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झारखंड में खुल रहे 4091 लीडर स्कूल, प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर होंगे विकसित - लीडर स्कूल

झारखंड के शिक्षा सचिव राजेश कुमार ने अधिकारियों को पंचायतों से आदर्श स्कूल (Adarsh Schools) चयन के लिए 4091 लीडर स्कूलों (Leader Schools) के चिह्नितीकरण का निर्देश दिया है. उन्होंने उन पंचायतों को प्राथमिकता देने को कहा है जहां सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं हैं.

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Published : Jul 25, 2021, 12:13 PM IST

रांचीः स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (School Education and Literacy Department) के सचिव राजेश कुमार की अध्यक्षता में आदर्श स्कूल (Adarsh Schools) कार्यक्रम की विस्तृत समीक्षा की गई है. मौके पर सचिव ने अधिकारियों को पंचायतों से आदर्श स्कूल (Adarsh Schools) चयन के लिए 4,091 लीडर स्कूलों (Leader Schools) के चिह्नितीकरण का निर्देश दिया है. इन स्कूलों में सर्वाधिक नामांकन का भी ध्यान रखने का निर्देश जारी किया गया है. इसके साथ ही उन पंचायतों को प्राथमिकता देने को कहा है जहां सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं हैं.

ये भी पढ़ें-रांची के 569 स्कूल में 30 से भी कम बच्चे, आठ हजार स्कूलों में शिक्षकों के पद सृजित करने की तैयारी

सचिव ने दिए कई निर्देश

वहीं 325 आदर्श स्कूलों (Adarsh Schools) में आधारभूत संरचना को लेकर भी व्यापक निर्देश दिये गए हैं. इसके अतिरिक्त सचिव ने आदर्श विद्यालयों के प्रभाव को रेखांकित करने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए अगस्त के मध्य या अंत में एक वर्चुवल प्रोग्राम तय करें. जिसमें हेडमास्टर समेत प्रोग्राम से जुड़े सभी पक्षों को शामिल किया जाना है. इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी संबोधित करेंगे.

शिक्षक नियुक्ति पर जोर

शिक्षा सचिव ने आदर्श विद्यालयों (Adarsh Schools) में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल के निदेशक को इसके लिए प्रतिनियुक्ति पत्र 30 जुलाई तक संबंधित शिक्षकों को निर्गत करने को कहा है. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक हर हाल में 7 अगस्त तक अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर योगदान दें. गोड्डा और गढ़वा के आदर्श विद्यालयों में हेडमास्टर की प्रतिनियुक्ति अविलंब करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, प्रत्येक आदर्श स्कूल में आवश्यकतानुसार सुरक्षा प्रहरी से लेकर सफाईकर्मी और माली की व्यवस्था आउटसोर्स के माध्यम से करने को कहा गया है.

हेडमास्टरों का ट्रेनिंग कैलेंडर जारी करने का निर्देश

सचिव ने NCSL ट्रेनिंग के लिए सभी हेडमास्टरों को कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया है. आइआइएम, रांची में ट्रेनिंग के लिए भी ओरिएंटेशन कैलेंडर जारी करने और ट्रेनिंग शुक्रवार की जगह गुरुवार को कराने को कहा गया है. वहीं शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए ब्रिटिश काउंसिल इंडिया (British Council India) से आवश्यक दस्तावेज और प्रस्ताव मांगने का निर्देश दिया गया है. एसएमसी ट्रेनिंग की बाबत कहा गया कि पहले इसके सदस्यों के कार्य और जिम्मेदारियों को तय करें और ट्रेनिंग अख्तियार करें.

अलग-अलग बनाएं साइंस लैब

सचिव ने निर्देश दिया है कि साइंस विषयों के एकीकृत लैब की जगह अलग-अलग लैब बनायें. वहीं आदर्श स्कूलों में स्मार्ट क्लास (Smart Class) और लैब को विकसित और निगरानी करने के लिए जिलास्तर पर एक व्यक्ति को जिम्मेदारी देने को कहा गया है.

व्यावसायिक शिक्षा को उन्नत बनायें

सचिव ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को उन्नत बनायें. इसके लिए अन्य स्कूलों से भी गठजोड़ करें. उन्होंने कहा कि हर स्कूल किसी खास ट्रेड में विशेषज्ञता रखता है. इस स्थिति में एक स्कूल का छात्र विशेष ट्रेड की पढ़ाई के लिए साप्ताहिक आधार पर किसी दूसरे स्कूल में भी जाकर अपनी रुचि के विषय की बेहतर शिक्षा ले पाएगा. उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा को और उन्नत बनाने के लिए स्कूलों को पॉलिटेक्निक कॉलेजों और स्किल डेवलपमेंट सेंटरों से भी जोड़ने पर बल दिया.

