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बिहार के चुनावी रण में 'छड़ी ' दिखाकर वोट मांगेगा JMM, आखिर क्या है वजह, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

झारखंड की सत्ता में काबिज शिबू सोरेन की पार्टी जेएमएम ने भी कमर कस ली है. बिहार के रण में जेएमएम के नेता तीर-धनुष नहीं बल्कि छड़ी दिखाकर वोट मांगते नजर आएंगे. जेएमएम को बिहार में चुनाव चिन्ह 'छड़ी' मिला है.

JMM will contest Bihar assembly elections
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Published : Sep 29, 2020, 6:18 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 6:29 PM IST

रांची: बिहार में चुनाव का बिगुल बजते ही तमाम राजनीतिक पार्टियां रेस हो गई हैं. झारखंड की सत्ता में काबिज शिबू सोरेन की पार्टी जेएमएम ने भी कमर कस ली है. बिहार के रण में जेएमएम के नेता तीर-धनुष नहीं बल्कि छड़ी दिखाकर वोट मांगते नजर आएंगे. दरअसल, जेएमएम को बिहार में चुनाव चिन्ह 'छड़ी' मिला है. अंग्रेजी में इसका नाम दिया गया है 'walking stick'. जेएमएम की नजर बिहार की उन सीटों पर है जहां अनुसूचित जनजाति की संख्या अच्छी खासी है. इसमें पूर्णिया, कटिहार मुंगेर, किशनगंज, बांका और गया सबसे अहम है.

JMM will contest Bihar assembly elections
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अब सवाल है कि बिहार में जेएमएम का चुनाव चिन्ह कैसे बदल गया क्योंकि एकीकृत बिहार के समय ही रजिस्ट्रर्ड पार्टी के रुप में तीर-धनुष ही चुनाव चिन्ह था. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त बिहार की सबसे बड़ी पार्टी जेडीयू की आपत्ति पर जेएमएम के चुनाव चिन्ह को सीज कर दिया गया था. नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से तर्क दिया गया था कि उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर है जो जेएमएम के चुनाव चिन्ह तीर धनुष से बहुत मिलता जुलता है. इसकी वजह से मतदाताओं को भ्रम हो सकता है.

ये भी पढ़ें- उपचुनाव के तारीख की घोषणा के साथ बढ़ी राजनीतिक हलचल, कांग्रेस ने किया दुमका-बेरमो में महागठबंधन की जीत का दावा

जेडीयू की तरफ से कहा गया था कि चूंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड की प्रमुख पार्टी है और बिहार में उसका कोई जनाधार भी नहीं है. इसी आधार पर बिहार में जेएमएम का वास्तविक चुनाव चिन्ह सीज दिया गया था. अब झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार विधानसभा चुनाव में 'वाकिंग स्टिक' यानी छड़ी लेकर अपना दमखम दिखाने की कोशिश करेगी. चर्चा इस बात की भी है कि जेएमएम चाहती है कि बिहार चुनाव में राजद और कांग्रेस के गठबंधन में उसे जगह मिले.

रांची: बिहार में चुनाव का बिगुल बजते ही तमाम राजनीतिक पार्टियां रेस हो गई हैं. झारखंड की सत्ता में काबिज शिबू सोरेन की पार्टी जेएमएम ने भी कमर कस ली है. बिहार के रण में जेएमएम के नेता तीर-धनुष नहीं बल्कि छड़ी दिखाकर वोट मांगते नजर आएंगे. दरअसल, जेएमएम को बिहार में चुनाव चिन्ह 'छड़ी' मिला है. अंग्रेजी में इसका नाम दिया गया है 'walking stick'. जेएमएम की नजर बिहार की उन सीटों पर है जहां अनुसूचित जनजाति की संख्या अच्छी खासी है. इसमें पूर्णिया, कटिहार मुंगेर, किशनगंज, बांका और गया सबसे अहम है.

JMM will contest Bihar assembly elections
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अब सवाल है कि बिहार में जेएमएम का चुनाव चिन्ह कैसे बदल गया क्योंकि एकीकृत बिहार के समय ही रजिस्ट्रर्ड पार्टी के रुप में तीर-धनुष ही चुनाव चिन्ह था. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त बिहार की सबसे बड़ी पार्टी जेडीयू की आपत्ति पर जेएमएम के चुनाव चिन्ह को सीज कर दिया गया था. नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से तर्क दिया गया था कि उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर है जो जेएमएम के चुनाव चिन्ह तीर धनुष से बहुत मिलता जुलता है. इसकी वजह से मतदाताओं को भ्रम हो सकता है.

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जेडीयू की तरफ से कहा गया था कि चूंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड की प्रमुख पार्टी है और बिहार में उसका कोई जनाधार भी नहीं है. इसी आधार पर बिहार में जेएमएम का वास्तविक चुनाव चिन्ह सीज दिया गया था. अब झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार विधानसभा चुनाव में 'वाकिंग स्टिक' यानी छड़ी लेकर अपना दमखम दिखाने की कोशिश करेगी. चर्चा इस बात की भी है कि जेएमएम चाहती है कि बिहार चुनाव में राजद और कांग्रेस के गठबंधन में उसे जगह मिले.

Last Updated : Sep 29, 2020, 6:29 PM IST
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