रांचीः मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे. विधायकों ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर हाई कोर्ट में सही तरीके से अपना पक्ष नहीं रखा. यही वजह है कि हाई स्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हो गई.
कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में सामूहिक दुष्कर्म के मामले को गंभीर बताते हुए कार्य स्थगन लाकर विशेष चर्चा की मांग की. जिसे स्पीकर ने यह कहते हुए अमान्य करार दिया कि इस पर दूसरी पाली में अपनी बात रख सकते हैं. हंगामा बढ़ता देख संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दुष्कर्म की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इस मामले पर सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भी डीजीपी को इस मामले पर तलब किया था. उन्होंने विस्तार से सरकार का पक्ष रखने के लिए समय मांगा. इस बीच बीजेपी विधायक वेल में आकर अपना विरोध जताते रहे.
रणधीर सिंह को किया गया आउट
बीजेपी विधायक रणधीर सिंह को सदन की मर्यादा के उल्लंघन के आरोप में सदन से बाहर निकाल दिया गया. दरअसल जब बीजेपी के विधायक हंगामा कर रहे थे तो स्पीकर बार-बार उन्हें अपनी सीट पर जाने का आग्रह करते रहे. लेकिन रणधीर सिंह का विरोध करने का तरीका बेहद अलग था. इस पर स्पीकर ने उन्हें मर्यादा में रहने को कहा. इसके बावजूद रणधीर सिंह तेज आवाज में बोलते रहे. स्पीकर ने चेतावनी देते हुए कहा कि आप ऐसा आचरण नहीं कर सकते हैं. जवाब में रणधीर सिंह ने कहा कि मैं ऐसा ही करूंगा. लिहाजा स्पीकर ने मार्शल को आदेश दिया कि विधायक रणधीर सिंह को सदन से बाहर निकाला जाए. इस बीच शिक्षक नियुक्ति रद्द मामले पर विपक्ष के हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा. जिसके बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.