रांचीः पर्व त्योहार का मौसम शुरू होते ही राजधानी रांची में छिनतई और चोरी की वारदातें भी अचानक से बढ़ गई हैं. राजधानी में पर्व-त्योहार में खरीदारी करने के लिए लोग बाजार निकल रहे हैं और उनके साथ स्नेचिंग की घटनाएं आम हो गई हैं. स्नैचिंग करने वाले गिरोह में न सिर्फ राजधानी के लोकल गिरोह शामिल हैं, बल्कि बिहार का कुख्यात कोढ़ा गिरोह भी राजधानी में सक्रिय है.
अपराधियों की चहल-कदमी से परेशान रांची पुलिस के सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है. बिहार के कटिहार का खतरनाक कोढ़ा गिरोह राजधानी में एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. यह गिरोह पर्व त्योहारों के सीजन में एक्टिव होता है.
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कैसे करता है गिरोह काम
कोढ़ा गैंग के सदस्य बैंक या एटीएम के बाहर बुजुर्गों, महिलाओं को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य बाइक का इस्तेमाल करते हैं, बगैर हथियार का इस्तेमाल किए ये बैंक से निकलने वालों को निशाना बनाते हैं. गिरोह के सदस्य रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह समेत कई जगहों पर सक्रिय रहे हैं. कटिहार के कोढ़ा गांव के लोग देशभर में घूम-घूम कर आपराधिक वारदात को अंजाम देते हैं.
खुजली पाउडर का करते है इस्तेमाल
हाल के दिनों में पकड़े गए कोढ़ा गिरोह के अपराधियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि बैंकों की रेकी करने के बाद ग्राहकों को निशाना बनाते वक्त खुजली पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. बैंक ग्राहकों के शरीर पर पाउडर छिड़कते ही वो असहज हो जाते हैं. ऐसे में छिनतई आसान हो जाती है.
धनबाद-रांची ठिकाना, नेपाल तक है दायर
मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में कोढ़ा गिरोह के 50 से अधिक सदस्य फिलहाल सक्रिय हैं. जिनमें सबसे अधिक रांची और धनबाद में अलग-अलग जगह पर अपना ठिकाना बना कर रह रहे हैं और मौका मिलते ही आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. यह गिरोह बेहद शातिर होता है. आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद यह दो-तीन महीनों के लिए नेपाल भाग जाते हैं और फिर मामला शांत होने के बाद दोबारा दूसरे शहर जा कर छिनतई और लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं.
पिछले साल जेल गए अपराधी जमानत पर मचा रहे उत्पात
ऐसा नहीं है कि राजधानी में केवल कोढ़ा गिरोह ही एक्टिव है. साल 2019 में अक्टूबर महीने तक रांची पुलिस ने शहर में उत्पात मचा रहे 23 अपराधियों को जेल भेज दिया था. जेल भेजे गए अधिकांश स्नैचर थे. झपटमारों में कुख्यात शाकिब उर्फ देवा और आफताब जानम अभी भी जेल में हैं. लेकिन उसने कई शागिर्द जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं. अब यह अपराधी भी रांची पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रहे हैं.
डीजीपी ने दिये सख्त कार्रवाई के निर्देश
इधर राज्य के डीजीपी एमवी राव ने पर्व त्योहार को देखते हुए पूरे राज्य के पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की और उन्हें यह आदेश दिया है कि वे चोरी, डकैती और छिनतई की वारदातों को हर कीमत पर रोकें.
पुलिस ने की अपील
वहीं दूसरी तरफ राजधानी की पुलिस ने आम लोगों से यह अपील की है कि अगर उनके आसपास कोई भी संदिग्ध नजर आता है तो वे तुरंत हंड्रेड डायल या फिर आसपास के पीसीआर वैन या फिर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को भी इसकी जानकारी दें ताकि समय रहते वारदात को रोका जा सके.
क्या है पहचान का तरीका
यह गिरोह बैंक से पैसा निकालने के समय बैंक में ही आसपास मौजूद रहता है, ऐसे में अगर लगातार कोई आपकी रेकी कर रहा है तो तुरंत सावधान हो जाएं. अगर आप बैंक से मोटी रकम निकालकर घर जा रहे हैं तो बेहिचक होकर पुलिस को इस मामले की जानकारी दें ताकि पुलिस आप को सुरक्षा दे सके. ज्वेलरी शॉप के आसपास भी यह गिरोह एक्टिव रहता है, खासकर इस गिरोह के सदस्य विंडो शॉपिंग करते नजर आ सकते हैं. पुलिस ने लोगों से यह भी अपील की है कि वह अगर बाजार जाते हैं तो बेहद कीमती गहने ज्यादा न पहने.