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झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की बैठक में आंदोलन का निर्णय, सरकार पर वैश्य समाज को ठगने का आरोप

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Published : Nov 17, 2020, 5:01 PM IST

रांची में केंद्रीय वैश्य मोर्चा कमिटी की बैठक हुई, जिसमें राज्य में वैश्यों को निशाना बनाने के षड़यंत्र के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. यह बैठक कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के साथ किया गया.

Jharkhand Pradesh Vaishya Morcha will agitate in ranchi
झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा

रांची: राज्य में वैश्यों को निशाना बनाने के षड़यंत्र के खिलाफ झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा अब सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा. वैश्य संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष कहना है कि आंदोलन की शुरुआत आगामी 24 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम से किया जाएगा, जबकि 7 दिसंबर को राजभवन के समक्ष त्राहिमाम महाधरना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

यह निर्णय मोर्चा ने झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा, केंद्रीय कमेटी की बैठक में लिया गया है. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू और संचालन प्रधान महासचिव बिरेंद्र कुमार ने किया. यह बैठक कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के साथ किया गया. बैठक में विभिन्न मुद्दों और संगठन पर काफी विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में कहा गया कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग बहुत पहले से की जा रही है. सत्तारुढ गठबंधन की सरकार ने भी अपने चुनाव घोषणा-पत्र में वादा किया था कि ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: छठ पूजा गाइडलाइन का विरोध, सांसद दीपक प्रकाश ने कहा-हिंदू आस्था के साथ हो रहा खिलवाड़

वैश्य मोर्चा ने पिछले दिनों भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अफसोस की बात है कि झारखंड के पिछड़े वर्ग की मांगों को अनसुना कर दिया जा रहा है. लोकतंत्र की बात करने वाली सरकार 55 फीसदी पिछड़े वर्ग की बात नहीं सुन रही है. बैठक में कहा गया कि यह सरकार वैश्य समाज के नेताओं, कार्यकर्ताओं, अधिकारियों, व्यवसायियों को निशाना बना रही है, जो लोकतंत्र के लिए कदापि ठीक नहीं है. वैश्य मोर्चा इसे कतई बरदास्त नहीं करेगी और सडकों पर उतर कर विरोध किया जाएगा.

रांची: राज्य में वैश्यों को निशाना बनाने के षड़यंत्र के खिलाफ झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा अब सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा. वैश्य संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष कहना है कि आंदोलन की शुरुआत आगामी 24 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम से किया जाएगा, जबकि 7 दिसंबर को राजभवन के समक्ष त्राहिमाम महाधरना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

यह निर्णय मोर्चा ने झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा, केंद्रीय कमेटी की बैठक में लिया गया है. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू और संचालन प्रधान महासचिव बिरेंद्र कुमार ने किया. यह बैठक कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के साथ किया गया. बैठक में विभिन्न मुद्दों और संगठन पर काफी विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में कहा गया कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग बहुत पहले से की जा रही है. सत्तारुढ गठबंधन की सरकार ने भी अपने चुनाव घोषणा-पत्र में वादा किया था कि ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाएगा.

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वैश्य मोर्चा ने पिछले दिनों भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अफसोस की बात है कि झारखंड के पिछड़े वर्ग की मांगों को अनसुना कर दिया जा रहा है. लोकतंत्र की बात करने वाली सरकार 55 फीसदी पिछड़े वर्ग की बात नहीं सुन रही है. बैठक में कहा गया कि यह सरकार वैश्य समाज के नेताओं, कार्यकर्ताओं, अधिकारियों, व्यवसायियों को निशाना बना रही है, जो लोकतंत्र के लिए कदापि ठीक नहीं है. वैश्य मोर्चा इसे कतई बरदास्त नहीं करेगी और सडकों पर उतर कर विरोध किया जाएगा.

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