रांची: झारखंड में हवाला या मनी लाउंड्रिंग मामलों में रोकथाम को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामलों की रोकथाम के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एक यूनिट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के एक पत्र के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने कार्रवाई शुरू की है.
क्या है पूरा मामला
ईडी ने झारखंड के डीजीपी कमलनयन चौबे को 18 नवंबर को एक पत्र भेजा था. इस पत्र के जरिए ईडी ने झारखंड में हवाला और मनी लाउंड्रिंग से संबंधित कांडों की जानकारी मांगी थी. इसके बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने 10 दिसंबर को एक पत्र सभी जिलों के एसपी को भेजा है. पत्र के माध्यम से एसपी से साल 2009 से 15 दिसंबर 2019 तक मनी लाउंड्रिंग के तहत दर्ज मामलों की जानकारी मांगी गई है. जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि अगर उनके जिले में मनी लाउंड्रिंग का कोई मामला नहीं चल रहा है तो वह शून्य अंकित कर जानकारी भेजें.
यूनिट बनाने के लिए आईपीएस को बनाया नोडल अफसर
राज्य पुलिस मुख्यालय ने राज्य में प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत यूनिट बनाने के लिए सीआईडी के एसपी मनोज रतन चोथे को नोडल अफसर बनाया है. नोडल पदाधिकारी के तौर पर मनोज रतन चोथे को यूनिट बनाने की जिम्मेदारी होगी.
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झारखंड में मनी लाउंड्रिंग के कई अहम मामले
झारखंड में मनी लाउंड्रिंग के कई बड़े मामले चल रहे हैं. साल 2009 के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, उनके कैबिनेट के सहयोगी एनोस एक्का, कमलेश सिंह, भानू प्रताप शाही, पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार के खिलाफ मामला चल रहा है. वहीं पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को मनी लाउंड्रिंग के तहत सजा भी मिल चुकी है. ईडी ने चर्चित राष्ट्रीय खेल घोटाले, राजस्व विभाग के कर्मी शशिभूषण सिंह, संजीवनी बिल्डकॉन के निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ भी मनी लाउंड्रिंग के तहत जांच शुरू की है.