प्रमुख पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई समीक्षा

समीक्षा बैठक में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार के अलावा स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जेईपीसी सह निदेशक जेसीईआरटी डॉ. शैलेश कुमार चौरसिया, डायरेक्टर सेकेंडरी हर्ष मंगला, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, जेईपीसी जयंत कुमार मिश्रा, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉ. अरविंद कुमार, कोऑर्डिनेटर सचिन कुमार, एजक्यूटिव इंजीनियर रतन श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.

रांचीः स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (School Education and Literacy Department) के सचिव राजेश कुमार की अध्यक्षता में आदर्श स्कूल (Adarsh Schools) कार्यक्रम की विस्तृत समीक्षा की गई है. मौके पर सचिव ने अधिकारियों को पंचायतों से आदर्श स्कूल (Adarsh Schools) चयन के लिए 4,091 लीडर स्कूलों (Leader Schools) के चिह्नितीकरण का निर्देश दिया है. इन स्कूलों में सर्वाधिक नामांकन का भी ध्यान रखने का निर्देश जारी किया गया है. इसके साथ ही उन पंचायतों को प्राथमिकता देने को कहा है जहां सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं हैं.

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सचिव ने दिए कई निर्देश

वहीं 325 आदर्श स्कूलों (Adarsh Schools) में आधारभूत संरचना को लेकर भी व्यापक निर्देश दिये गए हैं. इसके अतिरिक्त सचिव ने आदर्श विद्यालयों के प्रभाव को रेखांकित करने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए अगस्त के मध्य या अंत में एक वर्चुवल प्रोग्राम तय करें. जिसमें हेडमास्टर समेत प्रोग्राम से जुड़े सभी पक्षों को शामिल किया जाना है. इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी संबोधित करेंगे.

शिक्षक नियुक्ति पर जोर

शिक्षा सचिव ने आदर्श विद्यालयों (Adarsh Schools) में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल के निदेशक को इसके लिए प्रतिनियुक्ति पत्र 30 जुलाई तक संबंधित शिक्षकों को निर्गत करने को कहा है. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक हर हाल में 7 अगस्त तक अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर योगदान दें. गोड्डा और गढ़वा के आदर्श विद्यालयों में हेडमास्टर की प्रतिनियुक्ति अविलंब करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, प्रत्येक आदर्श स्कूल में आवश्यकतानुसार सुरक्षा प्रहरी से लेकर सफाईकर्मी और माली की व्यवस्था आउटसोर्स के माध्यम से करने को कहा गया है.

हेडमास्टरों का ट्रेनिंग कैलेंडर जारी करने का निर्देश

सचिव ने NCSL ट्रेनिंग के लिए सभी हेडमास्टरों को कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया है. आइआइएम, रांची में ट्रेनिंग के लिए भी ओरिएंटेशन कैलेंडर जारी करने और ट्रेनिंग शुक्रवार की जगह गुरुवार को कराने को कहा गया है. वहीं शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए ब्रिटिश काउंसिल इंडिया (British Council India) से आवश्यक दस्तावेज और प्रस्ताव मांगने का निर्देश दिया गया है. एसएमसी ट्रेनिंग की बाबत कहा गया कि पहले इसके सदस्यों के कार्य और जिम्मेदारियों को तय करें और ट्रेनिंग अख्तियार करें.

अलग-अलग बनाएं साइंस लैब

सचिव ने निर्देश दिया है कि साइंस विषयों के एकीकृत लैब की जगह अलग-अलग लैब बनायें. वहीं आदर्श स्कूलों में स्मार्ट क्लास (Smart Class) और लैब को विकसित और निगरानी करने के लिए जिलास्तर पर एक व्यक्ति को जिम्मेदारी देने को कहा गया है.

व्यावसायिक शिक्षा को उन्नत बनायें

सचिव ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को उन्नत बनायें. इसके लिए अन्य स्कूलों से भी गठजोड़ करें. उन्होंने कहा कि हर स्कूल किसी खास ट्रेड में विशेषज्ञता रखता है. इस स्थिति में एक स्कूल का छात्र विशेष ट्रेड की पढ़ाई के लिए साप्ताहिक आधार पर किसी दूसरे स्कूल में भी जाकर अपनी रुचि के विषय की बेहतर शिक्षा ले पाएगा. उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा को और उन्नत बनाने के लिए स्कूलों को पॉलिटेक्निक कॉलेजों और स्किल डेवलपमेंट सेंटरों से भी जोड़ने पर बल दिया.

प्रमुख पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई समीक्षा

समीक्षा बैठक में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार के अलावा स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जेईपीसी सह निदेशक जेसीईआरटी डॉ. शैलेश कुमार चौरसिया, डायरेक्टर सेकेंडरी हर्ष मंगला, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, जेईपीसी जयंत कुमार मिश्रा, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉ. अरविंद कुमार, कोऑर्डिनेटर सचिन कुमार, एजक्यूटिव इंजीनियर रतन श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.

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