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बीजेपी के दिग्गज कड़िया मुंडा के बेटे ने झामुमो का थामा दामन, बीजेपी के खिलाफ खूंटी में करेंगे प्रचार

झारखंड विधनसभा चुनाव दिनों-दिन काफी दिलचस्प होते जा रहा है. सभी पार्टियों में वैसे ही हलचल मची है. ऐसे में बीजेपी के दिग्गज नेता कड़िया मुंडा के बेटे चुनवी मैदान में जेएमएम की टिकट से खूंटी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जिससे माना जा रहा कि कड़िया मुंडा का झुकाव बेटे को लेकर जेएमएम की ओर रहेगा. जो बीजेपी के लिए एक सेटबैक हो सकता है.

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Published : Nov 24, 2019, 3:28 PM IST

खूंटी उम्मीदवार अमरनाथ मुंडा

रांची: इलेक्शन मोड में आए झारखंड में एक तरफ जहां टिकट की दावेदारी के बीच नेताओं का दल बदल जारी है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में बीजेपी के 'वट वृक्ष' के रूप में मशहूर कड़िया मुंडा के बेटे का झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाना सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक सेटबैक हो सकता है.

देखें पूरी खबर

लोकसभा चुनावों में 8 बार खूंटी का प्रतिनिधित्व कर चुके कड़िया मुंडा अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं. इसके साथ ही जनसंघ के काल से भगवा दल से जुड़े मुंडा को पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया, हालांकि उन्होंने जमकर खूंटी से बीजेपी के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा के लिए प्रचार किया था. अंदरूनी सूत्रों की माने तो कड़िया मुंडा के बेटे अमरनाथ मुंडा खूंटी से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें बीजेपी ने मौका नहीं दिया.

बीजेपी के लिए गलत मैसेज प्रचारित!
दरअसल खूंटी से राज्य के मौजूदा ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा बीजेपी के उम्मीदवार है. वहीं पार्टी ने तोरपा में भी दूसरा उम्मीदवार खड़ा किया है. नाम नहीं लिखने की शर्त पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि कड़िया मुंडा जैसे दिग्गज नेता के बेटे का प्रमुख विपक्षी दल में शामिल होना बीजेपी के लिए गलत मैसेज प्रचारित करेगा. उनका दावा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाकर बीजेपी के खिलाफ अमरनाथ मुंडा का प्रचार कहीं न कहीं पार्टी के लिए प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न कर सकता है.

2 महीने में BJP के कई नेताओं ने छोड़ा पार्टी का दामन
हालांकि अमरनाथ मुंडा इकलौते उदाहरण नहीं है जिन्होंने बीजेपी के बजाय दूसरे दल का दामन थामा हो. पिछले 2 महीने में बीजेपी के विधायक राधाकृष्ण किशोर समेत अन्य कई नेताओं ने बीजेपी छोड़ दूसरे दलों में शरण ली है. उनमें कोडरमा की शालिनी गुप्ता और जामताड़ा के नाला से माधव चंद्र महतो का नाम भी शामिल है. दोनों अपने अपने इलाके से आजसू पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सिंह मेंसन या रघुकुल, किसकी बचेगी 'लाज', चौखट लांघकर 'ताज' पहनने निकली बहुएं

पत्थलगड़ी से चर्चा में आया खूंटी
दरअसल खूंटी जिले का नाम पत्थलगड़ी की घटनाओं को लेकर पूरे देश में चर्चा में आया था. उस दौरान लोगों ने खूंटी के ग्रामीण इलाकों में राजनीतिज्ञों के प्रवेश पर एक तरीके से प्रतिबंध जैसी स्थिति खड़ी कर दी थी. लोकसभा चुनावों के दौरान भी खूंटी विधानसभा सीट से बीजेपी को लीड नहीं मिल पाई थी.

क्या कहते हैं नेता
अमरनाथ मुंडा के झामुमो शामिल होने पर नेता प्रतिपक्ष और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने साफ कहा कि मुंडा के आने से खूंटी इलाके में झामुमो और मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि यह एक तरीके से बीजेपी से लोगों के मोहभंग की स्थिति को बयां कर रही है.

रांची: इलेक्शन मोड में आए झारखंड में एक तरफ जहां टिकट की दावेदारी के बीच नेताओं का दल बदल जारी है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में बीजेपी के 'वट वृक्ष' के रूप में मशहूर कड़िया मुंडा के बेटे का झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाना सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक सेटबैक हो सकता है.

देखें पूरी खबर

लोकसभा चुनावों में 8 बार खूंटी का प्रतिनिधित्व कर चुके कड़िया मुंडा अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं. इसके साथ ही जनसंघ के काल से भगवा दल से जुड़े मुंडा को पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया, हालांकि उन्होंने जमकर खूंटी से बीजेपी के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा के लिए प्रचार किया था. अंदरूनी सूत्रों की माने तो कड़िया मुंडा के बेटे अमरनाथ मुंडा खूंटी से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें बीजेपी ने मौका नहीं दिया.

