रांची: केंद्र सरकार के किए गए कमर्शियल कोल माइनिंग को लेकर मजदूर यूनियन के साथ-साथ राजनीतिक दल भी लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. इसी को लेकर राजधानी में गुरुवार को कमर्शियल कोल माइनिंग के विरोध में ट्रेड यूनियनों की शुरू की गई हड़ताल को झारखंड इकाई के सभी वामदलों ने नैतिक समर्थन दिया.
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'हड़ताल को आंदोलन का रूप देने का काम करेंगे'
सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता प्रकाश विप्लब ने मजदूरों के हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि यह कमर्शियल कोल माइनिंग सिर्फ निजी कंपनियों को लाभ देने के लिए किया गया है. जिस तरह से प्रधानमंत्री ने 18 जून को खनन कानून का उल्लंघन करते हुए कमर्शियल कोल माइनिंग में हिस्सा लिया है, यह असंवैधानिक है. इस लिए सभी वाम दल के लोग प्रधानमंत्री के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करते हैं. अगर सरकार कमर्शियल कोल माइनिंग के मुद्दे पर पीछे नहीं हटती है तो सरकार को झुकाने के लिए हड़ताल को आंदोलन का रूप देंगे.
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सरकार की इस मंशा को वामदल कभी भी पूरा नहीं होने देगी
वहीं, सीपीआई के नेता अजय सिंह ने भी कहा कि सरकार की इस मंशा को वामदल कभी भी पूरा नहीं होने देगी. क्योंकि गरीबों और मजदूरों के लिए वाम दल ने हमेशा ही आवाज उठाई है और आगे भी उठाते रहेंगे.