रांची: ऋचा भारती मामले पर जेएमएम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऋचा भारती को उच्च न्यायालय के शरण में जाना चाहिए. इस लड़ाई को सामाजिक और संप्रदायिक तौर पर लड़ने की कोई जरूरत नहीं है. उच्च न्यायालय में उन्हें न्याय जरूर मिलेगा.
जेएमएम ने कहा कि हालांकि मामले को लेकर कुछ संगठनों द्वारा समाज का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. इससे हमें बचने की जरूरत है, नहीं तो समाज में इसका गहरा असर पड़ेगा.
जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि जिस प्रकार से इस मामले को लेकर प्रशासनिक लापरवाही हुई है, गैर विवेचना हुई है. इसी का नतीजा है कि आज यह मामला इतना बढ़ गया है. वहीं दूसरी ओर न्यायिक सक्रियता और संगठनों द्वारा इसको गलत तरीके से पेश किया गया.
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उन्होंने कहा कि समाज को विभाजन की ओर उन्माद और अशांति की ओर प्रेरित किया गया. इस संबंध में जो भी न्यायिक प्रक्रिया है. उच्चतम न्यायालय में प्रार्थी को जाना चाहिए वहां जरूर न्याय मिलेगा. लेकिन इसे लेकर किसी भी तरह की संप्रदायिकता न भड़काया जाए. इससे समाज में गलत असर पड़ेगा. खासकर जो किशोरावस्था की युवा है उन पर इसका गहरा असर पड़ेगा. इसलिए जेएमएम तमाम लोगों से अपील करता है कि इस मामले को न्यायिक तौर पर ही लड़ा जाए न कि सामाजिक और सांप्रदायिक तौर पर.