बीजेपी के लिए गलत मैसेज प्रचारित!
दरअसल खूंटी से राज्य के मौजूदा ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा बीजेपी के उम्मीदवार है. वहीं पार्टी ने तोरपा में भी दूसरा उम्मीदवार खड़ा किया है. नाम नहीं लिखने की शर्त पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि कड़िया मुंडा जैसे दिग्गज नेता के बेटे का प्रमुख विपक्षी दल में शामिल होना बीजेपी के लिए गलत मैसेज प्रचारित करेगा. उनका दावा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाकर बीजेपी के खिलाफ अमरनाथ मुंडा का प्रचार कहीं न कहीं पार्टी के लिए प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न कर सकता है.

2 महीने में BJP के कई नेताओं ने छोड़ा पार्टी का दामन
हालांकि अमरनाथ मुंडा इकलौते उदाहरण नहीं है जिन्होंने बीजेपी के बजाय दूसरे दल का दामन थामा हो. पिछले 2 महीने में बीजेपी के विधायक राधाकृष्ण किशोर समेत अन्य कई नेताओं ने बीजेपी छोड़ दूसरे दलों में शरण ली है. उनमें कोडरमा की शालिनी गुप्ता और जामताड़ा के नाला से माधव चंद्र महतो का नाम भी शामिल है. दोनों अपने अपने इलाके से आजसू पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सिंह मेंसन या रघुकुल, किसकी बचेगी 'लाज', चौखट लांघकर 'ताज' पहनने निकली बहुएं

पत्थलगड़ी से चर्चा में आया खूंटी
दरअसल खूंटी जिले का नाम पत्थलगड़ी की घटनाओं को लेकर पूरे देश में चर्चा में आया था. उस दौरान लोगों ने खूंटी के ग्रामीण इलाकों में राजनीतिज्ञों के प्रवेश पर एक तरीके से प्रतिबंध जैसी स्थिति खड़ी कर दी थी. लोकसभा चुनावों के दौरान भी खूंटी विधानसभा सीट से बीजेपी को लीड नहीं मिल पाई थी.

क्या कहते हैं नेता
अमरनाथ मुंडा के झामुमो शामिल होने पर नेता प्रतिपक्ष और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने साफ कहा कि मुंडा के आने से खूंटी इलाके में झामुमो और मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि यह एक तरीके से बीजेपी से लोगों के मोहभंग की स्थिति को बयां कर रही है.

Intro:रांची। इलेक्शन मोड में आए झारखंड में एक तरफ जहां टिकट की दावेदारी के बीच नेताओं का दल बदल जारी है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में बीजेपी के 'वट वृक्ष' के रूप में मशहूर कड़िया मुंडा के बेटे का झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाना सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक सेटबैक हो सकता है। लोकसभा चुनावों में 8 बार खूंटी का प्रतिनिधित्व कर चुके कड़िया मुंडा अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। साथ ही जनसंघ के काल से भगवा दल से जुड़े मुंडा को पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया। हालांकि उन्होंने जमकर खूंटी से बीजेपी के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा के लिए प्रचार किया। अंदरूनी सूत्रों की माने तो करिया मुंडा के बेटे अमरनाथ मुंडा खूंटी से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें बीजेपी ने मौका नहीं दिया। दरअसल खूंटी से राज्य के मौजूदा ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा बीजेपी के उम्मीदवार है। वहीं पार्टी ने तोरपा में भी दूसरा उम्मीदवार खड़ा किया है।

नाम नहीं लिखने की शर्त पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि कड़िया मुंडा जैसे दिग्गज नेता के बेटे का प्रमुख विपक्षी दल में शामिल होना बीजेपी के लिए गलत मैसेज प्रचारित करेगा। उनका दावा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाकर बीजेपी के खिलाफ अमरनाथ मुंडा का प्रचार कहीं ना कहीं पार्टी के लिए प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

Body:कई बीजेपी नेताओं ने भी पिछले 2 महीने में छोड़ा है पार्टी का दामन
हालांकि अमरनाथ मुंडा इकलौते उदाहरण नहीं है जिन्होंने बीजेपी के बजाय दूसरे दल का दामन थामा हो। पिछले 2 महीने में बीजेपी के विधायक राधाकृष्ण किशोर समेत अन्य कई नेताओं ने बीजेपी छोड़ दूसरे दलों में शरण ली है। उनमें कोडरमा आए शालिनी गुप्ता और जामताड़ा के नाला से माधव चन्द्र महतो का नाम भी शामिल है। दोनों अपने अपने इलाके से आजसू पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

पत्थलगड़ी से चर्चा में आया खूंटी दरअसल खूंटी जिले का नाम पत्थलगड़ी की घटनाओं को लेकर पूरे देश में चर्चा में आया था। उस दौरान लोगों ने खूंटी के ग्रामीण इलाकों में राजनीतिज्ञों के प्रवेश पर एक तरीके से प्रतिबंध जैसी स्थिति खड़ी कर दी थी। लोकसभा चुनावों के दौरान भी खूंटी विधानसभा सीट से बीजेपी को लीड नहीं मिल पाई थी।

Conclusion:क्या कहते हैं नेता
हालांकि अमरनाथ मुंडा के झामुमो शामिल होने पर नेता प्रतिपक्ष और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने साफ कहा कि मुंडा के आने से खूंटी इलाके में झामुमो और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि यह एक तरीके से बीजेपी से लोगों के मोहभंग की स्थिति को बयान कर रहा है।
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