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रिम्स प्रबंधन की अनूठी पहल, खोला गया कंबल बैंक, मरीज के परिजनों को भी राहत

रिम्स में मरीज के साथ आए परिजनों के लिए कंबल बैंक की शुरुआत की गई. बता दें कि कंबल की सुविधा के लिए मरीज के परिजनों से 200 रुपए सिक्योरिटी मनी के तौर पर लिए जाएंगे, जो पूरी तरह रिफंडेबल होगा.

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Published : Jan 3, 2020, 11:33 AM IST

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रिम्स में खुला कंबल बैंक

रांची: कंपकंपाती ठंड को देखते हुए सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीज के साथ आए परिजनों के लिए कंबल बैंक की शुरुआत की गई है. इसको लेकर रिम्स परिसर के एमरजेंसी के पास कंबल बैंक काउंटर बनाया गया है, जिसमें मरीज के साथ आए परिजनों को ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरण किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

मरीज के साथ आए परिजनों को राहत
बता दें कि कंबल बैंक की शुरुआत के बाद रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह बताते हैं कि रिम्स में आए मरीजों के लिए तो कंबल और बेड की व्यवस्था की जाती है, लेकिन मरीज के साथ आए परिजनों को इस ठंड में खासा परेशान देखा जाता है. इसलिए रिम्स की ओर से ठंड में कंबल की व्यवस्था की गई है, ताकि मरीज के साथ आए परिजनों को राहत मिल सके.

ये भी पढ़ें- पलामूः नक्सलियों ने लेवी के लिए ट्रैक्टर फूंका, एक सप्ताह में दूसरी बार की आगजनी

सामाजिक संस्थाओं से भी अपील
निदेशक ने सामाजिक संस्थाओं से भी अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो गरीबों के बीच कंबल वितरण का काम करते हैं, वह रिम्स में खुले कंबल बैंक में भी कंबल दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिम्स प्रबंधन की ओर से राहत मिल सके.

जमा करने पड़ेंगे 200 रुपए
निदेशक डी के सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि कंबल की सुविधा के लिए मरीज के परिजनों को 200 रुपए सिक्योरिटी मनी के तौर पर लिए जाएंगे, जो पूरी तरह रिफंडेबल होगा. कंबल वापस करने के बाद जमा किए गए 200 वापस कर दिए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- रामगढ़ में भीषण डकैती, गन पॉइंट पर 1 लाख नगद और 10 लाख के जेवरात लेकर हुए फरार

रिम्स प्रबंधन की बेहतर पहल
कंबल बैंक खुलने के बाद मरीज के परिजन मोनू शर्मा ने कंबल लेने के बाद बताया कि यह पहल निश्चित रूप से रिम्स के लिए बेहतर है. क्योंकि मरीज के लिए तो बेड और कंबल की व्यवस्था आराम से हो जाती है, लेकिन उनके साथ जो परिजन आते हैं उन्हें काफी दिक्कतें होती हैं. ऐसे में उनके लिए रिम्स की तरफ से इस तरह की व्यवस्था निश्चित रूप से रिम्स प्रबंधन की बेहतर पहल है.

रांची: कंपकंपाती ठंड को देखते हुए सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीज के साथ आए परिजनों के लिए कंबल बैंक की शुरुआत की गई है. इसको लेकर रिम्स परिसर के एमरजेंसी के पास कंबल बैंक काउंटर बनाया गया है, जिसमें मरीज के साथ आए परिजनों को ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरण किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

मरीज के साथ आए परिजनों को राहत
बता दें कि कंबल बैंक की शुरुआत के बाद रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह बताते हैं कि रिम्स में आए मरीजों के लिए तो कंबल और बेड की व्यवस्था की जाती है, लेकिन मरीज के साथ आए परिजनों को इस ठंड में खासा परेशान देखा जाता है. इसलिए रिम्स की ओर से ठंड में कंबल की व्यवस्था की गई है, ताकि मरीज के साथ आए परिजनों को राहत मिल सके.

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सामाजिक संस्थाओं से भी अपील
निदेशक ने सामाजिक संस्थाओं से भी अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो गरीबों के बीच कंबल वितरण का काम करते हैं, वह रिम्स में खुले कंबल बैंक में भी कंबल दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिम्स प्रबंधन की ओर से राहत मिल सके.

