रांची: कोविड-19 के दौर में झारखंड लौटे ग्रामीण क्षेत्र के अकुशल मजदूरों के लिए मनरेगा की योजनाएं संजीवनी साबित हुई हैं. रोजगार सृजन के मामले में झारखंड ने एक रिकॉर्ड कायम किया है. 18 सितंबर से 22 अक्टूबर तक 35 दिनों के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दौरान महज 33 दिन में 1.38 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है. इस मौके पर ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने पूरी टीम को बधाई दी है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष के अक्तूबर माह तक कुल 564 लाख मानवदिवस का सृजन किया जा चुका है
इस अभियान के दौरान अब तक कुल 82072 गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियों का निर्माण किया गया है. जबकि अभियान के पूर्व के 6 माह में लगभग 1.42 लाख योजनाओं को पूर्ण किया गया था. इस उपलब्धि के लिए मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने भी पूरी टीम की पीठ थपथपाई है. उन्होंने कहा कि यह सपने से भी आगे की उपलब्धि है. पूर्व के वित्तीय वर्षों में माह अक्तूबर तक औसतन 400 लाख मानवदिवस का सृजन किया जाता था.
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इससे साफ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन बहुत तेजी से हुआ है. अभियान की सफलता को देखते हुए कुल 105 दिन के विस्तार का निर्णय लिया गया है. जिसमें कुल 3.5 करोड़ मानवदिवस सृजन और 3.74 लाख योजनाओं को पूर्ण करने का अतिरिक्त लक्ष्य है. अभियान के दौरान सभी जिलों को विशेष बल देने और पंचायतवार नियमित अनुश्रवण का निर्देश दिया गया. अभियान के पहले फेज के दौरान गिरिडीह, गढ़वा, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम जिला ने बेहतर प्रदर्शन किया है. वहीं सिमडेगा, लातेहार, सरायकेला, जामताड़ा आदि जिलों के द्वारा इस वित्तीय वर्ष में बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है.