रांची: झारखंड में चुनाव के दौरान अक्सर कुछ न कुछ ऐसा देखने को मिलता है. जो देशभर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है. इस बार तमाड़ विधानसभा सीट पर लोगों की नजर है, जहां से पूर्व नक्सली कुंदन पाहन चुनावी मैदान में कदमताल करने को तैयार है. हालांकि उसकी उम्मीदवारी पर संशय बरकरार है.
तमाड़ विधानसभा सीट पर टिकी नजरें
झारखंड के महासमर में एक से एक सियासी सूरमा ताल ठोंक रहे हैं लेकिन तमाम राजनीतिक पंडितों के साथ-साथ पूरे झारखंडवासियों की नजर राजधानी से सटे तमाड़ विधानसभा सीट पर टिकी है. क्योंकि इस सीट पर सियासतदानों के अलावा एक समय आतंक का पर्याय रह चुका पूर्व नक्सली कुंदन पाहन भी खादी पहनकर समाज की सेवा करना चाहता है. लेकिन उसकी उम्मीदावारी पर अंतिम फैसला मंगलवार को होना है.
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16.50 लाख रूपए नगद होने की दी जानकारी
नॉमिनेशन के बाद कुंदन पाहन ने कहा कि वह पहले भी गरीब-गुरबों के लिए लड़ता रहा है. लिहाजा उसे तमाड़ की जनता पर पूरा भरोसा है, हालांकि उसका मानना है कि उस वक्त उसका तरीका असंवैधानिक था. कुंदन पाहन को झारखंड पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन नॉमिनेशन के ठीक एक दिन पहले पार्टी ने उसकी उम्मीदवारी रद्द करने की बात कही. झारखंड पार्टी के अध्यक्ष एनोस एक्का ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि पार्टी ने कुंदन पाहन से टिकट वापस लेने की जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को लिखित में रूप में दे दी है.
एनोस एक्का के इस बयान के बाद कुंदन पाहन की उम्मीदवारी खतरे में है. बहरहाल, कुंदन पाहन ने नामांकन के दौरान चुनावी हलफनामे में 16.50 लाख रूपए नगद होने की जानकारी दी है.
खूंटी का रहनेवाला है कुंदन
कुंदन पाहन का असली नाम बीर सिंह पाहन है जो राज्य के खूंटी जिले के अड़की प्रखंड स्थित बारीगड़ा गांव के रहने वाले हैं. पारिवारिक जमीन पर आपसी कलह के बाद उसने हथियारउठा लिया था. उनके दो भाइयों ने भी माओवादियों से हाथ मिला लिया था. हलांकि उसके एक भाई दिंबा पाहन ने पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया था जबकि दूसरे भाई श्याम पाहन को पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार किया था. कुंदन पर कुल 128 मामले दर्ज हैं. उसने साल 2017 में आत्मसमर्पण किया था. वह पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड का मुख्य आरोपी है.