जमा करने पड़ेंगे 200 रुपए
निदेशक डी के सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि कंबल की सुविधा के लिए मरीज के परिजनों को 200 रुपए सिक्योरिटी मनी के तौर पर लिए जाएंगे, जो पूरी तरह रिफंडेबल होगा. कंबल वापस करने के बाद जमा किए गए 200 वापस कर दिए जाएंगे.

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रिम्स प्रबंधन की बेहतर पहल
कंबल बैंक खुलने के बाद मरीज के परिजन मोनू शर्मा ने कंबल लेने के बाद बताया कि यह पहल निश्चित रूप से रिम्स के लिए बेहतर है. क्योंकि मरीज के लिए तो बेड और कंबल की व्यवस्था आराम से हो जाती है, लेकिन उनके साथ जो परिजन आते हैं उन्हें काफी दिक्कतें होती हैं. ऐसे में उनके लिए रिम्स की तरफ से इस तरह की व्यवस्था निश्चित रूप से रिम्स प्रबंधन की बेहतर पहल है.

Intro:कपकपाती ठंड को देखते हुए सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीज के साथ आए परिजनों के लिए गुरुवार को कंबल बैंक की शुरुआत की गई।इसको लेकर रिम्स परिसर के इमरजेंसी के पास कंबल बैंक काउंटर बनाया गया है जिसमें मरीज के साथ आए परिजनों को ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरण किया जाएगा।

गुरुवार की सुबह रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह और डिप्टी सुपरिटेंडेंट संजय कुमार के द्वारा इस पहल की शुरुआत की गई।





Body:कंबल बैंक की शुरुवात के बाद रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह बताते हैं कि रिम्स में आए मरीजों के लिए तो कंबल और बेड की व्यवस्था की जाती है लेकिन मरीज के साथ आए परिजनों को कपाती ठंड में खासा परेशान देखा जाता है इसीलिए रिम्स की ओर से ठंड में कंबल की व्यवस्था की गई है ताकि मरीज के साथ आए परिजनों को राहत मिल सके।

निदेशक ने सामाजिक संस्थाओं से भी अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो गरीबों के बीच कंबल वितरण का काम करते हैं वह रिम्स में खुले कंबल बैंक में भी कंबल दें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिम्स प्रबंधन द्वारा राहत प्रदान किया जा सके।

200 रुपये करने पड़ेंगे जमा।
निदेशक डी के सिंह जानकारी देते हुए कहा कि कंबल की सुविधा के लिए मरीज के परिजनों को 200 रुपए सिक्योरिटी मनी के तौर पर लिए जाएंगे जो पूर्णरूपेण रिफंडेबल होगा कंबल वापस करने के बाद जमा किए गए ₹200 वापस कर दिए जाएंगे।




Conclusion:वही कंबल बैंक खुलने के बाद मरीज के परिजन मोनू शर्मा ने कंबल लेने के बाद बताया कि यह पहल निश्चित रूप से रिम्स के लिए बेहतर है क्योंकि मरीज के लिए तो बेड और कंबल की व्यवस्था आराम से हो जाती है लेकिन उनके साथ जो परिजन आते हैं उन्हें काफी दिक्कतें होती है और ऐसे में उनके लिए रिम्स के तरफ से इस तरह की व्यवस्था निश्चित रूप से रिम्स प्रबंधन की बेहतर पहल है ।

गौरतलब है कि रिम्स में पूरे राज्य से गरीब मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते हैं ऐसे में उनके साथ आए उनके परिजन भी रिम्स परिसर में मौजूद रहते हैं और इस कपकपाती ठंड में अपनी मरीज का ठीक होने का इंतजार करते हैं लेकिन रिम्स द्वारा कंबल बैंक खोलने के बाद परिजनों को अब कपकपाती ठंड से राहत जरूर मिलेगी।

बाइट-डॉ डी के सिंह,निदेशक।
बाइट-डॉ मोनू शर्मा,परिजन।
पीटीसी-हितेश कुमार चौधरी,संवाददाता।

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