रांची: चारा घोटाला का जिन्न एक बार फिर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ाने वाली है. चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में रांची सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत 15 फरवरी को फैसला सुनाने जा रही है. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ की अवैध निकासी मामले में वर्तमान में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आर के राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- चारा घोटाला मामला: लालू यादव पहुंचेंगे रांची, 15 फरवरी को फैसला सुनाएगी CBI कोर्ट
डोरंडा ट्रेजरी केस है अहम: झारखंड में चारा घोटाला के दर्ज 53 मामलों में 52वां केस है यह, जिसका फैसला 15 फरवरी को आनेवाला है. चारा घोटाला के 53 मामलों में 5 केस में लालू प्रसाद एवं अन्य राजनीतिज्ञ आरोपी बनाये गये थे, जिसमें अब तक 4 केस में लालू प्रसाद को दोषी करार देते हुए सीबीआई कोर्ट सजा मुकर्रर कर चूकी है. डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में लालू प्रसाद पर सीबीआई ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. लालू प्रसाद पर सीबीआई ने 120B, 420, 409, 467, 468, 471, 477A, IPC and 13(2), 13(1) (c)PC Act के तहत इस महाघोटाले में साजिश रचने का आरोप लगाया है. जो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढा सकती है. लालू प्रसाद एवं अन्य आरोपियों पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए सीबीआई ने 575 गवाह को पेश किया है. सीबीआई की ओर से इस मामले में कोर्ट के समक्ष 16 ट्रंक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं, जो लालू एवं अन्य के विरुद्ध आरोपों को साबित करने के लिए अहम है.
हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करने के लिए लालू प्रसाद की ओर से 14 गवाह कोर्ट के समक्ष लाए गए हैं. लगभग 26 वर्ष तक चले इस महाघोटाले की जांच में सीबीआई ने फर्जीवाड़ा और साजिश का पर्दाफाश करते हुए कई अहम खुलासा किया है. जांच के क्रम में यह पाया गया है कि पशुपालन विभाग का बजट से 229% अधिक निकासी डोरंडा ट्रेजरी से की गई थी. इसके लिए फर्जी मांग पत्र, आवंटन पत्र और इसके आधार पर फर्जी आपूर्ति आदेश निर्गत किये गये. वगैर माल प्राप्त किये गये पशुपालन विभाग के डॉक्टर आपूर्ति विपत्र पर माल पावती का सर्टिफिकेट देते थे और उसे सीनियर डॉक्टर प्रमाणित करते थे. इस मामले में डोरंडा ट्रेजरी की भूमिका संदेहास्पद रही. 1990 में डोरंडा ट्रेजरी से अधिकतम 50 हजार रुपये तक का बिल ही पास करने का प्रावधान था मगर फर्जीवाड़े के इस खेल में घोटालेबाज बिल को पचास हजार से थोड़ा कम दिखाकर अलग अलग भागों में इसे बांटकर बिल बनाये जाते थे. इसके तहत डोरंडा ट्रेजरी से 3 महिने में 8 करोड़ का बिल पास कर दिया गया था.
ये भी पढ़ें- लालू यादव की बढ़ सकती है मुश्किलें, डोरंडा कोषागार मामले में 15 फरवरी को फैसला
जानिए क्या है डोरंडा कोषागार से जुड़ा चारा घोटाला का मामला
- कांड संख्या -RC47A/96
- कांड दर्ज हुआ-16/04/96
- पहला चार्जशीट-8/5/2001
- सप्लीमेंट्री चार्जशीट-7.6.2003
- सीबीआई कोर्ट द्वारा कोंगनिजेंस-8.5.2001
- चार्जफ्रेम-16.09.2005
- प्रोसुक्यूसन इंवीडेंस-22.11.2005-16.05.2019
- आरोपियों का बयान-20.05.19-17.01.2020
- बचाव पक्ष इविडेंस-20.01.2020-26.02.2021
- अभियोजन बहस..02.03.2021-07.08.2021
- डिफेंस आरगुमेट..09.08.2021-29.01.2022
- फैसला..15.02.2022
- कुल आरोपी- 170
- कुल अवैध निकासी-139.35 करोड़
- सरकारी गवाह-07- दीपेश चांडक, आरके दास, शशि कुमार सिंह, द्वारिका प्रसाद, शिवनारायण साहू, आनंद मोहन श्रीवास्तव, शैलेश प्रसाद सिंह
- दोष स्वीकार- प्रमोद जायसवाल और सुशील कुमार झा
अब तक इस केस में मिली है लालू को सजा
- पहला मामला- चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का आरोप. लालू समेत 44 अभियुक्त. सजा- मामले में 5 साल की सजा हुई.
- दूसरा मामला- देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप. लालू समेत 38 पर केस. सजा- लालू को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना.
- तीसरा मामला- चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप. लालू समेत 56 आरोपी. सजा- लालू दोषी करार, 5 साल की सजा.
- चौथा मामला- दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला. लालू प्रसाद यादव दोषी करार. सजा- 2 अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा, 60 लाख जुर्माना.
26 वर्षों तक चले कानूनी दांव पेंच के बाद 15 फरवरी को इस महाघोटाले पर से पर्दा उठेगा. जाहिर तौर पर चारा घोटाले के अन्य चार केसों की तूलना में डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े इस केस को अहम माना जा रहा है जो लालू प्रसाद के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है.