रांची: झारखंड सरकार में मंत्री रहे योगेंद्र साव और विधायक रहीं उनकी पत्नी निर्मला देवी को कोर्ट ने बड़कागांव गोलीकांड में दोषी माना है. इस मामले में कोर्ट उन्हें आज (24मार्च) सजा सुनाएगी. यह घटना 2015 की है जब बड़कागांव में एनटीपीसी अपना प्लांट लगा रही थी, जिसका स्थानीय विरोध कर रहे थे. वे अपनी जमीन प्लांट को देना नहीं चाहते थे. इस मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ बड़कागांव, हजारीबाग में कफन सत्याग्रह किया था. इस दौरान हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने फायरिंग की थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी.
2015 में बड़कागांव में योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्माला देवी ने एनटीपीसी कफन सत्याग्रह चलाया था. इस आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी पूरी कोशिश की थी, लेकिन बातचीत के कई दौर होने के बाद भी वह बेनतीजा रहा था. इसके बाद तब की बड़कागांव विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के निर्मला देवी के गिरफ्तार करने पर ग्रामीण भड़क गए और पुलिस पर पथराव कर उन्हें पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया.
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इधर, पुलिस ने भी हिंसक झड़प के बाद मामला बिगड़ता देख पहले लाठीचार्ज और फिर फायरिंग की, जिसमें कई ग्रामीणों की मौत हो गई. इस मामले में कांग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद के पिता योगेंद्र साव के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. दर्ज किए गए 11 मामलों में योगेंद्र साव को अदालत ने बरी कर दिया है, लेकिन एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया है. इसी मामले में कोर्ट उन्हें आज( 24 मार्च) सजा सुनाएगी.