रांचीः झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर प्रारंभिक शिक्षकों के लिए 17 मई से निर्धारित ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय डीजी एसएटीएच सह ऑनलाइन कक्षाओं और विद्यालय से जुड़े रूटीन कार्यों को स्थगित करने की मांग की है. इसके लिए शिक्षकों ने परिवार को समय देने की जरूरत का हवाला दिया है.
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इसके साथ-साथ उन्हें मुख्यालय छोड़ने और अपने गृह जिले में जाने के लिए अनुमति प्रदान करने के संबंध में भी मांग संघ की ओर से की गई है. इस विषय पर अपनी बात रखते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद किशोर साहू और प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष स्कूलों के लिए अवकाश तालिका निदेशक के हस्ताक्षर से जारी हुई है, जिसके अनुसार दिनांक 17.05.2021 से 05.06.2021 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश निर्धारित है.
परिवार को भी समय देना जरूरी
शिक्षक संघ ने पत्र में लिखा है कि, शिक्षकों को देय 18 दिवसीय ग्रीष्म अवकाश अन्य विभागीय कर्मचारियों को देय अतिरिक्त EL (अर्जित अवकाश) के बदले देय होता है, इसकी भरपाई संभव नहीं है. इसके साथ-साथ राज्य में लगभग 7 से 8 हजार शिक्षक अपने गृह जिले से काफी दूर अन्य जिलों में पदस्थापित हैं. ऐसे में उनके लिए यह अवकाश ही एक मात्र समयावधि होती है, जब वह अपने परिजनों के साथ व्यक्तिगत समय बिता पाते हैं. अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करने का प्रयास करते हैं. कोरोना महामारी संकट के समय जब कई शिक्षक स्वयं और उनके परिजन भी पीड़ित हुए हैं या इस महामारी से लड़कर उबरे हैं, उन्हें अपने परिजनों का और परिजनों को उनके सानिध्य की जरूरत है.
शर्त के साथ मुख्यालय छोड़ने का दें निर्देश
शिक्षक संघ के शीर्ष नेताओं ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि वैसे शिक्षक जो आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों में अभी प्रतिनियोजित नहीं हैं. उन्हें इस शर्त के साथ मुख्यालय छोड़ने की अनुमति प्रदान की जाए कि इस दौरान आवश्यकता पड़ने पर अगर आपदा प्रबंधन संबंधित कार्यों में लगाया जाता है तो वे अपने कार्यक्षेत्र में आकर योगदान देंगे. इसके साथ-साथ आनलाइन कक्षाओं (Digi SATH सहित) विद्यालय से संबंधित अन्य सभी रूटीन कार्यों को भी स्थगित रखे जाने की मांग की है.
शिक्षकों को मिले 50 लाख रुपये की बीमा
संघ ने अपने पहले की मांगों को दोहराते हुए कहा कि वैसे शिक्षक जो COVID-19 संक्रमण रोकने के लिए आपदा प्रबंधन के अंतर्गत प्रतिनियोजित हैं उन्हें विभाग स्वास्थ्यकर्मियों की तरह जल्द एक माह का अतिरिक्त वेतन प्रोत्साहन के रूप में देने का ऐलान करें. साथ ही उन्हें फ्रंटलाइन कोरोना वर्कर्स घोषित करते हुए 50 लाख की बीमा और कोरोना पीड़ित होने पर नि:शुल्क और समुचित इलाज कराने के विषय पर विभाग यथाशीघ्र निर्णय लें.