रांची: कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन का खतरा देश मे बढ़ता जा रहा है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बड़ा फैसला लेते हुए झामुमो के महाधिवेशन (JMM general convention) में भाग लेनेवाले प्रतिनिधियों की संख्या सीमित रखने का फैसला लिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी ने कोरोना के खतरे और अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ये बड़ा फैसला लिया है.
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700 से 800 प्रतिनिधि होंगे शामिल
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने बताया कि सामान्य दिनों में जब झामुमो का महाधिवेशन आयोजित किये जाते थे तब 4000 से 5000 के करीब प्रतिनिधि अलग अलग राज्यों से शिरकत करते थे. पर इस बार कोरोना की वजह से उसकी संख्या सीमित कर दि गई है. इस बार केवल 700 से 800 प्रतिनिधि ही महाधिवेशन में शामिल होंगे. सुप्रियो भट्टाचार्या ने स्पष्ट किया कि कोई ऐसी व्यवस्था नहीं होगी कि कोई वर्चुअल मोड में जुड़ सके.
महाधिवेशन से बीजेपी पर हमला
झामुमो के महाधिवेशन में प्रस्तुत किये जाने वाले राजनीतिक प्रस्ताव में मुख्य रूप से बीजेपी पर हमला बोलने की तैयारी है. इसमें बीजेपी की नीतियों के साथ झारखंड के साथ केंद्र सरकार की भेदभावपूर्ण व्यवहार पर भी चर्चा की जाएगी. इसके अलावे गैरमजरूआ जमीन को लैंड बैंक बनाने और उससे उभरने वाली स्थिति ,जीएम लैंड पर वर्षो से रह रहे लोगों की समस्या,रैय्यतों की समस्या पर भी महाधिवेशन में चर्चा होने की उम्मीद है. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि महाधिवेशन में पार्टी के कार्यक्रम और अन्य उपलब्धियों के साथ साथ आने वाले दिनों में पार्टी के संगठन विस्तार पर कार्यक्रम भी तय किए जाएंगे.