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ऋचा भारती मामले पर JMM की प्रतिक्रिया, कहा- HC के शरण में जाने से मिलेगा न्याय - JMM general secretary Suprio Bhattacharya

रांची की ऋचा भारती मामले में सभी संगठन और पार्टियां भी अपनी-अपनी राय दे रहे हैं. जेएमएम ने भी मामले में कहा कि ऋचा भारती को उच्च न्यायालय की शरण में जाना चाहिए.

ऋचा मामले में JMM की प्रतिक्रिया
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Published : Jul 17, 2019, 7:51 PM IST

रांची: ऋचा भारती मामले पर जेएमएम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऋचा भारती को उच्च न्यायालय के शरण में जाना चाहिए. इस लड़ाई को सामाजिक और संप्रदायिक तौर पर लड़ने की कोई जरूरत नहीं है. उच्च न्यायालय में उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.

देखें पूरी खबर

जेएमएम ने कहा कि हालांकि मामले को लेकर कुछ संगठनों द्वारा समाज का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. इससे हमें बचने की जरूरत है, नहीं तो समाज में इसका गहरा असर पड़ेगा.

जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि जिस प्रकार से इस मामले को लेकर प्रशासनिक लापरवाही हुई है, गैर विवेचना हुई है. इसी का नतीजा है कि आज यह मामला इतना बढ़ गया है. वहीं दूसरी ओर न्यायिक सक्रियता और संगठनों द्वारा इसको गलत तरीके से पेश किया गया.

ये भी पढे़ं- चतरा में भूख से मौत मामले पर कांग्रेस ने BJP पर कसा तंज, झारखंड के अव्वल रहने पर दी बधाई

उन्होंने कहा कि समाज को विभाजन की ओर उन्माद और अशांति की ओर प्रेरित किया गया. इस संबंध में जो भी न्यायिक प्रक्रिया है. उच्चतम न्यायालय में प्रार्थी को जाना चाहिए वहां जरूर न्याय मिलेगा. लेकिन इसे लेकर किसी भी तरह की संप्रदायिकता न भड़काया जाए. इससे समाज में गलत असर पड़ेगा. खासकर जो किशोरावस्था की युवा है उन पर इसका गहरा असर पड़ेगा. इसलिए जेएमएम तमाम लोगों से अपील करता है कि इस मामले को न्यायिक तौर पर ही लड़ा जाए न कि सामाजिक और सांप्रदायिक तौर पर.

रांची: ऋचा भारती मामले पर जेएमएम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऋचा भारती को उच्च न्यायालय के शरण में जाना चाहिए. इस लड़ाई को सामाजिक और संप्रदायिक तौर पर लड़ने की कोई जरूरत नहीं है. उच्च न्यायालय में उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.

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जेएमएम ने कहा कि हालांकि मामले को लेकर कुछ संगठनों द्वारा समाज का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. इससे हमें बचने की जरूरत है, नहीं तो समाज में इसका गहरा असर पड़ेगा.

जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि जिस प्रकार से इस मामले को लेकर प्रशासनिक लापरवाही हुई है, गैर विवेचना हुई है. इसी का नतीजा है कि आज यह मामला इतना बढ़ गया है. वहीं दूसरी ओर न्यायिक सक्रियता और संगठनों द्वारा इसको गलत तरीके से पेश किया गया.

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उन्होंने कहा कि समाज को विभाजन की ओर उन्माद और अशांति की ओर प्रेरित किया गया. इस संबंध में जो भी न्यायिक प्रक्रिया है. उच्चतम न्यायालय में प्रार्थी को जाना चाहिए वहां जरूर न्याय मिलेगा. लेकिन इसे लेकर किसी भी तरह की संप्रदायिकता न भड़काया जाए. इससे समाज में गलत असर पड़ेगा. खासकर जो किशोरावस्था की युवा है उन पर इसका गहरा असर पड़ेगा. इसलिए जेएमएम तमाम लोगों से अपील करता है कि इस मामले को न्यायिक तौर पर ही लड़ा जाए न कि सामाजिक और सांप्रदायिक तौर पर.

Intro:रांची।

रिचा भारती की मामले को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की मानें तो रिचा भारती को उच्च न्यायालय के शरण में जाना चाहिए ना कि इस लड़ाई को सामाजिक और संप्रदायिक तौर पर लड़ने की जरूरत है. उच्च न्यायालय में उन्हें न्याय जरूर मिलेगा. हालांकि मामले को लेकर कुछ संगठनों द्वारा समाज का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है .इससे हमें बचने की जरूरत है नहीं तो समाज में इसका गहरा असर पड़ेगा.


Body:पिठोरिया के रिचा भारती मामला लगातार तुल पकड़ता ही जा रहा है इस मामले को लेकर विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठन कूद पड़े हैं और अपनी अपनी राय दे रहे हैं .ऐसे में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की ओर से भी मामले को लेकर प्रतिक्रियाएं आ रही है .इसी कड़ी में झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा भी मामले को लेकर प्रतिक्रिया दी गई है .जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि जिस प्रकार से इस मामले को लेकर प्रशासनिक लापरवाही हुई है गैर विवेचना हुई है इसी का नतीजा है कि आज यह मामला इतना बढ़ गया है .वहीं दूसरी ओर न्यायिक सक्रियता और अतिवादी संगठनों द्वारा इसको गलत तरीके से पेश किया गया. समाज को विभाजन की ओर उन्माद और अशांति की ओर प्रेरित किया गया .इस संबंध में जो भी न्यायिक प्रक्रिया है .उच्चतम न्यायालय को प्रार्थी को जाना चाहिए वहां जरूर न्याय मिलेगा .लेकिन इसे लेकर किसी भी तरह की संप्रदायिकता ना भड़काया जाए क्योंकि इससे समाज में गलत असर पड़ेगा. खासकर जो किशोरावस्था की युवा है उन पर इसका गहरा असर पड़ेगा .इसलिए झारखंड मुक्ति मोर्चा तमाम लोगों से अपील करती है कि इस मामले को न्यायिक तौर पर ही लड़ा जाए ना की सामाजिक और संप्रदायिक तौर पर.

बाइट-सुप्रियो भट्टाचार्य, महासचिव ,जेएमएम.


Conclusion:यह मामला लगातार तूल पकड़ता ही जा रहा है आज इस मामले को लेकर राजधानी रांची में बार कौंसिल द्वारा भी विरोध प्रकट किया गया है .लगातार मामले को लेकर बयानबाजी का दौर भी जारी है.
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