रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा द्वारा लगातार कोरोना वायरस के खिलाफ किए जा रहे कार्यों के लिए हेमंत सरकार पर राशि आवंटित नहीं किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है. इसको लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को मेयर के ऐसे आधारहीन वक्तव्य की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि पिछले बीजेपी सरकार में मेयर ने सरकार से 19.77 करोड़ की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक रुपया भी नहीं दिया और जब हेमंत सरकार ने 11.80 करोड़ रुपए दिए हैं तो उसे मेयर द्वारा सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति है.
मेयर नहीं समझती दायित्व
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री के विरुद्ध मेयर द्वारा जो आधारहीन और झूठे वक्तव्य दिए जा रहे हैं. उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम होगा. रांची नगर निगम को बीजेपी सरकार में कुछ भी नहीं मिला. मेयर बीजेपी सरकार की थी. इसलिए वह अपना दायित्व नहीं समझी और कोई बयान नहीं दिया. अब राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार ने रांची नगर निगम को राशि आवंटित कर दिया है तो उसको सार्वजनिक न कर उल्टा सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्हें केवल 44.50 लाख रुपए ही मिले हैं. मेयर द्वारा इस प्रकार का बयानबाजी लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहा है.
निगम के कार्यों की होगी समीक्षा
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अब रांची नगर निगम के पिछले 8 वर्षों के विस्तृत कार्यों की गहन समीक्षा करने का समय आ गया है और हर योजना के एक-एक पाई का हिसाब भी लिया जाएगा. मेयर के सांप्रदायिक वक्तव्य उनके द्वारा लोगों के बीच नफरत के संदेश दिए जा रहे हैं, जबकि वह एक संवैधानिक पद पर बैठी हुई हैं. मेयर और उनके साथ रहने वाले लोगों के द्वारा जन संवाद माध्यमों में भी प्रताड़ित किया जाता है और कई तरह की धमकियां दी जाती है.
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अधिकारियों को यह धमकी दी जाती है कि बीजेपी एक राष्ट्रीय पार्टी है. उनके खिलाफ जाने पर कोर्ट में खड़ा कर दिया जाएगा. उन्होंने मेयर को सलाह दी है कि संकट के इस दौर में ओछी सांप्रदायिक राजनीति को छोड़ें और सरकार और प्रशासन के साथ सभी वार्डों में साफ-सफाई की व्यवस्था, चापानलों की मरम्मत और पेय जल की व्यवस्था पर ध्यान दें.