रांची: जेपीएससी ने अपने वेबसाइट पर छठी सिविल सेवा परीक्षा का अंक जैसे ही जारी किया वैसे ही एक बार फिर विवाद में आ गया है. अंक पत्र देखने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई है. अभ्यर्थियों ने कहा हिंदी और अंग्रेजी पेपर क्वालीफाइंग है. इनके अंक मेरिट लिस्ट में जोड़ने का प्रावधान नहीं है फिर भी जेपीएससी ने गोलमाल कर इंग्लिश और हिंदी के अंक मेरिट लिस्ट में जोड़ दिया है, जो नियम के विरुद्ध है. इसे लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर आंदोलन जरूर करेगी. लॉकडाउन के बाद आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है.
अभ्यर्थियों का कहना है कि अब तक किसी भी सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी अंग्रेजी के अंक नहीं जोड़े गए हैं. सिलेबस में स्पष्ट है कि हिंदी और अंग्रेजी में क्वालीफाई होना जरूरी है. इधर अभ्यर्थियों ने छठी सिविल सेवा के सिलेबस को लेकर यह कहा जा रहा है कि जेपीएससी के सिलेबस में भी हिंदी इंग्लिश पेपर को क्वालीफाइंग बताया गया है लेकिन लगातार जेपीएससी किसी ना किसी तरीके से गोलमाल कर परिणाम जारी कर रही है, जो अभ्यर्थी बर्दाश्त नहीं करेगी.
सड़कों पर किया जाएगा उग्र आंदोलन
अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस ओर ध्यान देकर संज्ञान नहीं लेते हैं तो सड़कों पर उग्र आंदोलन किया जाएगा और इस बार कई सामाजिक संगठन भी जेपीएससी के आंदोलनकारी अभ्यर्थियों का सहयोग करेंगे.
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इधर जेपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि बीसी वन वर्ग के अभ्यर्थी का चयन मिस प्रिंट के वजह से हुई है. इस त्रुटि को जल्द से जल्द सुधारने की कोशिश की जा रही है. संबंधित अभ्यर्थि को नोटिस भी जारी किया गया है.