रांचीः झारखंड की राजधानी रांची में जमीन पर कब्जा, सरकारी जमीन की खरीद बिक्री और आदिवासियों के धार्मिक जमीन की लूट आम बात हो गई है. जमीन दलाल सरकारी और आदिवासियों की धार्मिक जमीनों पर घात लगा कर बैठे रहते हैं और मौका मिलते ही जमीन पर कब्जा करने के साथ साथ बेचना शुरू कर देते हैं. ताजा मामला कांके ब्लॉक से जुड़ा है, जहां आदिवासियों की धार्मिक जमीन पर माफियाओं की ओर से जबरन कब्जा करने का प्रयास किया गया है.
यह भी पढ़ेंःजबरन जमीन पर कब्जा करने का प्रयास, तोड़-फोड़, पथराव में पांच गिरफ्तार
कांके प्रखंड के जमुवारी पंचायत में भुंइहरी नेचर की जमीन को आदिवासी समुदाय हड़गड़ी धार्मिक स्थल के रूप प्रयोग करते हैं. हड़गड़ी का मतलब होता है कि आदिवसी समुदाय के लोगों की मृत्यु होने के बाद जहां हड्डियां गाड़ी जाती है. इस जमीन पर सुबेर अंसारी और फिरोज अंसारी नामक दलाल की नजर है. इन दलालों ने कब्जा करने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों ने विरोध किया. विरोध करने वाले लोगों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है.
घटनास्थल पर पहुंचे केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय के धार्मिक स्थल पर कब्जा किया जा रहा है. इसका विरोध करने पर ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई. इसके साथ ही पिठौरिया थाने में ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की धर्मिक जमीन है. प्रशासन इसपर पर उचित कार्रवाई नहीं करती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
ग्रामीणों ने बताया कि शाम 7 बजे जमीन दलाल सुबेर अंसारी जेसीबी लेकर पहुंचा और जमीन को समतल करवाने लगा. इसका हमलोगों ने विरोध किया तो गांव वालों पर चाकू से हमला किया गया. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची तो दलाल भाग निकला. ग्रामीणों ने कहा कि दलाल के साथ पुलिस भी मिली हुई है.