रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा लगातार आरोप लगा रहा है कि जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है, तब से बीजेपी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. अब सरकार को अस्थिर करने में केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद ली जा रही है. सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्च ने राज्यव्यापी केंद्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. रांची में भी सैकड़ों की संख्या में जेएमएम कार्यकर्ताओं ने राजभवन से डीसी कार्यलय तक आक्रोश मार्च निकाला और डीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद ऑफिस ऑफ प्रॉफिट सहित कई आरोप झेल रहे हैं. वहीं, निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सीए ने मीडिया में बयान दिया कि मुख्यमंत्री का नाम लेने का दवाब बनाया जा रहा है. इसके बाद झामुमो कार्यकर्ताओं को लग रहा है कि ईडी की कार्रवाई केंद्र सरकार की इशारे पर हो रही है.
प्रदर्शन में जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्या, महिला मोर्चा की पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष महुआ माजी, जिलाध्यक्ष मुस्ताक अहमद, जिला सचिव डॉ हेमलाल मेहता के साथ साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए. जेएमएम केंद्रीय समिति सदस्य लखपति महतो ने कहा कि झामुमो के नेता और कार्यकर्ता संघर्ष से पीछे नहीं हटते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं बंद करती है तो आनेवाले दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे.
झामुमो महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष महुआ माजी ने कहा कि केंद्र की सरकार लगातार गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश और नेताओं को परेशान कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में मनरेगा घोटाला से लेकर टॉफी घोटाला तक सभी पूर्व की बीजेपी सरकार की देन है. उन्होंने पूर्व सरकार में हुए घोटाले की जांच की मांग की है.
झामुमो नेता सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि जिस राज्य में भाजपा पराजित हुई है, वहां ईडी, सीबीआई, आईटी, एनआईए आदि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इंटरपोल और अन्य विदेशी जांच एजंसियों की मदद ले. लेकिन राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा नहीं करे. उन्होंने कहा कि 15 दिन से ईडी की कार्रवाई चल रही है. लेकिन एक भी अधिकृत बयान नहीं आया है.