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श्रम कानूनों में बदलाव के खिलाफ वामदलों ने किया विरोध, कहा- मजदूरों के हितों के खिलाफ है ये कानून - वामदलों का रांची में विरोध

कोयला उद्योग के निजीकरण और श्रम कानून में संशोधन करने के खिलाफ कोयला यूनियनों ने शुक्रवार को अपना विरोध प्रदर्शन सीएमपीडीआई में किया. उन्होंने कहा कि इससे मजूदर बंधुआ की तरह काम करने को मजबूर हो जाएंगे. सरकार केवल अपनी जेब भर रही है. उसने मजदूरों के बारे में सोचना छोड़ दिया है.

वामदलों का विरोध
वामदलों का विरोध
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Published : May 23, 2020, 9:38 PM IST

रांची: श्रमिकों के हितों को लेकर पूरे देश के साथ-साथ राजधानी में भी वामदलों का विरोध लगातार जारी है. इसी के मद्देनजर 22 मई को सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन के आवाहन पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया गया और श्रमिक कानूनों में किए गए बदलाव का विरोध जताया.

देखें पूरी खबर

मजदूरों के हक के लिए विरोध प्रदर्शन

झारखंड में विरोध प्रदर्शन करते हुए सीटू के कार्यकर्ता भवन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से श्रमिक कानूनों में बदलाव लाए गए हैं और कोयला उद्योगों को निजी हाथों में सौंपने की बात कही जा रही है. इसको लेकर सभी ट्रेड यूनियन के नेताओं में खासा आक्रोश है. इसके मद्देनजर ट्रेड यूनियन के आवाहन पर पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी श्रमिक नेताओं ने मजदूरों के हक के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया.

मजदूरों की मदद करने से हाथ पीछे खींच रही है सरकार

श्रमिक नेता भवन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से लॉकडाउन के दौरान झारखंड के लाखों मजदूर बाहर के राज्यों में फंसे हुए हैं और केंद्र सरकार इस संकट की घड़ी में मजदूरों की मदद करने से हाथ पीछे कर रही है साथ ही साथ सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर थोप रही है जो कहीं से भी सही नहीं है.


ये भी पढ़ें-रांचीः अग्निशमन मुख्यालय में लगी आग, कॉन्फ्रेंस रूम को नुकसान, शॉर्ट सर्किट से लगी आग

उन्होंने कहा कि एचईसी सिर्फ झारखंड की ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बड़ी संपत्ति है लेकिन केंद्र सरकार की भारी उद्योग मंत्रालय के द्वारा इसे बार-बार निजी हाथों में सौंपने की बात कही जाती है. एचईसी को एक्स्ट्रा पैकेज देकर मजबूत बनाएं ताकि एचईसी में काम करने वाले मजदूर की आर्थिक सफलता बनी रहे.

रांची: श्रमिकों के हितों को लेकर पूरे देश के साथ-साथ राजधानी में भी वामदलों का विरोध लगातार जारी है. इसी के मद्देनजर 22 मई को सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन के आवाहन पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया गया और श्रमिक कानूनों में किए गए बदलाव का विरोध जताया.

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मजदूरों के हक के लिए विरोध प्रदर्शन

झारखंड में विरोध प्रदर्शन करते हुए सीटू के कार्यकर्ता भवन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से श्रमिक कानूनों में बदलाव लाए गए हैं और कोयला उद्योगों को निजी हाथों में सौंपने की बात कही जा रही है. इसको लेकर सभी ट्रेड यूनियन के नेताओं में खासा आक्रोश है. इसके मद्देनजर ट्रेड यूनियन के आवाहन पर पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी श्रमिक नेताओं ने मजदूरों के हक के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया.

मजदूरों की मदद करने से हाथ पीछे खींच रही है सरकार

श्रमिक नेता भवन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से लॉकडाउन के दौरान झारखंड के लाखों मजदूर बाहर के राज्यों में फंसे हुए हैं और केंद्र सरकार इस संकट की घड़ी में मजदूरों की मदद करने से हाथ पीछे कर रही है साथ ही साथ सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर थोप रही है जो कहीं से भी सही नहीं है.


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उन्होंने कहा कि एचईसी सिर्फ झारखंड की ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बड़ी संपत्ति है लेकिन केंद्र सरकार की भारी उद्योग मंत्रालय के द्वारा इसे बार-बार निजी हाथों में सौंपने की बात कही जाती है. एचईसी को एक्स्ट्रा पैकेज देकर मजबूत बनाएं ताकि एचईसी में काम करने वाले मजदूर की आर्थिक सफलता बनी रहे.

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