है.

देखें पूरी खबर

रांची में ही चल रहे एक 108 एंबुलेंस के कर्मी ने अपना नाम तो नहीं बताया पर इतना जरूर कहा कि उसके एंबुलेंस की ऑडिट हो गयी है. जिसमें कई मशीनें पुरानी पड़ गयी हैं, कौन-कौन सी मशीन खराब है? इस सवाल पर वरीय अधिकारियों की ओर से होने वाली कार्रवाई के डर से सहमे कर्मी ने कहा कि सक्शन मशीन मरीज के स्वास नली में जमा कफ नहीं खींच पाता है.


कितना महत्वपूर्ण है सक्शन मशीन
सदर अस्पताल रांची के पूर्व उपाधीक्षक और और प्रख्यात चिकित्सक डॉ. एके झा ने कहा कि एक्सीडेंट, हार्ट अटैक, मिरगी या किसी भी ट्रॉमा की स्थिति में जब मरीज बेहोश हो जाता है, वैसी स्थिति में स्वास नली में कफ भर जाता है. इसे अगर नहीं निकाला गया तो मरीज की सांस तक रुक सकती है. डॉ. एके झा एंबुलेंस के लिए सक्शन मशीन को बेहद जरूरी बताते हैं.

क्या कहते हैं रांची सिविल सर्जन
रांची में 108 एंबुलेंस की ऑडिट के दौरान कई गड़बड़ियां पाए जाने के सवाल पर सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार ने यह तो माना कि 108 एंबुलेंस की ऑडिट हुई है. लेकिन उसमें पायी गयी कमियों और गड़बड़ियों को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. सिविल सर्जन ने यह जरूर कहा कि भाजपा के राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकबी की ओर से 03 एंबुलेंस मिलते ही वह 108 एंबुलेंस NHM को वापस कर देंगे.

इसे भी पढ़ें- धनबाद में एंबुलेंस से शराब की सप्लाई, अवैध रूप से बनाई जा रही अंग्रेजी शराब


राजधानी में ऐसा हा तो गांव में क्या होगा

जब राजधानी में 108 एंबुलेंस में इस तरह की कमियां तो दूरदराज इलाकों में चलने वाले एंबुलेंस की स्थिति कैसी होगी, इसका तो बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है. पिछली सरकार में 300 के करीब 108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत हुई थी. अब जब राजधानी की एंबुलेंसों में कई तरह की कमियां मिली है. ऐसे में राजधानी से दूरस्थ इलाकों में एंबुलेंस और उसमें मौजूद उपकरणों की क्या स्थिति होगी इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है.

राज्य के सभी 108 एंबुलेंस का ऑडिट और उसकी रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा कि वास्तव में 108 के रूप में उपकरणों से लैस जीवन रक्षक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं या फिर एक ऐसा एंबुलेंस जिसमें जीवन रक्षक उपकरण तो लगे हैं पर वह काम नहीं करते.

रांचीः दिल का दौरा पड़ा हो या फिर एक्सीडेंट के बाद ट्रॉमा वाली स्थिति में मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की जरूरत पड़ती है. इसे विशेषज्ञ गोल्डन ऑवर और अस्पताल पहुंचने तक एंबुलेंस में ही मरीजों को कई जीवन रक्षक उपकरण की सहायता को जरूरी बताते हैं. एंबुलेंस मरीज को अस्पताल पहुंचाने का साधन मात्र नहीं होता बल्कि वह अस्पताल की भूमिका में भी तब तक होता है जबतक मरीज अस्पताल ना पहुंच जाए. अगर हम आपको बताएं कि रांची में 108 एंबुलेंस में लगी मशीनें काम नहीं करता है तो आप क्या कहेंगे?

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पिछले दिनों राजधानी रांची में NHM के तहत चलाई जा रही 108 एंबुलेंस का ऑडिट विभागीय आदेश के बाद कराया गया. हालांकि अभी इस ऑडिट रिपोर्ट को औपचारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि कई ऐसे 108 एंबुलेंस मिले हैं जिसमें लगे जीवन रक्षक उपकरण काम ही नहीं करते. आलम ऐसा है कि ट्रॉमा के समय जिस सक्शन मशीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह भी खराब पाया गया है.

देखें पूरी खबर

रांची में ही चल रहे एक 108 एंबुलेंस के कर्मी ने अपना नाम तो नहीं बताया पर इतना जरूर कहा कि उसके एंबुलेंस की ऑडिट हो गयी है. जिसमें कई मशीनें पुरानी पड़ गयी हैं, कौन-कौन सी मशीन खराब है? इस सवाल पर वरीय अधिकारियों की ओर से होने वाली कार्रवाई के डर से सहमे कर्मी ने कहा कि सक्शन मशीन मरीज के स्वास नली में जमा कफ नहीं खींच पाता है.


कितना महत्वपूर्ण है सक्शन मशीन
सदर अस्पताल रांची के पूर्व उपाधीक्षक और और प्रख्यात चिकित्सक डॉ. एके झा ने कहा कि एक्सीडेंट, हार्ट अटैक, मिरगी या किसी भी ट्रॉमा की स्थिति में जब मरीज बेहोश हो जाता है, वैसी स्थिति में स्वास नली में कफ भर जाता है. इसे अगर नहीं निकाला गया तो मरीज की सांस तक रुक सकती है. डॉ. एके झा एंबुलेंस के लिए सक्शन मशीन को बेहद जरूरी बताते हैं.

क्या कहते हैं रांची सिविल सर्जन
रांची में 108 एंबुलेंस की ऑडिट के दौरान कई गड़बड़ियां पाए जाने के सवाल पर सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार ने यह तो माना कि 108 एंबुलेंस की ऑडिट हुई है. लेकिन उसमें पायी गयी कमियों और गड़बड़ियों को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. सिविल सर्जन ने यह जरूर कहा कि भाजपा के राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकबी की ओर से 03 एंबुलेंस मिलते ही वह 108 एंबुलेंस NHM को वापस कर देंगे.

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राजधानी में ऐसा हा तो गांव में क्या होगा

जब राजधानी में 108 एंबुलेंस में इस तरह की कमियां तो दूरदराज इलाकों में चलने वाले एंबुलेंस की स्थिति कैसी होगी, इसका तो बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है. पिछली सरकार में 300 के करीब 108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत हुई थी. अब जब राजधानी की एंबुलेंसों में कई तरह की कमियां मिली है. ऐसे में राजधानी से दूरस्थ इलाकों में एंबुलेंस और उसमें मौजूद उपकरणों की क्या स्थिति होगी इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है.

राज्य के सभी 108 एंबुलेंस का ऑडिट और उसकी रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा कि वास्तव में 108 के रूप में उपकरणों से लैस जीवन रक्षक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं या फिर एक ऐसा एंबुलेंस जिसमें जीवन रक्षक उपकरण तो लगे हैं पर वह काम नहीं करते.

Last Updated : Oct 15, 2021, 6:02 PM IST

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